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Digital Arrest और Cyber Fraud पर एक्शन में सरकार, गृह मंत्रालय ने गठित की हाई लेवल कमेटी

गृह मंत्रालय के 14सी विंग ने सभी राज्यों की पुलिस से संपर्क किया है. एमएचए का 14सी विंग डिजिटल अरेस्ट पर केस-टू-केस मॉनिटर करेगा.

Digital Arrest

Digital Arrest

देश में बढ़ते साइबर अपराध (Cyber Crime) और डिजिटल अरेस्ट (Digital Arrest) के मामलों को लेकर गृह मंत्रालय (Home Minister Amit Shah) ने बुधवार को एक हाई लेवल कमेटी गठित की है. गृह मंत्रालय के आंतरिक सुरक्षा सचिव इस कमेटी को मॉनिटर कर रहे हैं. पीएम मोदी (PM Modi) ने अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ के 115वें एपिसोड में देशवासियों को ‘डिजिटल अरेस्ट’ को लेकर सजग रहने की नसीहत दी थी. साथ ही उन्होंने साइबर फ्रॉड से बचने के लिए ‘रुको-सोचो-एक्शन लो’ का मंत्र भी दिया था.

14C Wing करेगा मॉनिटर

पीएम मोदी की नसीहत के बाद गृह मंत्रालय ने डिजिटल अरेस्ट और साइबर फ्रॉड के बढ़ते मामलों को रोकने के लिए बड़ा कदम उठाया. डिजिटल अरेस्ट और साइबर फ्रॉड से निपटने के लिए एक हाई लेवल कमेटी गठित की गई है. डिजिटल अरेस्ट की घटनाओं पर लगाम लगाने लिए विशेष अभियान चलाया जाएगा. सूत्रों के मुताबिक डिजिटल अरेस्ट की घटनाओं पर तत्काल एक्शन लेने के निर्देश दिए गए हैं. इसके अलावा गृह मंत्रालय के 14सी विंग ( Home Ministry 14C Wing) ने सभी राज्यों की पुलिस से संपर्क भी किया है. एमएचए (MHA) का 14सी विंग डिजिटल अरेस्ट पर केस-टू-केस मॉनिटर करेगा.

6 लाख मोबाइल ब्लॉक किए गए

इस साल डिजिटल अरेस्ट से जुड़ी 6,000 से अधिक शिकायतें दर्ज की गई हैं. गृह मंत्रालय के साइबर विंग ने अब तक 6 लाख मोबाइल को ब्लॉक किया है. ये सभी फोन साइबर फ्रॉड और डिजिटल अरेस्ट की घटनाओं में शामिल थे. इसके अलावा 14सी विंग ने अब तक 709 मोबाइल एप्लिकेशन को भी ब्लॉक किया है. इसके अलावा साइबर फ्रॉड में शामिल 1 लाख 10 हजार आईएमईआई(IMEI) को ब्लॉक किया गया है. साथ ही साइबर फ्रॉड से जुड़े 3.25 लाख फेक बैंक को भी फ्रीज किया गया है.

पीएम मोदी ने बताया था कैसे होता है डिजिटल अरेस्ट

प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी मन की बात में डिजिटल अरेस्ट और साइबर फ्रॉड की घटनाओं को लेकर लोगों को जागरूक किया था. प्रधानमंत्री ने डिजिटल अरेस्ट का फरेब करने वालों के बारे में कहा कि उनका पहला दांव होता है कि ये आपकी सारी व्यक्तिगत जानकारी जुटा कर रखते हैं. उनका दूसरा दांव भय का माहौल पैदा करने का होता है. यह फोन कॉल पर इतना डरा देंगे कि आप कुछ सोच ही नहीं पाएंगे. इसके बाद फ्रॉड करने वाले समय का अभाव दिखाते हैं ये इतना मनोवैज्ञानिक दबाव बनाते हैं कि इंसान डर जाता है और डिजिटल अरेस्ट का शिकार हो जाता है.

-भारत एक्सप्रेस

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