सांकेतिक फोटो
दिल्ली के भलस्वा डेरी अतिक्रमण मामले में झूठी अफवाह फैलाने पर दिल्ली हाई कोर्ट ने नाराजगी जाहिर की है. अतिक्रमण की कार्रवाई के दौरान 4 लोगों की मौत से संबंधित झूठी जानकारी देने पर कोर्ट ने नाराजगी जताई है. हाई कोर्ट ने याचिकाकर्ता के वकील को फटकार लगाते हुए कहा कि आपने कहा कि वहां चार मौत हुई लेकिन कोई मौत नहीं है, यह पूरी तरह से गलत है.
कोर्ट ने कहा कि आप इस मामले को कोई भावनात्मक और राजनीतिक रूप न दें. हाई कोर्ट ने कहा कि हम राजनीति से दूर रहते है और हमें राजनीति में शामिल न करें. कोर्ट ने याचिकाकर्ता के वकील से कहा कि आपका यह कहना कि 4 लोगों की मौत हो गई यह पूरी तरह से गलत है. क्या कोर्ट के आदेश की वजह से 4 मौत हुई? इसको स्कैन्डलाइज़ मत करिए.
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वही एमसीडी ने दिल्ली हाई कोर्ट को आश्वासन दिया और कहा-वह 16 अगस्त को होने वाली सुनवाई तक वहां कोई कार्रवाई नही करेगा. दरअसल, भलस्वा डेरी इलाके में एनिमल सिक्योरिटी का हवाला देते हुए सभी डेयरी को यहां से खाली करने और उसके बाद डिमोलिश करने का आर्डर कोर्ट की तरफ से दिया गया था. पिछली सुनवाई में हाई कोर्ट ने कहा था कि सभी लोगों को एक हलफनामा देना होगा कि यहां पर वह पशुपालन या फिर डेयरी नही चलाएंगे.
इस शर्त पर लोगों के मकानों को ना तो खाली कराया जाएगा और ना ही तोड़ा जाएगा. कोर्ट के इस फैसले के बाद लोगों ने बड़ी राहत की सांस ली थी, क्योंकि 6 अगस्त को तारीख को यहां पर एक नोटिस चश्पा किया गया था. बता दें कि दिल्ली हाई कोर्ट ने गाजीपुर समेत भलस्वा डेयरी में मवेशियों के शेड के स्थान पर अवैध रूप से किए गए आवासीय और व्यवसायिक निर्माण को देखते हुए एमसीडी समेत सभी संबंधित एजेंसियों को चार सप्ताह के अंदर भलस्वा डेयरी को घोंघा डेयरी में शिफ्ट करने का आदेश दिया था.
कोर्ट ने यह भी आदेश दिया था कि दिल्ली सरकार और एमसीडी मवेशियों के भलस्वा के लैंडफिल साईट पर जहरीला कचड़ा खाने से रोकने में भी नाकाम साबित हो रही है, जो लोगों और खास तौर पर बच्चों में लिए काफी खतरनाक है, क्योंकि सभी इन मवेशियों के दूध पीते है.
-भारत एक्सप्रेस
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