सीएम हेमंत सोरेन.
Land Scam Case: जमीन से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. सुप्रीम कोर्ट ने हेमंत सोरेन को झारखंड हाई कोर्ट द्वारा जमानत देने के फैसले के खिलाफ दायर ईडी की याचिका को खारिज कर दिया है. कोर्ट ने कहा कि हाई कोर्ट का यह फैसला सही है. कोर्ट ने कहा कि हाईकोर्ट ने इस केस में तथ्यों को परखकर फैसले के पीछे का कारण दर्ज करते हुए ही उचित फैसला दिया है.
दखल देने का कोई औचित्य नहीं-SC
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हाई कोर्ट के फैसले में दख़ल देने का कोई औचित्य नहीं बनता है. हालांकि कोर्ट ने साफ कर दिया है कि सोरेन के खिलाफ केस की मेरिट को लेकर हाई कोर्ट के फैसले में की गई टिप्पणियों से निचली अदालत प्रभावित ना हो. बता दें कि हाईकोर्ट ने हेमंत सोरेन को जमानत देते हुए कहा था कि सोरेन के खिलाफ प्रथम दृष्टया ऐसे कोई सबूत नहीं हैं, जिसके चलते उनके खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का मामला बनता हो.
हाइकोर्ट में सुनवाई के दौरान ईडी ने कहा था कि यदि सोरेन को जमानत पर रिहा किया गया तो वह इसी तरह का अपराध कर सकते हैं और उन्होंने अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति पुलिस थानों में ईडी अधिकारियों के खिलाफ दर्ज मामलों का हवाला दिया था. लेकिन कोर्ट ने दलीलों को खारिज करते हुए जमानत दे दिया था.
जमीन घोटाले का आरोप
हेमंत सोरेन पर जमीन से जुड़े मामले में धन शोधन का आरोप है. सोरेन के खिलाफ चल रही जांच रांची में 8.86 एकड़ जमीन से जुड़ी है. ईडी का आरोप है कि इसे अवैध रूप से कब्जे में लिया गया था. ईडी ने सोरेन और सोरेन के कथित फ्रंटमैन राज कुमार पाहन और हिलारियास कच्छप तथा पूर्व मुख्यमंत्री के कथित सहयोगी बिनोद सिंह के खिलाफ 30 मार्च को यहां विशेष पीएमएलए अदालत में आरोप पत्र दायर किया था. सोरेन ने रांची की एक विशेष अदालत के समक्ष जमानत याचिका दायर की थी, जिसमें उन्होंने यह आरोप लगाया कि उनकी गिरफ्तारी राजनीति से प्रेरित और उन्हें भाजपा में शामिल होने के लिए मजबूर करने की एक सुनियोजित साजिश का हिस्सा थी.
-भारत एक्सप्रेस
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