रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह.
जम्मू-कश्मीर के रामबन में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रविवार को उमर अब्दुल्ला के बयान पर निशाना साधा. राजनाथ सिंह ने सवाल किया कि फांसी नहीं तो क्या माला पहनाना चाहिए. दरअसल, उमर अब्दुल्ला ने संसद भवन पर आतंकी हमले के दोषी अफजल गुरु को फांसी नहीं देने की बात कही थी. उन्होंने कहा था कि अफजल गुरू को फांसी नहीं होनी चाहिए थी.
उमर अब्दुल्ला के बयान पर किया पलटवार
उमर अब्दुल्ला के बयान पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पलटवार करते हुए कहा, “उमर अब्दुल्ला साहब कह रहे हैं कि अफजल गुरु को फांसी नहीं होनी चाहिए थी. मैं उनसे पूछना चाहता हूं कि अफजल गुरु को फांसी नहीं होनी चाहिए, तो क्या उन्हें सार्वजनिक रूप से माला पहनाना चाहिए.”
“हम PoK के लोगों को अपना मानते हैं”
उन्होंने कहा, “यहां भी भाजपा की सरकार बनाइए, तो यहां के विकास को देखने के बाद पीओके के लोग कहेंगे कि हमें पाकिस्तान में नहीं रहना है. हम भारत के साथ रहना चाहते हैं. मैं एक बात फिर कहना चाहता हूं कि हम पीओके के लोगों को अपना मानते हैं. अब सीमा पर बाड़ लगाने का काम भी पूरा हो जाएगा.”
NC पर रक्षा मंत्री ने बोला हमला
रक्षा मंत्री ने नेशनल कॉन्फ्रेंस को आड़े हाथों लेते हुए कहा, “पार्टी ने अपने घोषणापत्र में कहा है कि घाटी में सरकार बनने के बाद आर्टिकल-370 को लागू किया जाएगा, लेकिन मैं एक बात स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि आर्टिकल-370 बहाल करने की हिम्मत किसी में नहीं है. जब तक भाजपा सत्ता में है, आर्टिकल-370 को घाटी में किसी भी कीमत पर बहाल नहीं किया जा सकता है.”
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उन्होंने आगे कहा, “जम्मू-कश्मीर पहले आतंकवाद के रूप में जाना जाता था, लेकिन अब यह पर्यटक स्थल के रूप में जाना जाता है. पहले कभी घाटी के युवाओं के हाथों में पिस्तौल हुआ करती थी, लेकिन आज की तारीख में उनके हाथों में किताबें, लैपटॉप जैसे पढ़ने-लिखने के सामान हैं. यह एक बहुत बड़ा बदलाव है.”
-भारत एक्सप्रेस
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