आईसीसी वनडे वर्ल्ड कप 1983 की विजेता टीम (फोटो- सोशल मीडिया)
टीम इंडिया T20 वर्ल्ड कप जीतकर देश लौट चुकी है. गुरुवार (4 जुलाई) की सुबह 6 बजे भारतीय टीम चार्टर्ड फ्लाइट से दिल्ली पहुंची. क्रिकेट फैंस ने टीम का ग्रैंड वेलकम किया. यहां भारतीय टीम के खिलाड़ी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मिलने के लिए उनके आवास गए.
प्रधानमंत्री ने टीम इंडिया से मुलाकात कर अपनी शुभकामनाएं दीं. इसके बाद सभी खिलाड़ी मुंबई के लिए रवाना हुए. मुंबई में भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) की ओर से आयोजित विक्ट्री परेड वर्ल्ड चैंपियंस ने हिस्सा लिया. आखिर में वानखेड़े स्टेडियम में बीसीसीआई की ओर से टीम इंडिया को 125 करोड़ रुपये का इनाम दिया गया.
लता मंगेशकर का म्यूजिक कॉन्सर्ट
हालांकि एक समय ऐसा भी था जब BCCI के पास 1983 में पहली बार क्रिकेट विश्व कप जीतने वाली भारतीय टीम के खिलाड़ियों को इनाम देने के लिए पैसे भी नहीं थे. उस समय देश की मशहूर गायिका लता मंगेशकर आगे आई थीं और उन्होंने म्यूजिक कॉन्सर्ट करके भारतीय क्रिकेट टीम के लिए फंड जुटाया था. तब जाकर टीम के सभी खिलाड़ियों को एक-एक लाख रुपये की इनाम राशि दी गई थी. इसके लिए उन्होंने कोई फीस नहीं ली थी.
लता मंगेशकर क्रिकेट को काफी पसंद करती थीं. बीसीसीआई के मुश्किल समय में लता मंगेशकर के योगदान के लिए बोर्ड ने आभार के रूप में एक खास प्रस्ताव दिया था. बोर्ड ने यह तय किया था कि लता मंगेशकर जब तक जीवित रहेंगी, भारत के सभी स्टेडियम में मैच देखने के लिए उनके लिए दो सीटें रिजर्व रहेंगी.
भारत ने वेस्टइंडीज को दी थी शिकस्त
साल 1983 में कपिल देव की अगुवाई वाली भारतीय क्रिकेट टीम ने दो बार की वर्ल्ड चैंपियन वेस्टइंडीज को 43 रनों से हराकर पहली बार वनडे वर्ल्ड कप का खिताब अपने नाम किया था. वर्ल्ड कप के फाइनल में वेस्टइंडीज के कप्तान क्लाइव लॉयड ने टॉस जीतकर फील्डिंग करने का निर्णय लिया था. उस समय वनडे मैच 60-60 ओवरों का खेला जाता था.
भारतीय टीम पहले बल्लेबाजी करने उतरी लेकिन उसकी शुरुआत काफी खराब रही. 2 रन के स्कोर पर टीम को सुनील गावस्कर के रूप में पहला झटका लगा. एंडी रॉबर्ट्स की गेंद पर गावस्कर कैच आउट होकर पवेलियन लैट गए थे.
के. श्रीकांत ने बनाए थे सबसे ज्यादा रन
उसके बाद के. श्रीकांत ने मोहिंदर अमरनाथ के साथ मिलकर पारी को आगे बढ़ाया लेकिन 59 रन के स्कोर पर के श्रीकांत (38 रन) भी आउट हो गए. इस तरह के. श्रीकांत ने सबसे ज्यादा रन बनाए. उनके अलावा संदीप पाटिल (27 रन), मोहिंदर अमरनाथ (26 रन), मदन लाल (17 रन), कप्तान कपिल देव (15 रन), सैयद किरमानी (14 रन), यशपाल शर्मा और बलविंदर संधू ने 11-11 रनों का योगदान दिया था.
वेस्टइंडीज ने 20 रन अतिरिक्त के रूप में दिए थे. इस तरह से टीम इंडिया 54.4 ओवर में 183 रन बनाई थी. इसके बाद भारत के सामने दो बार की वर्ल्ड चैंपियन वेस्टइंडीज को 183 रन से पहले रोकने की बड़ी चुनौती थी, लेकिन भारतीय खिलाड़ियों ने हौसला बनाए रखा.
भारतीय गेंदबाजी के आगे वेस्टइंडीज ढेर
वेस्टइंडीज की टीम जब टारगेट का पीछा करने के लिए उतरी तो बलविंदर संधू ने ओपनर गॉर्डन ग्रीनिज (1 रन) को आउट कर भारत को पहली सफलता दिलाई. वेस्टइंडीज की ओर से दिग्गज बल्लेबाज विव रिचर्ड्स ने सर्वाधिक 33 रन बनाए. वहीं जेफ डुजोन (25 रन) अपनी टीम के लिए सर्वाधिक रन बनाने वाले दूसरे खिलाड़ी रहे.
इसके अलावा कोई भी कैरेबियाई खिलाड़ी 20 के आंकड़े को नहीं छू सके. भारतीय गेंदबाजों ने विपक्षी टीम को साझेदारी बनाने का मौका तक नहीं दिया और पूरी कैरेबियाई टीम 140 रन के स्कोर पर सिमट गई थी.
भारत के लिए मोहिंदर अमरनाथ और मदन लाल ने 3-3 विकेट चटकाए. बलविंदर संधू ने दो विकेट झटके. कप्तान कपिल देव और रोजर बिन्नी को एक-एक सफलता मिली. मोहिंदर अमरनाथ ने 7 ओवर की गेंदबाजी की, जिसमें 12 रन खर्च कर 3 खिलाड़ियों को चलता किया. उनके इस प्रदर्शन के लिए उन्हें प्लेयर ऑफ द मैच का अवॉर्ड दिया गया था.
खिलाड़ियों को मिलती थी इतनी फीस
भारत जब पहली बार क्रिकेट का वर्ल्ड चैंपियन बना था, उस समय मैच फीस के तौर पर खिलाड़ियों को मामूली सी राशि मिलती थी. 1983 के वनडे वर्ल्ड कप के समय हर खिलाड़ियों को मैच फीस के तौर पर 2,100 रुपये मिलते थे. इसमें से 1,500 रुपये मैच फीस और 600 रुपये दैनिक भत्ता शामिल था.
टीम के खिलाड़ी पैसे बचाने के लिए खुद से अपना कपड़े धोते थे. एक इंटरव्यू के दौरान भारतीय टीम के तत्कालीन कप्तान कपिल देव ने बताया था कि वर्ल्ड कप जीतने के बाद सभी खिलाड़ी एक रेस्टोरेंट में पार्टी कर रहे थे. इस दौरान वाइन और शैंपेन की बोतलें खुली थीं. तब तक सभी खिलाड़ियों के सारे पैसे खर्च हो गए थे. ऐसे में उन्हें टेंशन हो रही थी कि पार्टी का बिल कौन भरेगा. फिर किसी ने यह बिल भर दिया. हालांकि, पूर्व वर्ल्ड चैंपियन कपिल ने ये नहीं बताया कि बिल किसने चुकाया था. उनके लिए भी ये एक राज है जो आज तक खुल नहीं पाया.
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-भारत एक्सप्रेस
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