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राजस्थान: मेवाड़ यूनिवर्सिटी ने प्रदर्शन कर रहे 35 कश्मीरी छात्रों को किया निलंबित, जानें क्या है मामला

मेवाड़ यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार ने नर्सिंग कोर्स को मंजूरी देने से जुड़े मामले को ‘गलतफहमी’ बताते हुए कहा कि यूनिवर्सिटी ने राजस्थान नर्सिंग काउंसिल के खिलाफ मामला दर्ज कराया है.

प्रतीकात्मक तस्वीर

राजस्थान के चित्तौड़गढ़ जिले की एक यूनिवर्सिटी ने प्रदर्शन कर रहे 35 कश्मीरी छात्रों को निलंबित कर दिया. घटना जिले की मेवाड़ यूनिवर्सिटी की है. यहां के BSc Nursing सेकेंड ईयर के छात्र पिछले तीन दिनों से विरोध प्रदर्शन कर रहे थे. इनका कहना था यूनिवर्सिटी अपने बीएससी नर्सिंग पाठ्यक्रम के लिए राजस्थान नर्सिंग काउंसिल (RNC) और भारतीय नर्सिंग काउंसिल (INC) से आवश्यक मंजूरी प्राप्त करने में विफल रहा है.

विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार द्वारा जारी आदेश के अनुसार, शनिवार 19 अक्टूबर को बीएससी (नर्सिंग) दूसरे वर्ष के 35 छात्रों को “उपद्रव और निंदनीय कृत्यों के लिए” निलंबित कर दिया गया. आदेश में कहा गया है कि इन छात्रों को अगले आदेश तक विश्वविद्यालय परिसर में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी जाएगी. उन्हें रविवार रात 8 बजे तक हॉस्टल खाली करने का भी निर्देश दिया गया था.

यूनिवर्सिटी रजिस्ट्रार (Registrar) प्रदीप डे ने कोर्स को मंजूरी देने से जुड़े मामले को ‘गलतफहमी’ बताया और कहा कि यूनिवर्सिटी ने राजस्थान नर्सिंग काउंसिल के खिलाफ मामला दर्ज कराया है. उन्होंने यह भी कहा कि छात्रों के खिलाफ जांच लंबित है.


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Student Association ने व्यक्त की चिंता

Jammu Kashmir Student Association ने रविवार को 35 कश्मीरी छात्रों के निलंबन पर “गहरी चिंता” व्यक्त की है. एसोसिएशन के राष्ट्रीय संयोजक नासिर खुएहामी ने अपने बयान में कहा कि बीएससी नर्सिंग कोर्स के लिए जरूरी मंजूरियां न मिलना छात्रों के शैक्षणिक भविष्य को खतरे में डालती है. उन्होंने कहा, “छात्रों की जायज चिंताओं को संबोधित करने और उनके शैक्षणिक करियर की रक्षा करने के बजाय, विश्वविद्यालय ने प्रतिक्रिया के रूप में छात्रों को निलंबित करने का विकल्प चुना. यह कठोर कार्रवाई है और न्याय के लिए अपनी आवाज उठाने के छात्रों के अधिकार पर सीधा हमला है.”

विश्वविद्यालय की कार्रवाई अस्वीकार्य

खुएहामी ने कहा कि 18 अक्टूबर को विश्वविद्यालय के प्रॉक्टर के साथ एक बैठक निर्धारित की गई थी. जिसका उद्देश्य छात्रों की चिंताओं को दूर करना था. मगर योजना के अनुसार बैठक नहीं हुई, जिससे छात्र निराश हो गए. उन्होंने कहा कि विरोध प्रदर्शनों के जवाब में, विश्वविद्यालय प्रशासन ने मुद्दे को हल करने या उनके शैक्षणिक करियर को बचाने के लिए कोई ठोस कदम उठाने के बजाय 35 छात्रों को निलंबित करके दंडात्मक कार्रवाई की. यह हमें अस्वीकार्य है.

-भारत एक्सप्रेस 

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