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Haryana: गोमांस खाने के आरोप में मजदूर को पीट-पीट कर मार डाला था, अब पुलिस ने कहा- ये BEEF नहीं था

हरियाणा के चरखी दादरी जिले में बीते 27 अगस्त को गोमांस खाने के शक में पश्चिम बंगाल के प्रवासी मजदूर साबिर मलिक की भीड़ ने पीट-पीटकर ने हत्या कर दी थी.

पुलिस की गिरफ्त में पीट-पीटकर हत्या मामले के आरोपी.

Charkhi Dadri Mob Lynching: बीते अगस्त महीने में हरियाणा के चरखी दादरी जिले में गोमांस पकाने और खाने के शक में पश्चिम बंगाल के प्रवासी मजदूर साबिर मलिक की भीड़ ने पीट-पीट कर ने हत्या कर दी थी. मृतक बाढड़ा तहसील के पास एक झुग्गी में रहता था और जीविका के लिए कूड़ा-कचरा इकट्ठा करता था.

इस संबंध में अब एक रिपोर्ट में सामने आई है जिसमें कहा गया है कि साबिर द्वारा पकाया गया मांस गाय का नहीं था. इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक​, साबिर की हत्या के करीब 2 महीने बाद पुलिस ने शुक्रवार (25 अक्टूबर) को बताया कि लैब रिपोर्ट से पता चला है कि मांस दरअसल गोमांस नहीं था.

27 अगस्त को हुई थी हत्या

पश्चिम बंगाल के प्रवासी मजदूर साबिर मलिक की हत्या के मामले 10 लोगों को गिरफ्तार किया गया है और 6 लोगों अभी भी इस मामले में वांछित हैं. पुलिस ने बताया कि 27 अगस्त को मलिक और उसके दोस्त असीरुद्दीन को आरोपियों ने खाली प्लास्टिक की बोतलें बेचने के बहाने एक दुकान पर बुलाया और उन पर हमला कर दिया था. असीरुद्दीन भागने में सफल रहा, लेकिन आरोपी मलिक को मोटरसाइकिल पर बैठा कर दूसरी जगह ले गए और फिर से उस पर हमला किया, जिससे उसकी मौत हो गई. बाद में उसका शव झुग्गियों के पास मिला, जहां वह रहता था.

गोमांस की पुलिस से की गई थी शिकायत

हमले के बाद असीरुद्दीन भागने में सफल रहे थे, लेकिन साबिर मलिक को आरोपियों ने बंधक बना लिया था. फिर वे उन्हें मोटरसाइकिल पर बैठा कर दूसरी जगह ले गए और वहां पर फिर से उस पर हमला किया, जिससे उनकी मौत हो गई. बाद में उसका शव झुग्गियों के पास मिला, जहां वह रहते थे.

रिपोर्ट के अनुसार, साबिर की हत्या से कुछ घंटे पहले गांव में कुछ युवकों ने पुलिस को बुलाया गया था. युवकों का दावा था कि झुग्गियों में गोमांस पकाया और खाया जा रहा है. अधिकारियों ने बताया कि जब पुलिस ने मांस को जब्त कर लिया और जांच के लिए भेज दिया, तब भी आरोपी संतुष्ट नहीं हुए और कानून को अपने हाथ में लेने का फैसला किया और मलिक की पीट-पीटकर हत्या कर दी.

पुलिस ने क्या कहा

शुक्रवार को बाढड़ा के पुलिस उपाधीक्षक भारत भूषण ने बताया, ‘मौके से एकत्र किया गया पका हुआ मांस फरीदाबाद की एक लैब में भेजा गया था. यह पता चला है कि मांस मवेशियों का नहीं था.’ चरखी दादरी की पुलिस अधीक्षक पूजा वशिष्ठ ने कहा कि हमने मामले में 10 लोगों को गिरफ्तार किया है और यह रिपोर्ट चालान के साथ अदालत में पेश की जाएगी. पुलिस उपाधीक्षक भारत भूषण ने कहा कि छह अन्य लोगों को भी जल्द ही गिरफ्तार किया जाएगा.

-भारत एक्सप्रेस

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