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जानें किन लोगों को होता है ब्रेन ट्यूमर का सबसे ज्यादा खतरा? क्या है लक्षण और बचाव के उपाय

Brain Tumor Symptoms: एक्सपर्ट्स के अनुसार DNA परिवर्तन के चलते जब ट्यूमर कुछ खास रसायनों के संपर्क में आता है तो इनका प्रभाव बहुत घातक हो जाता है.

Brain Tumor Symptoms

Brain Tumor Symptoms

Brain Tumor Symptoms: बदलती लाइफस्टाइल के कारण ट्यूमर की समस्या किसी भी उम्र में और किसी को भी हो सकती है. खासकर आजकल के नौजवान इस बीमारी के शिकार हो रहे हैं. ब्रेन ट्यूमर में ब्रेन की आसपास की सेल्स अनियंत्रित रूप से बढ़ने लगते हैं. ऐसे में इससे बचाव का एक ही तरीका है कि समय रहते इसे डायग्नोज कर ट्रीटमेंट शुरू कर दिया जाए. इसके लिए लोगों में अवेयरनेस होना जरूरी है.

एक्सपर्ट्स के अनुसार ब्रेन ट्यूमर के चार स्टेज होते हैं और अगर तीसरे स्टेज के शुरुआत में भी इसका पता चल जाए तो बीमार व्यक्ति को बचाया जा सकता है. इस बात से यह महत्वपूर्ण तथ्य निकलता है कि अगर हम समय रहते ब्रेन ट्यूमर की पहचान कर लें, तो इस घातक बीमारी से हर हाल में बचा जा सकता है.

ब्रेन ट्यूमर के बढ़ते मरीज

हर साल दुनिया में ब्रेन ट्यूमर के 300000 से ज्यादा मामले सामने आते हैं. यह समझना भी जरूरी है कि कोई भी इसकी गिरफ्त में आ सकता है. एक जमाने में माना जाता था कि 20 साल की उम्र तक के लोगों को ब्रेन ट्यूमर की समस्या नहीं होती, लेकिन बदले खान-पान, प्रदूषण में हुए भारी इजाफे और अन्य कारणों के चलते आज 21 से 85 साल की उम्र समूह के किसी भी शख्स को इसकी समस्या हो सकती है. 40 साल से ज्यादा की उम्र वालों में इसकी आशंका इससे कम उम्र के लोगों के मुकाबले 20-21 फीसदी बढ़ जाती है.

ब्रेन ट्यूमर के कारण

वास्तव में जब मस्तिष्क में या इसके आस-पास की कोशिकाओं के DNA में खामी आ जाती है या वो बदल जाते हैं तो ये ब्रेन कैंसर के खतरे को जन्म देते हैं. दरअसल, DNA परिवर्तन के चलते जब ट्यूमर कुछ खास रसायनों के संपर्क में आता है तो इनका प्रभाव बहुत घातक हो जाता है. सवाल है, आखिर किसी को ब्रेन ट्यूमर किन वजहों से होता है और किन वजहों से इसमें लगातार तेजी आती जा रही है? सच्चाई यही है कि ब्रेन ट्यूमर की एक बड़ी वजह धरती में नियमित रूप से प्रदूषण का बढ़ना है.

दरअसल निकिल, कैडमियम, विनाइल क्लोराइड, रेडान, बेंजीन ऐसे रसायन हैं कि अगर इन रसायनों के लगातार संपर्क में रहा जाए तो ब्रेन ट्यूमर की आशंका बढ़ जाती है. धूम्रपान भी इसकी दूसरी एक बड़ी वजह है. सिर में चोट लगने पर अगर सही से उसका इलाज न करवाया जाए तो एक स्थिति के बाद यह चोट भी मस्तिष्क ट्यूमर की वजह भी बन सकती है. लगातार तनाव में रहना, नींद न आना, बार बार चोट लगना इससे भी ब्रेन ट्यूमर की आशंका बढ़ जाती है.

जानें शुरुआती लक्षण

ब्रेन ट्यूमर को समय रहते पकड़ना मुश्किल नहीं है बशर्ते हम सजग हों. जब सुबह के समय सिर में तेज दर्द हो और इसी दर्द की वजह से कई बार रात को जागना भी पड़े तो यह सामान्य सिरदर्द नहीं. ऐसे में तुरंत न्यूरोलॉजिस्ट को दिखाना चाहिए कि कहीं यह ब्रेन ट्यूमर की निशानी तो नहीं. रात में और सुबह तेज सिरदर्द के अलावा ब्रेन ट्यूमर के जो अन्य महत्वपूर्ण लक्षण हैं उनमें- बोलने और सोचने में कठिनाई का महसूस होना, आंखों में धुंधला दिखना, अचानक सुनने की क्षमता में कमी हो जाना, चेहरे का सुन्न हो जाना, थूक को निगलने में कठिनाई होना, किसी चीज में मन न लगना, विभिन्न तरह की गंधों का पता न लगना यानी उनका एहसास न होना. ये सब ब्रेन ट्यूमर के लक्षण हो सकते हैं.

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जानें इसका ट्रीटमेंट

ब्रेन ट्यूमर लाइलाइज नहीं है. लेकिन अगर समय रहते इस बीमारी को पकड़ने में आप चूक गए तो यह लाइलाज हो सकता है. इसलिए सबसे जरूरी यही है कि आप इसे लेकर सजग रहें. अगर आप के माता-पिता ब्रेन ट्यूमर के सर्वाइवर रहे हैं तो आपको और भी ज्यादा सावधान रहना चाहिए क्योंकि आपके इसकी चपेट में आने की आशंका और ज्यादा है.

-भरता एक्सप्रेस 



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