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Paris Olympics 2024 में कांस्य पदक जीतकर स्वदेश लौटे सरबजोत सिंह, कहा- लॉस एंजेलिस में देश के लिए गोल्ड जीतना मेरा अगला लक्ष्य

Paris Olympics 2024: सरबजोत सिंह का यह पहला ओलंप‍िक मेडल रहा. अब उनका अगला लक्ष्य लास एंजेलिस 2028 में देश के लिए गोल्ड जीतना है.

Sarabjot Singh

सरबजोत सिंह (फोटो- IANS)

Paris Olympics 2024: सरबजोत सिंह ने पेर‍िस ओलंप‍िक 2024 में 10 मीटर एयर पिस्टल मिक्सड टीम के ब्रॉन्ज मेडल मैच में अपनी पार्टनर मनु भाकर के साथ बाजी मारी और देश के लिए ओलम्पिक में तीसरा मेडल जीता. सरबजोत का यह पहला ओलंप‍िक मेडल रहा. अब उनका अगला लक्ष्य लास एंजेलिस 2028 में देश के लिए गोल्ड जीतना है.

मेडल जीतने के बाद सरबजोत सिंह अपने गांव पहुंचे, जहा गांव वालों ने फूल-मालाओं के साथ उनका शानदार स्वागत किया. सरबजोत ने अंबाला अपने घर पहुंचने पर मीडिया से बातचीत में कहा कि उन्होंने गेम में प्रेशर नही लिया और बिना दबाव के खेले. अब अगले ओलंपिक में गोल्ड मेडल लाना उनका मकसद है. वो दूसरे खिलाड़ियों को मोटिवेट और सहयोग करेंगे, जिससे वो भविष्य में देश के लिए मेडल जीतें.

सरबजोत के कोच अभिषेक राणा ने मीडिया से बातचीत में कहा कि सरबजोत का सफर मुश्किलों भरा रहा है. उसने बहुत मेहनत की है. सरकार ने भी पूरा सहयोग किया है. साई और हमारे फेडरेशन ने हमारी हर जरूरतों को पूरा किया. मैंने बतौर खिलाड़ी जो चीजें हासिल नहीं कीं थीं वो मैं सरबजोत के जरिए पूरा करना चाहता हूं, क्योंकि कहीं न कहीं मैं उसमें अपनी झलक देखता हूं. सरकार हरियाणा में एक अच्छा शूटिंग रेंज बनाए क्योंकि कई खिलाड़ियों को दूसरी जगह ट्रेनिंग के लिए जाना पड़ता है.

इससे पहले 22 साल के सरबजोत सिंह ने मंगलवार को ब्रॉन्ज मेडल जीतने के बाद आईएएनएस टीम से पेरिस में खास बातचीत में बताया कि उनको पेरिस ओलंपिक में मेडल जीतकर काफी कुछ सीखने के लिए मिला है. उन्होंने पदक जीता, हालांकि वह अपने मैच से बहुत संतुष्ट नहीं हैं.

सरबजोत ने कहा, “इस मेडल के लिए मेरी यात्रा 8 साल से चल रही थी. मेरे लिए मेडल जीतना अच्छा रहा, लेकिन मैं मैच को लेकर संतुष्ट नहीं हूं क्योंकि मुझे तकनीकी मुद्दों का सामना करना पड़ा. मैं 2028 के ओलंपिक में इससे अच्छा प्रदर्शन करूंगा. गगन नारंग का कांस्य पदक भी इसी दिन आया था और मैंने भी इसी दिन अपना ब्रॉन्ज मेडल जीता. मुझे काफी कुछ सीखने के लिए मिला है, जैसे कि मानसिक तौर पर दबाव को कैसे हैंडल करना है.”

ये भी पढ़ें- किसान के बेटे सरबजोत सिंह का संघर्ष से लेकर ओलंपिक कांस्य पदक जीतने तक का सफर

-भारत एक्सप्रेस



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