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Anshuman Gaekwad: पूर्व भारतीय खिलाड़ी और कोच अंशुमान गायकवाड़ का कैंसर से निधन; पाकिस्तान को इस तरह से दिया था कभी न भूलने वाला जख्म

वह पिछले महीने देश लौटने से पहले लंदन के किंग्स कॉलेज अस्पताल में ब्लड कैंसर का इलाज करा रहे थे.

Anshuman Gaekwad

फाइल फोटो-सोशल मीडिया

Anshuman Gaekwad: बुधवार को भारत के पूर्व क्रिकेटर अंशुमान गायकवाड़ का कैंसर से लंबी लड़ाई के बाद निधन हो गया. वह 71 वर्ष के थे. उनके निधन से खेल जगत में शोक की लहर दौड़ गई है. वह पिछले महीने देश लौटने से पहले लंदन के किंग्स कॉलेज अस्पताल में ब्लड कैंसर का इलाज करा रहे थे. वह 2000 आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी में उपविजेता रही भारतीय टीम के कोच भी थे. गायकवाड़ ने भारत के लिए 40 टेस्ट और 15 वनडे मैच खेले.

बीसीसीआई ने भी दी थी मदद

गायकवाड़ ने 22 साल के करियर में 205 प्रथम श्रेणी मैच भी खेले. बाद में उन्होंने भारतीय टीम के कोच का पद संभाला. उनके शानदार पल 1998 में शारजाह में और फिरोजशाह कोटला में एक टेस्ट मैच में आए, जब अनिल कुंबले ने 1999 में पाकिस्तान के खिलाफ एक पारी में सभी 10 विकेट हासिल कर लिए थे. बता दें कि हाल ही में बीसीसीआई ने गायकवाड़ के इलाज के लिए एक करोड़ रुपए की सहायता राशि की आर्थिक मदद भी की थी. इसके अलावा 1983 विश्व कप विजेता टीम के सदस्यों ने भी उनकी आर्थिक मदद के लिए आगे हाथ बढ़ाया था.

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कोचिंग भी दे चुके हैं टीम इंडिया को

सलामी बल्लेबाज अंशुमन गायकवाड़ अपनी डिफेंसिव टेक्निक के लिए जाने जाते थे. बता दें कि अंशुमन गायकवाड़ उस समय भी टीम इंडिया के कोच थे जब अनिल कुंबले ने दिल्ली के फिरोजशाह कोटला में पाकिस्तान के खिलाफ 1999 में टेस्ट पारी में 10 विकेट चटकाए थे. युवा हरभजन सिंह ने उनके नेतृत्व में टेस्ट क्रिकेट में डेब्यू किया और जिस तरह से उन्होंने खुद को पेश किया, उसके लिए वह हमेशा ‘अंगशु सर’ के बारे में पूरी निष्ठा से बात किया करते थे. 1974 और 1984 के बीच भारतीय टीम में सुनील गावस्कर के साथी के रूप में दूसरे सलामी बल्लेबाज की भूमिका के लिए चेतन चौहान और उनके बीच प्रतिद्वंद्विता रही.

दिग्गज बल्लेबाज सुनील गावस्कर के माने जाते थे दायां हाथ

अंशुमान गायकवाड़ ने दिग्गज बल्लेबाज सुनील गावस्कर के साथ ओपनिंग भी की है. उनको उस समय सुनील गावस्कर का दायां हाथ माना जाता था. अंशुमन गायकवाड़ ने सितंबर 1983 में पाकिस्तान के खिलाफ एक ऐसी पारी खेली थी, जिसे कोई भी भारतीय फैन कभी नहीं भूल पाएगा. अंशुमन गायकवाड़ ने सितंबर 1983 में खेले गए जालंधर टेस्ट मैच में 671 मिनट तक बल्लेबाजी कर पाकिस्तानी गेंदबाजों को परेशान करके रख दिया था. क्योंकि तब अंशुमन गायकवाड़ ने 436 गेंदों में 201 रन बनाए थे, जिसमें 17 चौके शामिल रहे.

-भारत एक्सप्रेस



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