झारखंड की 43 सीटों पर हो रहा मतदान.
झारखंड विधानसभा चुनाव के पहले चरण की वोटिंग आज सुबह से शुरू हो गई है. मतदान शाम को 5 बजे तक चलेगा. पहले चरण में 43 सीटों पर वोट डाले जा रहे हैं. जबकि, दूसरे चरण में 38 सीटों के लिए 20 नवंबर को मतदान होगा.
इस चरण में कुल 1.37 करोड़ मतदाता 683 प्रत्याशियों की किस्मत ईवीएम पर लिखेंगे. इनमें पुरुष मतदाताओं की संख्या 68.73 लाख और महिला मतदाताओं की संख्या 68.36 लाख है. थर्ड जेंडर के मतदाताओं की संख्या 303 है. 18-19 साल के मतदाताओं की संख्या 6.51 लाख है.
पहले चरण के चुनाव के जिन प्रमुख प्रत्याशियों की किस्मत का फैसला होना है, उनमें पूर्व सीएम चंपई सोरेन, झारखंड सरकार के छह मंत्रियों डॉ रामेश्वर उरांव, मिथिलेश ठाकुर, बन्ना गुप्ता, दीपक बिरुआ, बैद्यनाथ राम और रामदास सोरेन, पूर्व सीएम अर्जुन मुंडा की पत्नी मीरा मुंडा, ओडिशा के राज्यपाल रघुवर दास की बहू पूर्णिमा दास साहू, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष सीपी सिंह, पूर्व मंत्री सरयू राय, कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता रहे पूर्व आईपीएस डॉ अजय कुमार, राज्यसभा की सांसद डॉ महुआ माजी और पूर्व सीएम मधु कोड़ा की पत्नी गीता कोड़ा शामिल हैं. इस चरण की सीटों में 20 अनुसूचित जनजाति और 6 अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हैं, जबकि 17 सीटें सामान्य हैं.
राज्य के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के. रवि कुमार ने बताया है कि सभी बूथों पर वेबकास्टिंग से नजर रखी जा रही है. प्रत्येक बूथ के अंदर एवं बाहर हाई डेफिनेशन वाले कैमरे लगे हैं. 12 हजार 716 बूथ ग्रामीण और 2 हजार 628 बूथ शहरी क्षेत्र में स्थित हैं. 1152 मतदान केंद्र ऐसे हैं, जहां मतदान की पूरी प्रक्रिया का जिम्मा महिलाओं के हाथों में है, जबकि 23 बूथों की जिम्मेदारी युवा और 24 बूथों का जिम्मा दिव्यांग कर्मी संभाल रहे हैं.
मतदाताओं को आकर्षित करने एवं स्थानीय महत्व को दर्शाने के उद्देश्य से इन 15 जिलों में कुल 50 बूथों को यूनिक बूथ के रूप में सुसज्जित किया गया है. रांची के तमाड़ में चिपबंधीडीह स्थित बूथ को आदिवासी थीम पर सुसज्जित किया गया है. वहीं बालिका उच्च विद्यालय बरियातू को हॉकी के थीम पर सजाया गया है. हजारीबाग में संत कोलंबस कॉलेज स्थित बूथ को सबसे पुराना बूथ होने के कारण यूनिक बूथ की कैटेगरी में रखा गया है. रामगढ़ के पतरातू के छावनी परिषद उत्क्रमित मध्य विद्यालय को झोपड़ी के रूप में और उत्क्रमित मध्य विद्यालय उचरिंगा को टूरिज्म के थीम पर विकसित किया गया है. गोला के राज्य संपोषित +2 उच्च विद्यालय गोला स्थित बूथ किसानी-खेती के थीम पर बनाया गया है. चतरा में उत्क्रमित उच्च विद्यालय लावालोंग के बूथ को नशा मुक्ति के थीम पर विकसित किया गया है. छऊ नृत्य के लिए प्रसिद्ध बोकारो एवं सरायकेला के ऐसे बूथ भी हैं, जिन्हें छऊ नृत्य के दृश्यों से सुसज्जित किया गया है.
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