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सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली NCR में पराली जलाने और प्रदूषण को लेकर जताई चिंता, कोर्ट ने कहा- समस्या के समाधान के लिए कुछ भी नहीं हो रहा

Supreme Court on Stubble Burning: सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली एनसीआर में पराली जलाने की घटनाओं और प्रदूषण की समस्या पर चिंता व्यक्त की है. कोर्ट ने कहा कि समस्या के समाधान को लेकर कुछ नहीं हो रहा है.

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दिल्ली एनसीआर में प्रदूषण को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने जताई चिंता.

Supreme Court on Stubble Burning: सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली एनसीआर में पराली जलाने की घटनाओं और प्रदूषण की समस्या पर चिंता व्यक्त की है. कोर्ट ने कहा कि समस्या के समाधान को लेकर कुछ नहीं हो रहा है सिर्फ मीटिंग हो रही है. कोर्ट ने कहा कि दिल्ली एनसीआर में प्रदूषण नियंत्रण के लिए उपाय सुझाने और लागू कराने को लेकर बनी कमिटी कमीशन फोर एयर क़्वालिटी मैनेजमेंट ने निर्देशों का पालन कराने का प्रयास नहीं किया. कोर्ट ने कहा कि CAQM ने पराली जलाने की घटनाओं के खिलाफ एक भी मुकदमा नहीं चलाया है.

र्चा के अलावा कुछ नहीं हो रहा: सुप्रीम कोर्ट

जस्टिस अभय श्रीनिवास ओका की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा की किसी भी कारण से कोई भी CAQM के आदेशों के उल्लंघन के लिए लोगों पर मुकदमा नहीं चलाना चाहता है. सब जानते हैं कि चर्चा के अलावा कुछ नहीं हो रहा है. यही इसकी कड़वी सच्चाई है. कोर्ट ने केंद्र ने केंद्र सरकार, पंजाब सरकार और हरियाणा सरकार से जवाब मांगा है. कोर्ट 16 अक्टूबर को मामले में अगली सुनवाई करेगा. सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों और CAQM से पूछा कि पराली जलाने के लिए किसानों और अधिकारियों के खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई क्यों नहीं की है.

कोर्ट ने पूछा नाममात्र का जुर्माना क्यों

कोर्ट ने पूछा कि पुलिस और राज्य के अधिकारी बैठक में क्यों नहीं आ रहे है? कोर्ट ने पूछा कि केवल नाममात्र का जुर्माना क्यों लगाया जा रहा है? पराली जलाने वाले और इसको रोकने में विफल रहने वाले के खिलाफ कोर्ट द्वारा पारित सख्त आदेशों का पालन करें. यहां तक कि सुरक्षा और आदेशों को लागू करने वाली उपसमिति ने जून 2021 के आदेशों के कार्यान्वयन पर चर्चा तक नहीं की. कोर्ट ने कहा कि सितंबर के आखिरी 15 दिनों में पंजाब में पराली जलाने की 129 मामले सामने आए हैं, जबकि हरियाणा में 81 मामले सामने आ चुके है.

कोर्ट CAQM की रिपोर्ट देखने के बाद हैरान

पिछली सुनवाई में कोर्ट ने दिल्ली वायु प्रदूषण मामले में सुप्रीम कोर्ट ने एयर क़्वालिटी मैनेजमेंट कमीशन को फटकार लगाते हुए बेहतर अनुपालन रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया था. कोर्ट ने CAQM की रिपोर्ट को देखने के बाद हैरानी जताई थी कि कमीशन की सब कमिटी की बैठक साल में सिर्फ चार बार ही होती है. मामले की सुनवाई के दौरान पूछा था कि क्या धारा 11 के अंतर्गत समितियां बनाई गई है? कितनी बैठके हुई है? क्या कदम उठाए गए हैं?

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