मायावती और राहुल गांधी. (फाइल फोटो: IANS)
बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की सुप्रीमो मायावती, कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर लगातार हमलावर हैं. उन्होंने कहा कि कांग्रेस और राहुल गांधी की एससी-एसटी और ओबीसी आरक्षण नीति स्पष्ट नहीं, बल्कि दोगली एवं छल-कपट की है.
बसपा प्रमुख मायावती ने मंगलवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में कहा, ‘कांग्रेस और राहुल गांधी की एससी/एसटी/ओबीसी आरक्षण नीति स्पष्ट नहीं बल्कि दोगली एवं छल कपट की है. अपने देश में इनके वोट के लिए ये आरक्षण का समर्थन और इसे 50 प्रतिशत से ऊपर बढ़ाने की वकालत करते हैं तथा विदेश में जाकर इनके आरक्षण को खत्म करने की बात करते हैं. इनके इस दोहरे मापदंड से लोग सचेत रहें.’
1. कांग्रेस व श्री राहुल गाँधी की SC/ST/OBC आरक्षण नीति स्पष्ट नहीं बल्कि दोगली एवं छलकपट की है। अपने देश में इनके वोट के लिए ये आरक्षण का समर्थन व इसे 50% से ऊपर बढ़ाने की वकालत तथा विदेश में जाकर इनके आरक्षण को खत्म करने की बात करते हैं। इनके इस दोहरे मापदण्ड से लोग सचेत रहें।
— Mayawati (@Mayawati) September 24, 2024
कांग्रेस पर आरोप
उन्होंने कहा, ‘यह भी सच है कि केंद्र में इनकी सरकार ने ओबीसी आरक्षण संबंधी मंडल कमीशन रिपोर्ट लागू नहीं की थी. साथ ही बसपा के संघर्ष से एससी/एसटी के पदोन्नति में आरक्षण को प्रभावी बनाने के लिए संसद में लाए गए संविधान संशोधन बिल को भी कांग्रेस ने पास नहीं होने दिया, जो अभी तक लंबित है.’
3. तथा ना ही इस मामले में इनकी सरकार ने मा. कोर्ट में सही से पैरवी की। इस आरक्षण विरोधी कांग्रेस व अन्य पार्टियों से भी ये लोग सजग रहें। साथ ही, केन्द्र में रही कांग्रेसी सरकार द्वारा जातीय जनगणना नहीं कराना और अब सत्ता से बाहर होने पर आवाज उठाना, यह सब ढोंग नहीं तो और क्या है?
— Mayawati (@Mayawati) September 24, 2024
बसपा सुप्रीमो ने कहा कि न ही इस मामले में इनकी सरकार ने कोर्ट में सही से पैरवी की थी. इस आरक्षण विरोधी कांग्रेस और अन्य पार्टियों से भी लोग सजग रहें. साथ ही, केंद्र में रही कांग्रेसी सरकार द्वारा जातीय जनगणना नहीं कराना और अब सत्ता से बाहर होने पर आवाज उठाना, यह सब ढोंग नहीं तो और क्या है?
बुरे दिनों में दलितों की याद
बता दें कि यूपी की पूर्व सीएम मायावती ने सोमवार को सोशल मीडिया मंच एक्स पर एक पोस्ट में कहा था कि देश में अभी तक के हुए राजनीतिक घटनाक्रमों से यह साबित होता है कि खासकर कांग्रेस और अन्य जातिवादी पार्टियों को अपने बुरे दिनों में तो कुछ समय के लिए दलितों को मुख्यमंत्री व संगठन आदि के प्रमुख स्थानों पर रखने की जरूर याद आती है, लेकिन ये पार्टियां अपने अच्छे दिनों में इनको अधिकांशत: दरकिनार ही कर देती हैं. इनके स्थान पर फिर उन पदों पर जातिवादी लोगों को ही रखा जाता है, जैसा कि अभी हरियाणा प्रदेश में भी देखने के लिए मिल रहा है.
2. लेकिन ये पार्टियाँ, अपने अच्छे दिनों में, फिर इनको अधिकांशतः दरकिनार ही कर देती हैं तथा इनके स्थान पर, फिर उन पदों पर जातिवादी लोगों को ही रखा जाता है, जैसा कि अभी हरियाणा प्रदेश में भी देखने के लिए मिल रहा है। 2/6
— Mayawati (@Mayawati) September 23, 2024
-भारत एक्सप्रेस
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