बिहार में पुलों के गिरने का मामला.
बिहार में लगातार गिर रहे पुल की जांच की मांग को लेकर दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. चार सप्ताह बाद कोर्ट इस मामले में अगली सुनवाई करेगा. बिहार के रहने वाले वकील ब्रजेश सिंह ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है. याचिका में बिहार सरकार को निर्देश देने की मांग की गई है कि राज्य में सभी मौजूदा और निर्माणाधीन पुलों का ऑडिट कराया जाए. राज्य में पुल ढहने की घटनाओं को ध्यान में रखते हुए पुराने और कमजोर पुल या तो गिराए जाएं या फिर से उसका निर्माण कराया जाए.
दो साल में कई बड़े निर्माणाधीन पुल गिरे
याचिकाकर्ता ने कहा कि दो साल के भीतर तीन बड़े निर्माणाधीन पुल और बड़े मध्यम और छोटे पुलों की ढहने की कई अन्य घटनाएं हुई हैं. उन्होंने कहा कि इन घटनाओं में कुछ लोगों की मौत हो गई और कई घायल भी हुए. उन्होंने कहा कि भविष्य में सरकार की घोर लापरवाही और ठेकेदारों और संबंधित एजेंसियों के भ्रष्ट गठजोड़ के कारण और भी घटनाएं हो सकती हैं. याचिका में सिवान, मधुबनी, किशनगंज और अन्य की घटनाओं का उल्लेख है.
सुप्रीम कोर्ट मामले का ले संज्ञान
याचिकाकर्ता के मुताबिक यह बहुत चिंता की बात है कि बाढ़ जैसे इलाकों में लगातार पुल गिर रहे हैं. बिहार में पुलों की गिरने की ऐसी घटनाएं सही नहीं हैं. इसलिए सुप्रीम कोर्ट तत्काल कदम उठाए. बिहार में निर्मित, पुराने और निर्माणाधीन पुलों की वास्तविक समय निगरानी के लिए उचित नीति या तंत्र बनाने का निर्देश दिया जाए. बिहार के क्षेत्र में आने वाले पुलों के लिए सेंसर का उपयोग करके पुलों की मजबूती की निगरानी के लिए एक अनिवार्य दिशा-निर्देश के रूप में जारी किया जाए. एक कुशल स्थायी निकाय बनाने का निर्देश दिया जाए, जिसमें संबंधित दायर से उच्च स्तरीय विशेषज्ञ शामिल हों या बिहार में सभी मौजूदा और निर्माणाधीन पुलों की निरंतर निगरानी और राज्य में सभी मौजूदा पुलों के स्वास्थ्य पर व्यापक डेटाबेस बनाया जाए. एक दिन में सिवान में तीन पुल ध्वस्त हो गए.
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वहीं छपरा में दो पुल ध्वस्त हो गए. सिवान में पुल टूटने की पहली घटना महराजगंज अनुमंडल के देवरिया गांव में घटी. जहां गंडक नदी पर बना पुल का एक पिलर धंस गया और पुल टूट गया. बताया जा रहा है कि यह पुल 40 साल पुराना था. याचिकाकर्ता ने बिहार के मुख्य सचिव, अपर मुख्य सचिव, पथ निर्माण, बिहार राज्य पुल निर्माण निगम लिमिटेड के अध्यक्ष, सचिव सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय सहित अन्य को पार्टी बनाया है. बता दें कि 18 जून को अररिया में 12 करोड़ की लागत से बकरा नदी के ऊपर बना रहा पुल ध्वस्त हो गया था. इसके बाद 22 जून को सिवान में गंडक नदी पर बना पुल गिर गया. बताया जाता है कि यह पुल करीब 40 से 45 साल पुराना था.
-भारत एक्सप्रेस
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