Bharat Express

1984 सिख विरोधी दंगा मामला: जगदीश टाइटलर ने निचली अदालत के आदेश को हाई कोर्ट में दी चुनौती

पूर्व केंद्रीय मंत्री जगदीश टाइटलर पर आरोप है कि उन्होंने भीड़ से कहा था कि सिखों को मार डालो, उन्होंने हमारी माँ को मार डाला. इस घटना के बाद तीन लोगों की हत्या कर दी गई.

delhi high court

दिल्ली हाईकोर्ट

1984 सिख विरोधी दंगा मामले में आरोपी कांग्रेस नेता जगदीश टाइटलर ने निचली अदालत के आदेश के खिलाफ दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर की है. याचिका में ट्रायल कोर्ट के आदेश को चुनौती दी है. राऊज एवेन्यू कोर्ट ने टाइटलर के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत आरोप तय किया था. क्योंकि टाइटलर ने अपने खिलाफ लगे आरोपों को स्वीकार करने से इनकार कर दिया था. टाइटलर ने कहा कि वो ट्रायल का सामना करेंगे.

राऊज एवेन्यू कोर्ट टाइटलर के खिलाफ 3 अक्टूबर से ट्रायल शुरू करने वाला है. 3 अक्टूबर से गवाहों का बयान दर्ज होगा. कोर्ट ने टाइटलर के खिलाफ IPC की धारा 147, 149,153A,188, 109, 295, 380, 302 के तहत आरोप तय किया था. अब हत्या सहित अन्य धाराओं के तहत मुकदमा का सामना करना पड़ेगा. इस मामले में तीन लोग मारे गए थे. एक गवाह ने आरोप लगाया था कि टाइटलर 1 नवंबर 1984 को गुरुद्वारा पुल बंगश के सामने एक एम्बेसडर कार से बाहर निकले और भीड़ को सिखों की हत्या करने के लिए उकसाया.

पूर्व केंद्रीय मंत्री जगदीश टाइटलर पर आरोप है कि उन्होंने भीड़ से कहा था कि सिखों को मार डालो, उन्होंने हमारी माँ को मार डाला. इस घटना के बाद तीन लोगों की हत्या कर दी गई. पिछले साल राऊज एवेन्यू कोर्ट ने टाइटलर को एक लाख रुपये की निजी मुचलके पर और इतनी ही रकम की जमानत राशि पर अग्रिम जमानत दे दी थी. कोर्ट ने टाइटलर को निर्देश दिया था कि वह न तो सबूतों को साथ छेड़छाड़ करेंगे और न ही बिना अनुमति के देश छोड़कर बाहर जाएंगे. कोर्ट ने टाइटलर को पासपोर्ट सरेंडर करने का आदेश भी दिया था.

ये भी पढ़ें- कोलकाता ट्रेनी डॉक्टर रेप-मर्डर मामला: सुप्रीम कोर्ट ने कहा- यह चिंताजनक है कि पीडिता के नाम और तस्वीरें सोशल मीडिया पर अब भी हैं

सीबीआई ने टाइटलर के खिलाफ आईपीसी की धारा 147 (दंगा), धारा 148, 149, 153 A, 188 धारा 109 (अपराध को उकसाना) के साथ धारा 302 (हत्या), 295 और 436 सहित कई धाराओं में चार्जशीट दाखिल की है. यह मामला 1 नवंबर 1984 को आजाद मार्केट स्थित गुरुद्वारा पुल बंगस को एक भीड़ ने आग लगा दी थी और सरदार ठाकुर सिंह, बादल सिंह और गुरचरण सिंह नामक तीन लोगों की जलकर मौत हो गई थी. यह घटना तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के एक दिन बाद हुई थी.

2000 में न्यायमूर्ति नानावटी जांच आयोग के समक्ष दायर हलफनामे से एक अन्य गवाह के बयान का हवाला दिया गया है, जिसमें कहा गया है कि गवाह ने बयान दिया कि उसने टीबी अस्पताल गेट (दिल्ली) के पास खड़े लोगों के समूह को देखा, जहां एक कार आरोपी जगदीश टाइटलर को लेकर आई. वो बाहर निकले और वहां पर मौजूद लोगों को डांटते हुए उनके निर्देश का ईमानदारी से पालन नहीं किया गया.

-भारत एक्सप्रेस

Also Read