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भारतीय IT flexi staffing इंडस्ट्री के अगले दो वित्त वर्ष में 7 प्रतिशत सीएजीआर से बढ़ने की उम्मीद : ISF रिपोर्ट

इस रिपोर्ट के अनुसार, लगभग 38 प्रतिशत संगठन मानते हैं कि आईटी फ्लेक्सिबल स्टाफिंग को अपनाने के लिए ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’ और ‘प्रतिभा की उपलब्धता’ प्रमुख कारण हैं.

IT flexi staffing industry

सांकेतिक तस्वीर.

भारतीय आईटी फ्लेक्सी स्टाफिंग बाजार के अगले दो वित्त वर्ष में सात प्रतिशत सीएजीआर से बढ़ने की उम्मीद है. आईटी फ्लेक्सी स्टाफिंग बाजार का मूल्य वित्त वर्ष 2024 में 4.9 बिलियन अमेरिकी डॉलर था, इसमें 5,97,000 वर्कफोर्स मौजूद था. इंडियन स्टाफिंग फेडरेशन (आईएसएफ) की भारतीय आईटी स्टाफिंग – सेक्टोरल और राज्य रोजगार रुझान रिपोर्ट 2024 में यह जानकारी सामने आई है.

ईज ऑफ डूइंग बिजनेस प्रमुख वजह

इस रिपोर्ट के अनुसार, लगभग 38 प्रतिशत संगठन मानते हैं कि आईटी फ्लेक्सिबल स्टाफिंग को अपनाने के लिए ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’ और ‘प्रतिभा की उपलब्धता’ प्रमुख कारण हैं. रिपोर्ट में आगे कहा गया कि भारत एपीएसी आईटी स्टाफिंग मार्केट को बढ़ाते हुए दक्षिण एशिया-प्रशांत (एपीएसी) क्षेत्र में दूसरा सबसे बड़ा प्लेयर है. आईटी फ्लेक्सी स्टाफिंग इंडस्ट्री क्लाइंट को अस्थाई और कॉन्ट्रैक्ट आईटी पेशेवरों को सप्लाई करने पर ध्यान केंद्रित करती है.

CAGR 7 प्रतिशत है

आईएसएफ के अध्यक्ष लोहित भाटिया ने एक बयान में कहा कि भारत के आईटी फ्लेक्सी-स्टाफिंग क्षेत्र में स्थिर वृद्धि का अनुमान है. वित्त वर्ष 2024 से वित्त वर्ष 2026 तक अनुमानित चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (सीएजीआर) 7 प्रतिशत है. उन्होंने कहा कि आईटी इंडस्ट्री ने पिछली तिमाही से दोबारा से उत्थान के संकेत दिखाने शुरू कर दिए हैं.

लोहित भाटिया ने आगे कहा कि भारत के निरंतर विकास के तहत देश को फ्लेक्सिबल स्टाफिंग का हब बनाया जाना डिजिटल अर्थव्यवस्था की प्रतिस्पर्धी मांगों को पूरा करने के लिए जरूरी है. क्षेत्रीय विस्तार और फ्लेक्सी स्टाफिंग मॉडल की बढ़ती जरूरत दक्षिण एशिया प्रशांत स्टाफिंग बाजार में एक लीडर के रूप में भारत की भूमिका को दर्शाती है.

आईएसएफ के उपाध्यक्ष मनमीत सिंह ने कहा कि आईटी और आईटी-सक्षम सेवाएं (आईटीईएस) क्षेत्र, वैश्विक क्षमता केंद्रों (जीसीसी) के साथ मिलकर आईटी फ्लेक्सी बाजार के आकार का 51 प्रतिशत हिस्सा रखते हैं और 2,96,000 पेशेवरों के फ्लेक्सी वर्कफोर्स को रोजगार देते हैं. इस इंडस्ट्री में जेंडर डायवर्सिटी के मामले में, दिल्ली एनसीआर जेंडर बैलेंस को बढ़ावा देने में सबसे आगे नजर आता है, जहां फ्लेक्सी-स्टाफिंग भूमिकाओं में 55 प्रतिशत पुरुष और 45 प्रतिशत महिला वर्कफोर्स है.

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कर्नाटक में महिला श्रम शक्ति भागीदारी दर 37 प्रतिशत है, जो भारत के राष्ट्रीय औसत के अनुरूप है. महाराष्ट्र 33 प्रतिशत महिला वर्कफोर्स, तेलंगाना 39 प्रतिशत महिला वर्कफोर्स और तमिलनाडु 23 प्रतिशत महिला वर्कफोर्स के साथ इन राज्यों में महिलाओं की भागीदारी कम नजर आती है.

उभरते शहरों जैसे अहमदाबाद, कोयम्बटूर, विशाखापत्तनम, सूरत, कोच्चि और नागपुर में फ्लैक्सिबल आईटी टैलेंट की मांग को लेकर तेजी देखी जा रही है. वहीं, बेंगलुरु, हैदराबाद, चेन्नई, मुंबई, कोलकाता और दिल्ली एनसीआर जैसे स्थापित टेक हब आईटी फ्लेक्सी-स्टाफिंग मांग में सबसे आगे बने हुए हैं.

-भारत एक्सप्रेस

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