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कांग्रेस के आरोप पर ICICI बैंक ने जारी किया बयान, कहा- माधबी पुरी बुच को नौकरी छोड़ने के बाद नहीं दी गई सैलरी

कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने दावा किया कि माधबी पुरी बुच मार्च 2022 को सेबी की चेयरपर्सन बनीं, लेकिन सेबी चीफ रहते हुए भी वे तीन जगहों से सैलरी ले रहीं थी.

madhabi Puri Buch

माधबी पुरी बुच, सेबी चीफ

सेबी की चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच पर कांग्रेस पार्टी के लगाए गए आरोपों के बाद आईसीआईसीआई बैंक का बयान आया है. कांग्रेस ने आरोप लगाया था कि माधबी पुरी बुच सेबी की पूर्णकालिक सदस्य होने के बावजूद ICICI बैंक से नियमित रूप से इनकम ले रही थीं, जो कि 16.80 करोड़ रुपये थीं.

“नहीं दी गई तनख़्वाह”

इस पर आईसीआईसीआई बैंक ने बयान जारी कर कहा है कि बैंक छोड़ने के बाद उसने रिटायरमेंट लाभ के अलावा कोई भी तनख़्वाह या ग्रांट एम्प्लॉई स्टॉक ऑप्शंस माधुरी बुरी बुच को नहीं दिए हैं.

बैंक ने बताया है कि ‘माधुबी पुरी बुच ने 31 अक्तूबर 2013 को रिटायरमेंट का विकल्प चुना था. आईसीआईसीआई में नौकरी के दौरान उन्हें तनख़्वाह, रिटायरमेंट लाभ, बोनस और ईएसओपीज़ (एम्प्लॉइस स्टॉक ऑनरशिप प्लान) दिए गए जो लागू नीतियों के हिसाब से थे.’

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कांग्रेस ने लगाए थे आरोप

कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने दावा किया कि माधबी पुरी बुच मार्च 2022 को सेबी की चेयरपर्सन बनीं, लेकिन सेबी चीफ रहते हुए भी वे तीन जगहों से सैलरी ले रहीं थी, जिसमें ICICI बैंक, आईसीआईसीआई प्रुडेंशियल और सेबी की सैलरी शामिल है. अब आईसीआईसीआई बैंक ने इसे लेकर बयान जारी किया है.

-भारत एक्सप्रेस



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