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अजा एकादशी का व्रत आज, जानें शुभ मुहूर्त, महत्व और पूजा-विधि

Aja Ekadashi 2024 Date: भाद्रपद मास की 11वीं तिथि को अजा एकादशी का व्रत रखने का विधान है. मान्यता है कि इस व्रत से अश्वमेध यज्ञ का पुण्य मिलता है.

Aja Ekadashi 2024

अजा एकादशी 2024 (भगवान विष्णु).

Aja Ekadashi 2024 Kab Hai: भाद्रपद कृष्ण एकादशी तिथि को अजा एकादशी का व्रत रखा जाता है. धार्मिक मान्यता है कि भगवान विष्णु को एकादशी तिथि बेहद प्रिय है. यही वजह है कि इस दिन भगवान विष्णु के भक्त मां लक्ष्मी समेत उनकी पूजा करते हैं. अजा एकादशी का व्रत जन्माष्टमी के दो दिन बाद रखा जाता है. कहते हैं कि जो कोई विधि-विधान से अजा एकादशी का व्रत रखकर भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा करता है उसे अश्वमेध यज्ञ कराने जितना पुण्य मिलता है. आइए जानते हैं कि इस साल अजा एकादशी का व्रत कब रखा जाएगा, शुभ मुहूर्त, पूजन विधि और महत्व क्या है.

अजा एकादशी व्रत 2024 तारीख | Aja Ekadashi Vrat 2024

आमतौर पर अजा एकादशी का व्रत जन्माष्टमी के दो दिन बाद रखा जाता है. इस साल अजा एकादशी का व्रत, गुरुवार 29 अगस्त को यानी आज रखा जा रहा है.

अजा एकादशी 2024 शुभ मुहूर्त | Aja Ekadashi 2024 Shubh Muhurat

एकादशी तिथि आरंभ – अगस्त 29, 2024 को 01:19 ए एम बजे

एकादशी तिथि समाप्त – अगस्त 30, 2024 को 01:37 ए एम बजे

अजा एकादशी 2024 व्रत-पारण | Aja Ekadashi 2024 Vrat Parana

अजा एकादशी व्रत का पारण 30 अगस्त को किया जाएगा. एकादशी व्रत-पारण के लिए शुभ समय सुबह 7 बजकर 49 मिनट से लेकर 8 बजकर 53 मिनट तक रहेगा.

अजा एकादशी 2024 व्रत महत्व | Aja Ekadashi 2024 Vrat Mahatva

मान्यतानुसार, अजा एकादशी व्रत का विशेष धार्मिक महत्व है. कहा जाता है कि जो भक्त शुद्ध हृदय के अजा एकादशी का व्रत रखकर भगवान विष्णु की विधि-विधान से पूजा-अर्चना करता है उसे अश्वमेध यज्ञ करने के बराबर पुण्य मिलता है. कहते हैं कि अजा एकादशी व्रत का संबंध राजा हरिश्चंद्र से भी है. कहा जाता कि अजा एकादशी व्रत के प्रभाव से राजा हरिश्चंद्र का मरा हुआ बेटा जीवित हो गया. इतना ही, इस व्रत के प्रभाव से राजा हरिश्चंद्र को सारा राजपाट वापस मिल गया. ऐसा कहा जाता है कि यह एकादशी सभी प्रकार के पापों को नष्ट कर मोक्ष प्रदान करने वाली है.

अजा एकादशी 2024 पूजा विधि | Aja Ekadashi 2024 Puja Vidhi

एकादशी के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान इत्यादि से निवृत हो जाए. इसके बाद सबसे पहले सूर्य देव को जल अर्पित करें. फिर, एकादशी व्रत का संकल्प लें. एकादशी व्रत और पूजन का संकल्प लेने के बाद भगवान विष्णु को जल, पीले फूल, धूप, दीप भोग अर्पित करें. विधि-विधान से पूजा करने के बाद एकादशी व्रत कथा का पाठ करें या सुनें. इसके बाद भगवान विष्णु और मा लक्ष्मी की आरती करें.

अजा एकादशी के दिन क्या ना करें? | Aja Ekadashi 2024 Donts

अजा एकादशी व्रत के दिन चावल का सेवन नहीं करना चाहिए. इस दिन चावल का सेवन उन लोगों को भी नहीं करना चाहिए जो व्रत नहीं रखते हैं.

एकादशी के दिन भूल से भी नॉनवेज और शराब इत्यादि का सेवन नहीं करना चाहिए. इसके अलावा इस दिन किसी को भी अपशब्द नहीं कहना चाहिए.

अजा एकादशी के दिन परिवार के किसी भी बड़े सदस्य को भला-बुरा कहने से बचना चाहिए. इसके अलावा दिन किसी से लड़ाई-झगड़ा नहीं करना चाहिए.

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