Bharat Express

Viral News: क्या आप भी दरवाजा खोलते समय Push और Pull में हो जाते हैं कन्फ्यूज ? जानें अक्सर लोगों के साथ क्यों होता है ऐसा?

हम जब किसी ऑफिस में या किसी जगह पर या शॉप में एंट्री करते हैं तो वहां पर पुश और पुल दरवाजे पर लिखा रहता है.

push and pull

सांकेतिक फोटो-सोशल मीडिया

Viral News: इस भाग दौड़ भरी जिंदगी में अक्सर लोग छोटी-छोटी बातों को भूल जाते हैं. ये अब बहुत ही सामान्य सी बात हो गई है. अक्सर तो लोग रूटीन के कार्यों को भी भूल जाते हैं. मसलन कभी-कभी तो लोग दरवाजे या बाइक में लॉक करने के बाद चाबी तक निकालना भूल जाते हैं.

कभी-कभी दरवाजा बंद करना ही लोगों को याद नहीं रहता. तो कई बार देखा गया है कि हम जब किसी ऑफिस में या किसी जगह पर या शॉप में जाते हैं तो प्रवेश करते समय दरवाजे पर पुश (Push) और पुल (Pull) लिखा रहता है. इस मामले में अक्सर देखा गया है कि लोग पुश की जगह पर पुल और पुल की जगह पर पुष कर देते हैं.

इस मामले में अक्सर देखा जाता है कि पढ़े-लिखे लोग भी पुश और पुल को समझने की भूल कर बैठते हैं. यानी जब दरवाजे को धकेल कर खोलकर अंदर जाना होता है, तब व्यक्ति उसे खींचने की कोशिश करता है. बता दें कि पुश का मतलब होता है धकेल कर दरवाजा खोलना और पुल का मतलब होता है खींचकर दरवाजा खोलना, लेकिन अक्सर ही लोग इस मामले में उल्टा कर बैठते हैं. कभी-कभी तो लोगों को इसको लेकर काफी शर्मिंदगी भी उठानी पड़ती है और वे हंसी का पात्र हो जाते हैं.

ये भी पढ़ें-कॉलेज में नमाज के लिए कमरा न मिलने पर छात्राओं ने काटा हंगामा, विरोध प्रदर्शन जारी

मालूम हो कि अक्सर कांच के दरवाजे पर ही पुश और पुल लिखा होता है. अंदर बैठा शख्स कई बार पुल और पुल से कंफ्यूज व्यक्ति को देखकर हंसता है या कई लोग उसे इस रूप में देखकर के अलग नजरिए से देखते हैं और वे समझते हैं कि इसे अंग्रेजी पढ़ना नहीं आता है. तो वहीं अगर किसी कार के दरवाजे को खोलने के मामले में देखा जाए तो अक्सर बाहर से दरवाजा खोलते समय हमारा हाथ अपने आप दरवाजे को अपनी तरफ खींचता है. तो वहीं हमारा दिमाग दरवाजा खोलने को लेकर Pull करने का आदी हो जाता है.

अगर कहीं दरवाजे पर हैंडल लगा दिखता है, तो अपने आप ऑटोमैटिक तरीके से आपका हाथ Pull करता है. अब दरवाजा खोलने से पहले आप इतना नहीं सोंचते हैं. यही वजह है कि दरवाजा खोलते समय Push और Pull को देखकर लोग कन्फ्यूज हो जाते हैं और कभी-कभी तो स्थिति इतनी विकट हो जाती है कि हम हंसी का पात्र भी हो जाते हैं.

-भारत एक्सप्रेस



इस तरह की अन्य खबरें पढ़ने के लिए भारत एक्सप्रेस न्यूज़ ऐप डाउनलोड करें.

Also Read