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केंद्र सरकार और NTA को 10 जुलाई तक हलफनामा दाखिल करने के आदेश, 11 जुलाई को SC में होगी अगली सुनवाई

एसजी तुषार मेहता से सीजेआई ने पूछा कि केंद्र ने क्या कदम उठाए हैं. कितनों को चिन्हित किया गया है. लेकिन यह ध्यान रखना होगा कि 24 लाख छात्रों की दोबारा परीक्षा होना मुश्किल है.

NEET Paper Case

नीट परीक्षा धांधली मामले CBI की बड़ी कार्रवाई.

नीट-UG 2024 धांधली मामले में दायर याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट 11 जुलाई को अगली सुनवाई करेगा. सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार, NTA और सीबीआई से 10 जुलाई शाम 5 बजे तक हलफनामा देने को कहा है. कोर्ट ने सीबीआई से प्रगति रिपोर्ट भी मांगी है. मामले की सुनवाई के दौरान सीजेआई ने NTA से पूछा है कि प्रश्न पत्र कब लीक हुआ? जिस तरीके से पेपर लीक/प्रसारित किए गए और लीक व परीक्षा के वास्तविक संचालन के बीच की समय अवधि क्या थी. कोर्ट ने कहा कि अगर परीक्षा की शुचिता नष्ट हो जाए तो पुनः परीक्षा का आदेश देना पड़ता है.

मामले की सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि हमने हर संभव कदम उठाए हैं. हम अदालत को हर सवाल का जवाब देंगे. सीजेआई ने याचिकाकर्ताओं से कहा कि आप दोबारा परीक्षा की मांग करने वाले सभी वकीलों के साथ बैठें. एक नोडल वकील दलील के लिए रखें. सीजेआई ने कहा कि जो सवाल उठाए गए हैं उन सवालों का जवाब केंद्र सरकार और NTA के वकील अगली सुनवाई में देंगे. सीजेआई ने कहा कि परीक्षा की पवित्रता प्रभावित हुई है यह तो स्पष्ट है! अगर परीक्षा वाले दिन ही बच्चों को पेपर मिला था और उसे याद किया गया, इसका मतलब पेपर केवल स्थानीय स्तर पर ही लीक हुआ था. लेकिन अगर हमे यह पता नहीं चलता कि कितने स्टूडेंट इसमें शामिल थे , तब दोबारा परीक्षा का आदेश देना पड़ेगा.

सीजेआई ने कहा कि हमें यह भी देखना होगा कि पेपर लीक कैसे हुआ. अगर सोशल मीडिया के जरिए हुआ , इसका मतलब पेपर लीक व्यापक पैमाने पर हुआ होगा! एसजी ने जोर दिया कि यह मसला कुछ राज्यों तक ही सीमित है. जिसपर सीजेआई ने कहा कि यही जानना है कि हकीकत क्या है? ऐसा नहीं होगा तो परिणाम रद्द कर फिर से परीक्षा करानी होगी. सीजेआई ने केंद्र सरकार और NTA से पूछा है कि साइबर अपराध से निपटने वाली कौन सी तकनीक है हमारे पास, क्या डेटा एनालेटिक्स से हम मार्क कर सकते हैं. 1-क्या हुआ था. 2-हम क्या कर सकते हैं. 3-लीक भविष्य में नहीं होगा. क्या हम मल्टी डिसिपेनरी कमेटी बना सकते हैं.

सीजेआई ने क्या कहा?

सीजेआई ने कहा कि आप जानते हैं कि हम यह क्यों पूछ रहे हैं. यदि हम इस निष्कर्ष पर पहुंचते हैं कि लीक और परीक्षा के बीच समय अंतराल अधिक नहीं था तो यह दोबारा परीक्षा के लिए प्रतिकूल है और यदि समय अंतराल व्यापक है तो यह दर्शाता है कि लीक व्यापक था. यदि पवित्रता प्रभावित होती है तो पुनः परीक्षण करना पड़ता है और यदि दोषी को इससे अलग नहीं किया जा सकता तो भी पुनः परीक्षण का आदेश देना होगा. सीजेआई ने याचिकाकर्ताओं से कहा कि 23 लाख से ज्यादा छात्रों की परीक्षा की तैयारी, उनका खर्च और आवाजाही, मेहनत. सब देखते हुए इसमें उचित निष्कर्ष तक पहुंचना होगा.

एसजी तुषार मेहता से सीजेआई ने पूछा कि केंद्र ने क्या कदम उठाए हैं. कितनों को चिन्हित किया गया है. लेकिन यह ध्यान रखना होगा कि 24 लाख छात्रों की दोबारा परीक्षा होना मुश्किल है. अगर हम देखें कि यह लीक सोशल मीडिया पर था तो यह बेहद व्यापक है. अगर यह टेलीग्राम व्हाट्सएप के माध्यम से है तो यह जंगल की आग की तरह फैल गया होगा.

सीबीआई इस मामले की जांच कर रही

बता दें कि इस मामले में दायर याचिका पर केंद्र सरकार और NTA हलफनामा दायर कर कहा है कि NEET-UG को रद्द करना उचित नहीं है, क्योंकि अगर परीक्षा रद्द की जाती है तो यह होनहार छात्रों के साथ धोखा होगा. NTA ने कहा है कि पेपर लीक की सूचना मिलते ही सभी जरूरी कदम उठाए गए थे. NTA ने कहा है कि कई राज्यों में NEET पेपर लीक की शिकायतें आई हैं, और इसलिए सीबीआई इस मामले की जांच कर रही है. NTA ने यह भी कहा है कि इससे जुड़े मामलों में गिरफ्तारियां भी की गई हैं और पेपर लीक करने वाले संगठित गिरोह के साथ ही उसके सरगना की तलाश लगातार जारी है.

NTA ने कहा है कि शिक्षा मंत्रालय की ओर से एक हाई लेवल कमेटी NTA को बेहतर बनाने और परीक्षाओं को सही तरीके से कराने और सुझाव देने के संबंध में गठित की गई है. इस कमेटी का नेतृत्व पूर्व इसरो चेयरमैन डॉक्टर के राधाकृष्णन कर रहे है, जो दो माह में मंत्रालय को रिपोर्ट सौंपेंगे. पेपर लीक करने के पीछे संगठित गिरोह और सरगना का पता लगाने के लिए लगातार जांच जारी है. सरकार ने हाल ही में लागू किये गए सार्वजनिक परीक्षा कानून का हवाला दिया और कहा कि भविष्य में ऐसे मामलों में दोषियों के खिलाफ सख्ती से निपटा जा सके इसके लिए सरकार सख्त कानून लेकर आई है.

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वहीं बिहार की आर्थिक अपराध इकाई द्वारा दायर हलफनामे में कहा गया है कि 5 मई 2024 को पटना पुलिस को NEET परीक्षा में गड़बड़ी की शिकायत मिली थी, जिसके आधार पर पटना पुलिस ने 13 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. इन 13 आरोपियों में से चार आरोपी वो छात्र हैं जो परीक्षा में शामिल हुए थे. गिरफ्तारी के समय कुछ संदिग्ध दस्तावेज और मोबाइल भी जब्त किए गए. आरोपियों को पूछताछ के बाद न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है. बिहार पुलिस ने इस मामले में 8 सदस्यीय एसआईटी का गठन किया है. बिहार पुलिस जब इस जांच में आगे बढ़ी तो पाया कि बहुत से लोग इसमें शामिल हैं. साथ ही नीट धांधली के तार दूसरे राज्य झारखंड से भी जुड़े हैं.

-भारत एक्सप्रेस

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