Bharat Express

241 करोड़ की मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपी राजेश कात्याल को कोर्ट से मिली जमानत, कहा- ED ने मनमाने ढंग से गिरफ्तार किया

साकेत कोर्ट ने भूखंड खरीदारों से धोखाधड़ी कर 241 करोड़ रुपए का धन शोधन करने के आरोपी कारोबारी राजेश कात्याल को जमानत दे दी है. उसने कहा कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने उसे मनमाने तरीके से गिरफ्तार किया था.

Saket court

साकेत कोर्ट.

साकेत कोर्ट ने भूखंड खरीदारों से धोखाधड़ी कर 241 करोड़ रुपए का धन शोधन करने के एक आरोपी कारोबारी राजेश कात्याल को जमानत दे दी. उसने कहा कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने दिल्ली हाईकोर्ट के आदेशों का अवहेलना करते हुए उसे मनमाने तरीके से गिरफ्तार किया था.

अदालत में विशेष न्यायाधीश गौरव गुप्ता ने कारोबारी के वकीलों की दलीलों पर गौर किया, जिन्होंने कहा था कि हाईकोर्ट ने 30 जुलाई को प्राथमिकी में यथास्थिति बनाए रखने का निर्देश दिया था. उन्होंने कहा कि प्राथमिकी पूर्ववर्ती अपराध का हिस्सा है. ईडी को उक्त आदेश का पालन करना चाहिए था. लेकिन उसने मनमाने तरीके से आरोपियों को गिरफ्तार करने की कार्यवाही की.

न्यायाधीश ने यह भी कहा कि ईडी को कम से कम इतना तो करना चाहिए कि वह आरोपी को गिरफ्तार करने से पहले हाईकोर्ट की अनुमति ले लेता. लेकिन नहीं लिया. ईडी की ओर से यह लापरवाही बता दिया है कि वह हाईकोर्ट के आदेशों से बंधा नहीं है. उसके इस रूख की निंदा की जानी चाहिए.

जज बोले- अपराध का अस्तित्व ही संदिग्ध

न्यायाधीश ने कहा कि संबंधित अपराध का अस्तित्व ही संदिग्ध है. इसलिए इस अदालत के पास यह मानने के लिए उचित आधार है कि आरोपी कथित अपराध का दोषी नहीं है. ईडी ने न केवल रद्द की जा चुकी प्राथमिकियों के आधार पर अपना मामला दर्ज किया, बल्कि कत्याल की रिमांड मांगने वाले अपने आवेदन में भी सुविधाजनक ढंग से इसका खुलासा करना भूल गई. ईडी ने अपराध का आय 50 करोड़ रुपए बताया है, लेकिन प्रथम दृष्टया ऐसा कुछ भी नहीं है. जिससे पता चले कि यह भूखंड खरीदारों का पैसा था जो आरोपियों के हाथों में आया है.

ईडी ने कात्याल के खिलाफ ये आरोप लगाए

ईडी के अनुसार, आरोपियों ने अन्य लोगों के साथ मिलकर गुरुग्राम में ब्रह्मा सिटी/क्रिश र्वल्ड में कई भूखंड खरीदारों से मिले करीब 250 करोड़ रुपए को फर्जी कंपनियों के माध्यम से अपनी कंपनियों के खातों में स्थानांतरित कर दिया और उसे विदेश में जमा कर दिया था.

Also Read