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शोले में ‘गब्बर’ बन कर लोगों को डराया, तो अमजद खान ने अपनी इस फिल्म से फैंस को खूब हंसाया

Amjad Khan Death Anniversary: शोले का गब्बर सिंह यानी अमजद खान भले ही इस दुनिया में नहीं हैं, लेकिन आज भी लाखों लोगों के दिल में राज करते हैं

Amjad Khan Death Anniversary

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Amjad Khan Death Anniversary: ‘शोले’ का गब्बर सिंह यानी अमजद खान भले ही इस दुनिया में नहीं हैं, लेकिन आज भी लाखों लोगों के दिल में राज करते हैं. जी हां भारतीय सिनेमा की सर्वेश्रेष्ठ फिल्मों में शुमार ‘शोले’ का दमदार किरदार है गब्बर, जिसे सिल्वर स्क्रीन पर जिंदा किया अमजद खान ने. डायलॉग डिलीवरी से लेकर चलने का अंदाज सब कुछ सिनेमा देखने वालों के जेहन में ताजा है. उसी गब्बर की आज पुण्यतिथि है. बता दें 27 जुलाई 1992 को हार्ट अटैक की वजह से अमजद खान का देहांत हो गया था.

बेस्ट कॉमेडियन का फिल्म फेयर पुरस्कार मिला

कितने आदमी थे… तेरा क्या होगा कालिया, जो डर गया वो समझो मर गया. ये महज डायलॉग्स नहीं बल्कि अमजद खान के करियर को परिभाषित करने वाले क्षण थे. हिंदी सिनेमा जगत को ‘शोले’ के रूप में एवरग्रीन फिल्म मिली तो गब्बर के तौर पर अमजद खान जैसा खलनायक भी. अमजद ने अपने नाम के मुताबिक ही गौरव के कई पलों से सिनेमा प्रेमियों को नवाजा. उन्होंने खुद को किरदार में नहीं बांधा. पंखों को फैलाया और कॉमेडी से गुदगुदाया भी. यही वजह थी कि उन्हें हंसाने के लिए बेस्ट कॉमेडियन का फिल्म फेयर पुरस्कार भी मिला.

अमजद खान विरासत में मिली है एक्टिंग (Amjad Khan Death Anniversary)

फिल्म थी 1985 में आई ‘मां कसम’. इसके अलावा भी एक फिल्म उनकी कॉमिक टाइमिंग को लेकर काफी पसंद की जाती है और वो है ‘चमेली की शादी’, जिसमें उन्होंने वकील की भूमिका निभाई थी. अमजद को विरासत में एक्टिंग मिली। उनके पिता जाने माने कलाकार जयंत थे. जयंत बंटवारे के बाद पेशावर से मुंबई शिफ्ट हो गए थे.

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12 नवंबर 1940 को मुंबई के मुस्लिम फैमिली में अमजद खान का जन्म हुआ. शुरुआती शिक्षा सेंट एंड्रयूज हाई स्कूल बांद्रा में हुई. इसके बाद उन्होंने आरडी नेशनल कॉलेज से पढ़ाई की. अमजद ने कम उम्र में ही थियेटर का रूख कर लिया. उन्होंने पिता जयंत के साथ अपनी पहली फिल्म 11 साल की उम्र में की, जिसका नाम ‘नाजनीन’ (1951) था. छह साल बाद वह अपनी दूसरी फिल्म ‘अब दिल्ली दूर नहीं’ (1957) में दिखाई दिए. उस दौरान उनकी उम्र महज 17 साल थी. एक्टर फिल्म ‘हिंदुस्तान की कसम’ (1973) में भी नजर आए.

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