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दिल्ली शराब नीति मामला: अदालत ने ED को आरोपियों के वकील को दस्तावेज सौंपने का निर्देश दिया; 4 नवंबर को होगी अगली सुनवाई

ईडी का आरोप है कि केजरीवाल ने दिल्ली सरकार के मंत्रियों, आप नेताओं और अन्य लोगों के साथ मिलकर काम किया. ईडी और सीबीआई ने आरोप लगाया है कि उत्पाद शुल्क नीति को संशोधित करते समय अनियमितता बरती गई.

rouse avenue court

राऊज एवेन्यू कोर्ट (फाइल फोटो).

दिल्ली शराब नीति से जुड़ा मनी लांड्रिंग में राउज एवेन्यू कोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) को निर्देश दिया है कि वो कथित आरोपियों के वकील को अविश्वसनीय दस्तावेजों की सॉफ्ट कॉपी मुहैया कराए. कोर्ट ने अगली सुनवाई से पहले दस्तावेज मुहैया कराने को कहा है. कोर्ट 4 नवंबर को इस मामले में अगली सुनवाई करेगा. ईडी की ओर से दाखिल 8वें आरोप पत्र में आम आदमी पार्टी और उसके संयोजक अरविंद केजरीवाल को मुख्य आरोपी बताया है.

ईडी ने कोर्ट को बताया था कि अरविंद केजरीवाल आबकारी घोटाले के मुख्य साजिशकर्ता है, जिसमें अन्य आप नेता और निजी व्यक्ति भी शामिल है. इसमें कई आप नेता और निजी व्यक्ति भी शामिल है. बता दें कि इस मामले में अब तक पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल, पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, राज्य सभा सांसद संजय सिंह सहित 18 लोगों को गिरफ्तार किया था, और लगभग सभी आरोपियों को जमानत मिल चुकी है.

ईडी का आरोप है कि केजरीवाल ने दिल्ली सरकार के मंत्रियों, आप नेताओं और अन्य लोगों के साथ मिलकर काम किया. ईडी और सीबीआई ने आरोप लगाया है कि उत्पाद शुल्क नीति को संशोधित करते समय अनियमितता बरती गई. इसके साथ लाइसेंस धारकों को अनुचित लाभ दिया गया. लाइसेंस शुल्क माफ कर दिया गया या कम कर दिया गया.

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निचली अदालत में जांच एजेंसी ने बताया था कि ढल आबकारी घोटाले में सक्रिय रूप से शामिल था. उसने अन्य आरोपियों के साथ साजिश रची थी. सीबीआई और ईडी के अनुसार आबकारी नीति को संशोधित करते समय अनियमितताएं की गई और लाइसेंस धारकों को अनुचित लाभ पहुचाया गया.

-भारत एक्सप्रेस

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