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झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा ने दोष सिद्धि पर रोक लगाने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में दायर की याचिका, 25 अक्टूबर को होगी सुनवाई

दिल्ली हाईकोर्ट की एकल पीठ ने मधु कोड़ा की याचिका को यह कहते हुए खारिज कर दिया था कि याचिकाकर्ता केवल इस आधार पर फैसले पर रोक लगाना चाहता है कि वह चुनाव लड़ सके, जो उचित नहीं है.

madhu Koda

झारखंड के पूर्व सीएम मधु कोड़ा.

कोयला घोटाला मामले में दोषी झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा की ओर से दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट 25 अक्टूबर को सुनवाई करेगा. मधु कोड़ा ने दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है. जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस संजय कुमार और जस्टिस आर महादेवन की बेंच मधु कोड़ा की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई कर रही है. कोड़ा ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर दोष सिद्धि पर रोक लगाने की मांग की है, ताकि झारखंड में हो रहे विधानसभा चुनाव लड़ सकें.

मामले की सुनवाई के दौरान जस्टिस संजीव खन्ना ने कहा कि उन्होंने इस केस की फाइल नहीं पढ़ी है. जस्टिस संजीव खन्ना ने सीबीआई की ओर से पेश वरिष्ठ वकील आरएस चीमा से कहा कि इस कोर्ट ने दोष सिद्धि के निलंबन से निपटने के लिए पहले भी एक फैसला दिया था. जिसमें कहा गया था कि इसकी सीमा जमानत की सीमा के समान नहीं है. आपको इसकी जानकारी है? जिसका जवाब देते हुए चीमा ने कहा कि इसकी जानकारी नहीं है.

दिल्ली हाईकोर्ट की एकल पीठ ने मधु कोड़ा की याचिका को यह कहते हुए खारिज कर दिया था कि याचिकाकर्ता केवल इस आधार पर फैसले पर रोक लगाना चाहता है कि वह चुनाव लड़ सके, जो उचित नहीं है. प्रथम दृष्टया यही लगता है कि वह इस मामले में दोषी है. इसलिए निचली अदालत के फैसले पर रोक लगाने का कोई ठोस कारण नहीं है. सीबीआई ने मधु कोड़ा की ओर से दायर याचिका का विरोध किया था. सीबीआई ने कहा था कि हाई कोर्ट इस मामले में पहले ही ऐसी ही याचिका खारिज कर चुका है. ऐसे में यह याचिका सुनवाई योग्य नहीं है.

सीबीआई ने कहा था कि इस अदालत ने राजनीतिक अपराधमुक्त किये जाने के लिए कदम उठाने की बढ़ती मांग पर गौर किया. इस सिद्धांत को ध्यान में रखते हुए कोर्ट ने याचिका को खारिज कर दिया था. कोड़ा ने अदालत से 2024 का झारखंड राज्य विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए 13 दिसंबर 2017 के दोषसिद्धि आदेश को निलंबित करने का आग्रह किया था.

निचली अदालत ने भ्रष्टाचार और आपराधिक गतिविधियों की धाराओं में साल 2017 में दोषी करार दिया था. उन्हें तीन साल जेल की सजा सुनाई गई थी और 5 लाख रुपये का जुर्माना लगाया भी लगाया था. पटियाला हाउस कोर्ट ने 16 दिसंबर 2019 को मधु कोड़ा, पूर्व कोयला सचिव एचसी गुप्ता, झारखंड के पूर्व मुख्य सचिव एके बसु और विजय जोशी को तीन साल कैद की सजा सुनाई थी. तीन साल की.सजा के अलावे मधु कोड़ा को 25 लाख, विजय जोशी को 125 लाख एचसी गुप्ता को एक लाख रुपये, एके बसु को एक लाख और विनी आयरन एंड स्टील कंपनी को 50 लाख का जुर्माना देने का आदेश दिया था.

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-भारत एक्सप्रेस



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