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अमेरिकी राजदूत एरिक गार्सेटी ने किया अडानी ग्रुप की खावड़ा प्रोजेक्ट साइट का दौरा, गौतम अडानी से ऐसे हुई मुलाकात

खावड़ा परियोजना स्थल पर अमेरिकी राजदूत की यात्रा को भारत के सबसे बड़े इंफ्रास्ट्रक्चर समूह में अमेरिकी सरकार के विश्वास के संकेत के रूप में देखा जा रहा है.

US Ambassador

Eric Garcetti Visits Khavda project: भारत में अमेरिकी राजदूत एरिक गार्सेटी ने अडानी ग्रुप की खावड़ा अक्षय ऊर्जा परियोजना का दौरा किया – जो दुनिया की सबसे बड़ी परियोजनाओं में से एक है. अमेरिकी राजदूत का वहां जाना इस बात को जाहिर करता है कि अडानी ग्रुप हिंडनबर्ग के हमले से आगे बढ़ गया है और उसे वैश्विक स्तर पर खूब समर्थन मिल रहा है.

अमेरिकी राजदूत एरिक गार्सेटी ने 16 जुलाई को खावड़ा का दौरा करने के बाद सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर तस्वीरें पोस्ट कीं. उन्होंने एक पोस्ट में कहा, “गुजरात में खावड़ा अक्षय ऊर्जा फैसेलिटी पर जाना मेरे लिए अच्छा अनुभव रहा. वहां मैंने @AdaniGreen की अभिनव परियोजनाओं के बारे में जाना जो भारत के जीरो-उत्सर्जन लक्ष्यों को आगे बढ़ा रही हैं. वो सतत ऊर्जा पर्यावरण संरक्षण की आधारशिला है, और हमारी द्विपक्षीय साझेदारी इस क्षेत्र और दुनिया के लिए एक स्वच्छ और हरित भविष्य के समाधान को आकार देने की कुंजी है.”
Eric Garcetti

गौरतलब हो कि अडानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड गुजरात के कच्छ में खावड़ा में बंजर भूमि पर 30,000 मेगावाट की दुनिया की सबसे बड़ी अक्षय ऊर्जा परियोजना विकसित कर रही है. 538 वर्ग किलोमीटर में बना यह पार्क पेरिस से पांच गुना बड़ा है और मुंबई शहर जितना बड़ा है. AGEL ने काम शुरू करने के 12 महीनों के भीतर 2,000 मेगावाट संचयी सौर क्षमता या नियोजित 30,000 मेगावाट का 6% चालू कर दिया है और पूरी परियोजना 2030 तक पूरी होनी है.

गौतम अडानी ने की एरिक गार्सेटी की तारीफ

ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडानी ने गार्सेटी के साथ एक तस्वीर पोस्ट करके और उनके दौरे के लिए धन्यवाद दिया. उन्होंने कहा, “खावड़ा और मुंद्रा पोर्ट स्थित 30 गीगावाट रिन्यूएबल एनर्जी साइट पर अमेरिकी राजदूत के दौरे के लिए मैं @USAmbIndia का आभारी हूं. मिस्टर एरिक गार्सेटी को देश में कड़क चाय पीने से लेकर होली मनाने, क्रिकेट खेलने से लेकर हिंदी में बात करने और हर दिन छोले भटूरे खाने तक, भारतीय संस्कृति को अपनाते हुए देखना अद्भुत है!”

अमेरिकी शॉर्ट-सेलर हिंडनबर्ग ने मचाया था बवाल

एरिक गार्सेटी की इस यात्रा को भारत के सबसे बड़े बुनियादी ढांचा समूह में अमेरिकी सरकार के भरोसे के संकेत के रूप में देखा जा रहा है. उनका यह दौरा अमेरिकी शॉर्ट-सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च द्वारा अडानी समूह पर कॉर्पोरेट धोखाधड़ी और स्टॉक हेरफेर का आरोप लगाने के कुछ महीनों बाद हुआ है. अडानी समूह ने बार-बार सभी आरोपों का खंडन किया है और अपनी अधिकांश सूचीबद्ध कंपनियों के साथ वापसी की कहानी लिखी है, जो हिंडनबर्ग रिपोर्ट के कारण हुए घाटे को मिटा रही है. अडानी समूह भारत की रणनीतिक बुनियादी ढांचा पहलों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता रहा है.

— भारत एक्सप्रेस



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