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दिल्ली हाईकोर्ट का Rapido को निर्देश, दिव्यांगों के लिए अपनी सेवाओं की पहुंच को लेकर 3 महीने में दाखिल करे ऑडिट रिपोर्ट

कंपनी ने कोर्ट से कहा कि वह अपने मोबाइल एप्लिकेशन को दिव्यांगों के लिए पूरी तरह से सुलभ बनाने पर सक्रिय रूप से काम कर रहा है. उसके एक स्टार्टअप होने के नाते ऐप संबंधी अपडेट को पूरा होने में लगभग छह से आठ महीने लग सकते हैं.

Rapido

बाइक-टैक्सी सेवा प्रदाता ‘रैपिडो’ को दिव्यांगों के लिए अपनी सेवाओं की पहुंच को लेकर तीन महीने में एक ऑडिट रिपोर्ट दाखिल करने का दिल्ली हाईकोर्ट ने निर्देश दिया है. याचिका पर सुनवाई के दौरान जस्टिस संजीव नरूला ने कहा कि आडिट सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के दिव्यांगों के सशक्तीकरण विभाग के पैनल में शामिल एक एक्सेस आडिटर से कराया जाएगा. उन्होंने यह निर्देश दिव्यांग अधिकार कार्यकर्ता अमर जैन एवं दृष्टिबाधित बैंकर दीप्तो घोष चौधरी की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया.

रैपिडो की संचालक कंपनी रोपेन ट्रांसपोर्टेशन सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड ने अपने जवाब में कोर्ट को आासन दिया कि वह दिव्यांगों के अधिकार अधिनियम के तहत उनके लिए कई कदम उठा रहा है. वह उसमें निरंतर सुधार सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है.

न्यायमूर्ति ने इसके बाद रैपिडो को एक अनुपालन रिपोर्ट भी पेश करने को कहा, क्योंकि याचिकाकर्ताओं के वकील ने कहा था कि यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि सेवा प्रदाता कंपनी अपनी प्रतिबद्धताओं का पालन करे.

कंपनी ने कोर्ट से कहा कि वह अपने मोबाइल एप्लिकेशन को दिव्यांगों के लिए पूरी तरह से सुलभ बनाने पर सक्रिय रूप से काम कर रहा है. उसके एक स्टार्टअप होने के नाते ऐप संबंधी अपडेट को पूरा होने में लगभग छह से आठ महीने लग सकते हैं. कोर्ट को यह भी बताया गया कि कंपनी अपने कर्मचारियों के लिए व्यापक प्रशिक्षण कार्यक्रमों को लागू करने की प्रक्रिया में है, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि वे दिव्यांगों को सहायतापूर्ण एवं मिलनसार तरीके से सवारी प्रदान करें.

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-भारत एक्सप्रेस

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