फोटो-सोशल मीडिया
Maharashtra News: गाय को सनातन धर्म में पूजनीय माना गया है और उनकी पूजा की जाती है. इसी के साथ ही गाय के काटने पर भी प्रतिबंध लगा हुआ है बावजूद इसके धड़ल्ले से तमाम कसाईखाना चल रहा है जहां पर लोग अपने हितों के लिए गायों की बलि दे रहे हैं तो वहीं कई बार ऐसा हुआ है कि बूचड़खाने ले जाते वक्त आरोपियों को गिरफ्तार भी किया गया है. हालांकि इस तरह के मामलो में अक्सर मुस्लिम समुदाय के लोगों पर ही आरोप लगते रहे हैं लेकिन मुस्लिम समाज के ही अकबर कुशलदीन शेख समाज को गायों का संरक्षण करने की सलाह दे रहे हैं.
महाराष्ट्र के धाराशिव जिले के तुलजापुर तालुका में मुस्लिम समुदाय के अकबर कुशलदीन शेख ने एक गौशाला शुरू की है जो कि लोगों के लिए प्रेरणा का विषय बन गई है. इस गौशाला में अकबर के पास 27 गायें और 39 भैंसें हैं. वह बताते हैं कि इनमें से कई गायें और भैंसें कत्लखाने जा रही थीं. पुलिस ने गाय-भैंसों को मुक्त कराया था और इसी के बाद अकबर उन गाय-भैंसों की देखभाल करने लगे. वह कहते हैं कि कुछ गायें ऐसी हैं जिन्हें उन्होंने कसाईयों से बचाया था.
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वह कहते हैं कि गौशाला खोलने के उनके फैसले को कुछ लोगों ने पहले विरोध किया था लेकिन फिर भी उन्होंने गौशाला खोली. बता दें कि इस गौशाला में कई जानवर हैं. गौशाला शुरू करने के बाद वे भाखड़ा गाय, अंधी गाय और भैंसों की देखभाल करते हैं. वह कहते हैं कि गायों को बचाने से ही समाज बच सकता है. वह कहते हैं कि उन्हें गौहत्या और गौपालन में अंतर समझ में आ गया है.
अकबर कुशलदीन शेख कहते हैं कि उनको गायों को पालकर काफी सुकून महसूस होता है. वह कहते हैं कि खेती करते समय उन्हें एहसास हुआ कि गाय का साथ समाज के लिए कितना महत्वपूर्ण है. उन्हें गाय होने की मानसिक संतुष्टि का अनुभव हुआ और उसी से उन्होंने देशी गायों के संरक्षण के लिए एक गौशाला शुरू करने का फैसला किया.
-भारत एक्सप्रेस
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