Karwa Chauth Moon Rise Timing: करवा चौथ एक प्रमुख हिंदू त्योहार है, जो शादीशुदा जोड़ों के बीच प्रेम, समर्पण और उनके साथ को दर्शाता है. यह त्योहार कार्तिक महीने के चौथे दिन मनाया जाता है, जो अक्टूबर-नवंबर में पड़ता है. वहीं बता दें कि इस साल करवा चौथ का व्रत 20 अक्टूबर, रविवार के दिन रखा जाएगा. करवा चौथ की तैयारियां जोरों-शोरों से चल रही हैं और बाजार सुहागनों के लिए पूरी तरह सज चुके हैं. ऐसे में चलिए आज हम आपको बताते हैं करवा चौथ का मतलब और इसका महत्व के बारे में…
करवा चौथ का मतलब (Karwa Chauth Moon Rise Timing)
‘करवा’ का अर्थ होता है मिट्टी का बर्तन और ‘चौथ’ का मतलब होता है चौथा. ‘करवा’ चौथ के दिन सुहागनें चौथ के चंद्रमा को अर्घ्य देने के लिए इस मिट्टी के बर्तन का उपयोग करती हैं.
करवा चौथ की पौराणिक कथाएं
करवा चौथ से जुड़ी कई पौराणिक कथाएं, कहानियां और लोक कथाएं हैं. इनमें से सबसे प्रसिद्ध कहानी ‘वीरवती’ की है, जो अपने पति की लंबी उम्र और अच्छे स्वास्थ्य के लिए सूर्योदय से चंद्रमा के दर्शन तक व्रत रखती है. करवा चौथ की एक और प्रसिद्ध कहानी ‘करवा’ नामक महिला की है, जिसका पति मगरमच्छ द्वारा खा लिया गया था. करवा अपने पति के प्रति बहुत समर्पित थी और दोनों एक-दूसरे के साथ सुखपूर्वक रहते थे.
करवा चौथ का महत्व (Karwa Chauth Moon Rise Timing)
वहीं बात करें करवा चौथ के महत्व कि तो करवा चौथ एक महत्वपूर्ण त्योहार है, जो पति-पत्नी के बीच प्रेम और समर्पण को दर्शाता है. यह त्योहार पत्नियों को अपने पति की लंबी उम्र और अच्छे स्वास्थ्य के लिए प्रार्थना करने का अवसर प्रदान करता है.
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करवा चौथ के दिन चंद्रमा का उदय
दृक पंचाग के अनुसार, करवा चौथ 2024 को चांद दिखने का समय कुछ इस प्रकार है:
करवा चौथ की तिथि: 20 अक्टूबर, 2024
करवा चौथ पूजा मुहूर्त: शाम 5:46 बजे से शाम 7:02 मिनट तक
कृष्ण दशमी चंद्रमा के उगने का समय: रात 7:54 मिनट
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