केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह
केंद्र की मोदी सरकार ने इस्लामी संगठन हिज्ब-उत-तहरीर (Hizb-ut-Tahrir) पर बैन लगा दिया है. इस संगठन की स्थापना साल 1953 में येरुशलम में किया गया था. इस संगठन का उद्देश्य आतंकी गतिविधियों और जिहाद के जरिए वैश्विक स्तर पर खिलाफत इस्लामिक राज्य की स्थापना करना है.
Hizb-ut-Tahrir पर आतंक फैलाने का आरोप
केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से जारी की गई अधिसूचना में हिज्ब-उत-तहरीर पर आतंकी साजिश रचने, टेरर फंडिंग और युवाओं को कट्टरपंथी बनाने के साथ ही ISIS में शामिल करने की बात कही गई है. ये संगठन भोले-भाले युवाओं को आतंकी संगठनों में शामिल करने के लिए ब्रेन वॉश करता है.
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युवाओं को कट्टरपंथी बना रहा
अधिसूचना में ये भी कहा गया है कि हिज्ब-उत-तहरीर युवाओं को कट्टरपंथी बनाने, आतंकी संगठनों में शामिल करने के लिए अलग-अलग सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म और सुरक्षित एप्स का इस्तेमाल करता है. यह संगठन आंतरिक सुरक्षा और लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिए एक गंभीर खतरा है. इस समूह को गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, 1967 के तहत केंद्र सरकार ने प्रतिबंध लगाने का निर्णय किया है.
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-भारत एक्सप्रेस
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