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दोबारा नहीं होगी NEET-UG परीक्षा, सुप्रीम कोर्ट ने किया इनकार

कोर्ट ने कहा हम दागी और बेदागी छात्र को अलग कर सकते है। कोर्ट ने कहा कि जांच के दौरान कोई दागी मिलता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई होगी। अगर कोई छात्र इसमें शामिल पाया गया तो उसका दाखिला नही होगा।

Supreme Court

सुप्रीम कोर्ट

NEET UG 2024: नीट-यूजी 2024 धांधली मामले में दायर याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट के बड़ा फैसला सुनाया है। कोर्ट ने दोबारा परीक्षा के आदेश देने से इनकार कर दिया है। कोर्ट ने कहा हम दागी और बेदागी छात्र को अलग कर सकते है। कोर्ट ने कहा कि जांच के दौरान कोई दागी मिलता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई होगी। अगर कोई छात्र इसमें शामिल पाया गया तो उसका दाखिला नही होगा। कोर्ट ने कहा कि बड़े पैमाने पर सबूत नही मिला है। सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि अगर हम दोबारा परीक्षा का आदेश देते हैं तो छात्रों को पता होना चाहिए कि उन्हें तैयारी शुरू करनी होगी और अगर हम नहीं करते हैं तो उन्हें यह भी जानना चाहिए। सीजेआई ने कहा कि हम छात्रों को लटकाए नहीं रख सकते। इसलिए हमें सुनवाई आज ही खत्म करनी होगी।. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि भविष्य में इस तरह दुबारा धाधली ना हो इसके लिए हम दिशा निर्देश करेंगे ।

बहस के लिए 20-25 मिनट से ज्यादा नहीं लूंगा

सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि मैं बहस के लिए 20-25 मिनट से ज्यादा नहीं लूंगा। अभी पेपर लीक लाभार्थियों का आंकड़ा 155 को पार नहीं करेगा। IIT दिल्ली ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि उसके भौतिकी विशेषज्ञों की राय है कि एक प्रश्न के लिए सिर्फ एक विकल्प – “परमाणु विद्युत रूप से तटस्थ होते हैं क्योंकि उनमें समान संख्या में सकारात्मक और नकारात्मक चार्ज होते हैं” – सही है। IIT दिल्ली ने कहा कि दूसरा विकल्प – “प्रत्येक तत्व के परमाणु स्थिर हैं और अपने विशिष्ट स्पेक्ट्रम का उत्सर्जन करते हैं” – सही है। NTA ने दोनों विकल्पों में से किसी एक को सही चुनने वालों को पूरे 4 अंक देने का फैसला किया था। करीब 9 लाख उम्मीदवारों ने पहला विकल्प चुना था। जबकि 4 लाख से अधिक ने दूसरा विकल्प चुना था। अब उन्हें 5 अंक (प्रश्न के लिए 4 प्लस 1 नकारात्मक अंक) का नुकसान होगा।

सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा

सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि NEET-UG की परीक्षा में व्यापक स्तर और गड़बड़ी नहीं हुई है। क्योंकि टॉप 100 कैंडिडेट 95 सेन्टर और 56 शहरों से है। सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि याचिकाकर्ताओं ने कुछ सेंटर मे गड़बड़ी की ओर इशारा किया है। लेकिन य़ह 24 लाख छात्रों से जुड़ा मसला है। कोर्ट को य़ह देखना होगा कि क्या गड़बड़ी का पूरे देश पर असर हुआ है। इसका जवाब है कि पूरे देश पर कोई असर नहीं हुआ है।

याचिकाकर्ता के वकील ने कहा

सीजेआई ने कहा कि शुरुआत में गलत केनरा बैंक का पेपर दिया गया था?याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि कुछ सेंटर पर प्रश्नपत्र अलग-अलग भाषा के माध्यम वाले भी दिए गए थे। जिनमें सवाई माधवपुर, राजस्थान और गाजियाबाद शामिल थे। इसपर सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि गाजियाबाद के बारे में इस तरह की कोई जानकारी नहीं है। सीजेआई ने पूछा कि इसका पता कब चला? याचिकाकर्ता ने कोर्ट को बताया कि सवाई माधवपुर में छात्रों को ढाई बजे सोशल मीडिया पर पता चल, यह हलफनामे मे कहा गया है। दो बजे परीक्षा शुरू हुई, प्रश्न पत्र दिए गए और छात्रों ने शिकायत की कि यह मेरे मीडियम का पेपर ही नहीं है। जबकि य़ह बात NTA को उसी दिन साढ़े चार बजे पता चली। सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि NEET मे पर्सेंटाइल सिस्टम है और पर्सेंटाइल एक आंकड़ा है जो गणना के बाद आता है और इस परीक्षा में पर्सेंटाइल 50 था जो इस परीक्षा में 164 अंक आया है जबकि पिछले साल यह अंक 137 था। इससे य़ह पता चलता है कि इस साल छात्रों की संख्या में वृद्धि हुई है और 24 लाख छात्रों का यह बैच अधिक मेहनती था और पाठ्यक्रम कम किया गया था।

SJ ने पर्सेंटाइल को लेकर बताया कि

सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने पर्सेंटाइल को लेकर बताया कि 24 लाख छात्रों में से 12 लाख 164 मार्क्स से नीचे होंगे और उतने ही उसके ऊपर होंगे। ऐसे में 164 नंबर से ऊपर पाने वाले योग्य छात्रों को प्रवेश मिलेगा बाकी को प्रवेश नहीं मिलेगा। सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि कई साल पहले यह पाया गया था कि मैनेजमेंट कोटे की सीटें ऐसे छात्रों से भरी गई थीं जो योग्य भी नहीं थे, छत्तीसगढ़, नारायणपुर में सबसे कम पर्सेंटाइल है। प्रतियोगी परीक्षाओं और UPSC जैसी परीक्षाओं के कोचिंग सेंटरों के लिए कोटा, सीकर, कोट्टायम, नमक्कल, राजकोट जैसे कुछ केंद्र हैं, हालिया वेबसीरीज में इसे फैक्ट्री शब्द का इस्तेमाल किया गया है। सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि सफलता दर को देखने से य़ह पता चलता है कि बिहार और झारखण्ड मे सफलता दर पिछले वर्षों से मेल खाती है। बिहार (पटना) सफलता दर 49.22 प्रतिशत रही जबकि झारखंड हजारीबाग की सफलता दर 47.28 प्रतिशत रही।

अधिक संख्या में उम्मीदवारों को प्रतिस्पर्धा करने का अवसर मिला

सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि हमने कुछ समय के लिए विंडो ओपन किया था जिसके परिणामस्वरूप अधिक संख्या में उम्मीदवारों को प्रतिस्पर्धा करने का अवसर मिला, इससे किसी भी गलत काम का दूर-दूर तक कोई अनुमान नहीं लगता, लेकिन जो बात नहीं बताई गई वह यह थी कि 23 लाख छात्रों में से जिन लोगों ने केंद्र बदलने के लिए पोर्टल का उपयोग किया, उनकी संख्या मात्र 14 हजार थी। सीजेआई ने पूछा कि क्या जब कोई छात्र सेंटर में किसी बदलाव के लिए आवेदन करता है तो क्या आप कोई दस्तावेज मांगते हैं या कारण पूछते हैं? इसके अलावा य़ह भी पूछा कि क्या आप देश में किसी भी सेंटर का विकल्प चुन सकते हैं? एसजी ने बताया कि शहर का विकल्प है लेकिन केंद्र का नहीं है, हम इस बात पर सवाल नहीं करते कि बदलाव के लिए आपका मांग उचित है या नहीं। SG ने कहा कि जांच के बाद हमें जो जले हुए प्रश्नपत्र मिले, उनमें छात्रों का यूनिक कोड था।

कोर्ट के पास ओएसिस स्कूल का CCTV फुटेज है

हमारे पास ओएसिस स्कूल का CCTV फुटेज है। जिसके मुताबिक सुबह लगभग आठ बजे एक व्यक्ति ट्रक में प्रवेश करता है, वह प्रश्नपत्र सॉल्वर को देता है। वहा आठ सॉल्वर मौजूद थे। उन सभी को प्रश्नपत्र बाट दिए गए उनको हल करने के लिए। एसजी ने कहा कि ऐसा करने वाले मोबाइल नहीं रखते क्योंकि वह नहीं चाहते कि साल्व पेपर लीक होकर उन लोगों तक पहुंचे जिन्होंने पैसे का भुगतान नहीं किया है। अब जब प्रश्नपत्र जल गए हैं, तो एक प्रश्नपत्र में एक लड़की का नंबर था। जिसने बाद में शिकायत की थी कि उसके प्रश्नपत्र के साथ छेड़छाड़ की गई है। सीजेआई ने कहा कि अगर आप लाइटर से किसी प्लास्टिक को दोबारा सील करेंगे तो उस पर जलने के निशान होंगे और साथ ही जब आरोपियों ने कई महीने पहले किसी स्तर पर साजिश रची थी तो उन्होंने छोटे स्तर पर कैसे फोकस किया क्योंकि य़ह मानव स्वभाव है कि आप अधिक लाभ कमाना चाहते हैं। एसजीने कहा कि वह लोग नहीं चाहते थे कि पेपर उन लोगों तक पहुंचे जिन्होंने इसके लिए भुगतान नहीं किया और पुलिस की पकड़ में न आ सके।

पेपर बस एक जगह लीक हुआ है

सीजेआई ने कहा कि हम जानते हैं कि एक जगह लीक हुआ था और इसकी शुरुआत हजारीबाग से हुई थी और व्हाट्सएप मैसेज पटना भेजा गया था। हम इस बात को लेकर अभी भी श्योर नही हैं कि लीक का समय क्या था? क्या कोई फोरेंसिक डेटा है जो यह दिखा सके कि सभी मैसेज कहां भेजे गए और उनके लिए किन माध्यमों का प्रयोग किया गया। उन्होंने पूछा कि क्या कोई मोबाइल भी जब्त किया गया है। NTA के अधिकारियों ने कहा कि हमें उनकी फोरेंसिक जांच करनी होगी। FSL रिपोर्ट से पता चलेगा कि वह पटना गया था या नहीं। सीजेआई ने कहा कि कल मैं कहीं पढ़ रहा था कि मोबाइल किसी नदी में फेंके गए थे। एसजी ने कहा कि हां हमने उसे बरामद कर लिया है। सीजेआई ने कहा पहले हमने सोचा था कि सॉल्वर को पेपर 45 मिनट दिए गए थे लेकिन उसे साढ़े आठ बजे ही पेपर मिल गए थे।

CJI ने NTA से पूछा था

NTA ने कहा कि सॉल्वर का बयान है कि उन्हें सुबह नौ बजकर 24 मिनट पर पेपर भेजे गए थे। सीजेआई ने फिर कहा कि लेकिन मुख्य साजिशकर्ता का फोन अभी नहीं मिल पाया है। जिससे समय की पुष्टि हो सके। CJI ने पूछा कंट्रोल रूम के ताले की चाभी किसके कब्जे में थी। NTA ने बताया कि वहां दो दरवाजे थे। एक दरवाजा सबके सामने बंद कर दिया गया और चाबी केंद्र अधीक्षक को दे दी गई जबकि पीछे का दरवाजा जानबूझकर खुला रखा गया। सुबह आठ बजे से पहले मुख्य दरवाजा बंद कर दिया गया था और सुबह आठ बजे के बाद व्यक्ति पीछे के दरवाजे से अंदर चला गया और वो लोग सुबह साढ़े नौ बजे कंट्रोल रूम से चले गए। सीजेआई ने कहा कि इसका मतलब वो लोग डेढ़ घंटे तक अंदर रहे? वहीं जस्टिस पारदीवाला ने कंट्रोल रूम के आसपास की सुरक्षा के बारे में पूछा?

-भारत एक्सप्रेस



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