दिल्ली हाईकोर्ट
दिल्ली के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में कथित सह आरोपी अंकुश जैन और वैभव जैन को दिल्ली हाई कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. दिल्ली हाईकोर्ट के जस्टिस मनोज कुमार जैन ने अंकुश जैन और वैभव जैन को कुछ शर्तों के साथ जमानत दे दी है. कोर्ट ने जमानत देते हुए दोनों को पासपोर्ट सरेंडर करने का आदेश दिया है. साथ ही कोर्ट ने कहा है कि जमानत पर रहने के दौरान गवाहों को प्रभावित नहीं करेंगे और न ही सबूतों के साथ छेड़छाड़ करेंगे.
हाल ही में सत्येंद्र जैन को राऊज एवेन्यू कोर्ट ने जमानत दी थी. कोर्ट ने सत्येंद्र जैन को जमानत देते हुए कहा था कि जैन लंबे समय से जेल में बंद हैं और ट्रायल पूरा होने की जल्द कोई संभावना नहीं है. सत्येंद्र जैन को मई 2022 में ईडी ने गिरफ्तार किया था. सत्येंद्र जैन को पिछले साल मई में स्वास्थ्य के आधार पर अंतरिम जमानत दी गई थी, और वह 10 महीने तक जमानत पर रहे थे.
सुप्रीम कोर्ट ने सत्येंद्र जैन की ओर से दायर नियमित जमानत याचिका को खारिज करते हुए सरेंडर करने का आदेश दिया था. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद सत्येंद्र जैन ने 18 मार्च को तिहाड़ जेल में सरेंडर कर दिया था.
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27 जुलाई 2022 को ईडी ने सत्येंद्र जैन सहित छह आरोपियों और चार कंपनियों को आरोपी बनाया था. ईडी ने चार्जशीट में सत्येंद्र जैन, उनकी पत्नी पूनम जैन, वैभव जैन, अंकुश जैन, सुनील कुमार जैन, अजित कुमार जैन, मेसर्स अकिंचन डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड, मेसर्स प्रयास इंफो सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड, मंगलायतन प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड और जेजे आइडियल इस्टेट प्राइवेट लिमिटेड को आरोपी बनाया है.
जैन पर सीबीआई ने भी आय से अधिक संपत्ति का मामला दर्ज कर रखा है. उन पर 2015 से 2017 के बीच आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने का आरोप है.
-भारत एक्सप्रेस
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