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लैंड फॉर जॉब से जुड़े सीबीआई के मामले में 7 नवंबर को होगी सुनवाई, CBI के अंतिम चार्जशीट में 78 लोग आरोपी

Land for Job Case: लैंड फॉर जॉब से जुड़े सीबीआई के मामले में राऊज एवेन्यू कोर्ट 7 नवंबर को सुनवाई करेगा. पिछली सुनवाई में सीबीआई ने राऊज एवेन्यू कोर्ट को बताया था कि गृह मंत्रालय द्वारा लालू प्रसाद यादव के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी मिल चुकी है.

Rouse Avenue Court

राउज एवेन्यू कोर्ट

Land for Job Case: लैंड फॉर जॉब से जुड़े सीबीआई के मामले में राऊज एवेन्यू कोर्ट 7 नवंबर को सुनवाई करेगा. पिछली सुनवाई में सीबीआई ने राऊज एवेन्यू कोर्ट को बताया था कि गृह मंत्रालय द्वारा लालू प्रसाद यादव के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी मिल चुकी है. सीबीआई को कोर्ट ने करीब 30 अन्य आरोपियों के खिलाफ केस चलाने की मंजूरी के लिए अतिरिक्त समय दे दिया है. सीबीआई द्वारा दायर अंतिम चार्जशीट में 78 लोगों को आरोपी बनाया गया है.

तीसरे आरोप पत्र में भोला यादव आरोपी

सीबीआई के मुताबिक 38 कैंडिडेट्स हैं. इसके अलावे कुछ अधिकारी शामिल हैं. सीबीआई ने 6 मार्च को इस मामले में तीसरी पूरक आरोप पत्र दाखिल किया था. जिसमें भोला यादव को आरोपी बनाया गया है. सीबीआई द्वारा दाखिल पूरक आरोप पत्र में कहा गया है कि भोला यादव लालू प्रसाद यादव के सचिव रह चुके है और वही सभी काम देखते थे. भोला यादव ही अधिकारियों को निर्देश देते थे. सीबीआई ने इस संबंध में भोला यादव के कंप्यूटर से सबूत बरामद किया है. बता दें कि तत्कालीन रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव सहित अन्य लोगों को आरोपितों के खिलाफ मामला दर्ज करते हुए सीबीआई ने मामला दर्ज किया था.

राबड़ी यादव समेत इन लोगों को मिली जमानत

लालू प्रसाद यादव व उनके परिवार के कई सदस्य भी इस मामले में आरोपित है, और कोर्ट से उन्हें जमानत मिली हुई है. सीबीआई ने इस मामले में कई अन्य लोगों को भी आरोपी बनाया है. जिसमें तत्कालीन रेलमंत्री लालू यादव के सचिव रह चुके भोला यादव को भी जांच एजेंसी ने अपने रडार पर लिया है. इससे पहले कोर्ट ने फरवरी में इस मामले में कई आरोपितों को जमानत दी है. जमानत लेने वालों में पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी, राजद सांसद मीसा भारती, हेमा यादव सहित अन्य आरोपी हैं.

बता दें कि रेलवे में जमीन के बदले नौकरी का यह मामला उस दौरान का है जब लालू लालू प्रसाद यादव रेलमंत्री थे. आरोप है कि जमीन को औने-पौने दाम में लिखवाकर रेलवे में नौकरी दी गई. लालू परिवार के कई सदस्य इस मामले में जांच एजेंसियों के रडार पर चढ़े. लालू प्रसाद यादव और तेजस्वी यादव को ईडी ने अपने दफ्तर में भी बुलाया था और दोनों से लंबी पूछताछ हुई थी.



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