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कारों में कैंसरकारक केमिकल: एनजीटी ने केंद्र व अन्य विभागों से 8 हफ्तों में जवाब मांगा

एक रिपोर्ट में बताया गया है कि टीसीआईपीपी, टीडीसीआईपीपी और टीसीईपी जैसे केमिकल के संपर्क में लंबे समय तक रहने पर कार चालकों, विशेष रूप से बच्चों को कैंसर होने का खतरा है.

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देश के सड़कों पर दौड़ रही 99 फीसदी कारों में इस्तेमाल होने वाले केमिकल से कार सवारों को कैंसर का खतरा है. हाल ही में एनजीटी ने केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय, ऑटोमोटिव रिसर्च एसोसिएशन ऑफ इंडिया, नेशनल ऑटोमोटिव टेस्टिंग एंड आरएंडडी इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स, ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्स सहित अन्य विभागों को नोटिस जारी कर 8 सप्ताह में जवाब मांगा है.

इससे पहले केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड इन केमिकल के असर की जांच करने से यह कहते हुए इनकार कर दिया था कि उसके पास आवश्यक सुविधा नहीं है. व्यापक स्तर पर लोगों के स्वास्थ्य पर असर को देखते हुए एनजीटी एक रिपोर्ट पर स्वतः संज्ञानलेते हुए इस मामले पर सुनवाई कर रहा है. यह मामला सीट फोम और तापमान नियंत्रित रखने के लिए कारों में उपयोग हो रहे केमिकल से जुड़ा है.

रिपोर्ट में बताया गया है कि टीसीआईपीपी, टीडीसीआईपीपी और टीसीईपी जैसे केमिकल का लंबे समय तक संपर्क में रहने पर कार चालकों, विशेष रूप से बच्चों को कैंसर होने का खतरा है. एनजीटी के सामने यह जानकारी आई है कि सीट फोम और तापमान नियंत्रित रखने के लिए किए गए उपायों में इन केमिकल का उपयोग होता है. इससे लंबे समय तक कार में मौजूद रहने पर कार चालकों, खासतौर पर बच्चों को कैंसर होने का खतरा होता है.

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-भारत एक्सप्रेस

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