बढ़ते वायु प्रदूषण को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार को लगाई फटकार.
Delhi Air Pollution: दिल्ली में बढ़ते वायु प्रदूषण के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार को फटकार लगाते हुए कई सवाल पूछे है. जस्टिस अभय एस ओका और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की बेंच ने केंद्र सरकार से पूछा कि जब एयर क़्वालिटी इंडेक्स 300 से 400 के बीच पहुचा, तो स्टेज 3 की पाबंदियां लागू करने में तीन दिन की देरी क्यों हुई? आप हमें गाइडलाइंस बताइए. केंद्र सरकार की ओर से पेश वकील ने कहा कि अब स्टेज 4 की पाबंदियां लागू करने की स्थिति बन गई है. इस पर कोर्ट ने कहा कि दिल्ली सरकार इसे कैसे लागू करेगी. हमे बताइए.
कोर्ट ने सरकार से पूछा ग्रेप की गाइडलाइंस क्या है
कोर्ट ने कहा कि हम यहां स्पष्ट कर देना चाहते हैं कि हमारी इजाजत के बगैर स्टेज 4 से नीचे नहीं आएंगे. भले ही AQI 300 से नीचे ही क्यों ना आ जाए. कोर्ट ने सवाल करते हुए कहा कि दिल्ली सरकार बताए कि ग्रेप की गाइडलाइंस क्या है? वहीं ग्रेप को लागू करने के लिए कौन मॉनिटर कर रहा है. प्रदूषण को कम करने के लिए आखिर क्या कदम उठाए जा रहे है. कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि राजधानी दिल्ली में जब AQI 401 12 नवंबर को पार कर गया था. फिर ग्रेप 4 को लागू करने में इतनी देरी क्यों की गई. 14 नवंबर को एमिकस क्यूरी अपराजिता सिंह ने दिल्ली में खतरनाक होते प्रदुषण को लेकर सुप्रीम कोर्ट से जल्द सुनवाई की मांग करते हुए कहा था कि आज हम गंभीर स्थिति में है. दिल्ली सरकार ने अभी तक कोई ठोस उपाय नहीं किया है. हमें दिल्ली को दुनिया का सबसे प्रदूषित शहर नहीं बनने देना चाहिए.
एजेंसियां प्रदूषण को नियंत्रित करने में पूरी तरह विफल
कोर्ट ने पिछली सुनवाई में दिल्ली सरकार और संबंधित एजेंसियों को फटकार लगाई थी. कोर्ट ने पूछा था कि खतरनाक हालात बनने से पहले एहतियाती कदम क्यों नही उठाए गए? पिछली सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कमीशन फॉर एयर क़्वालिटी मैनेजमेंट से पूछा था कि जब स्थिति खराब हो रही थी, तब ग्रेडेड रेस्पॉन्स एक्शन प्लान का फेज 3 पहले क्यों नही लागू किया गया. कोर्ट ने यह भी कहा था कि खतरनाक हालात बनने से पहले ही कदम उठाए जाने चाहिए थे. एमिकस क्यूरी ने आरोप लगाया है कि दिल्ली सरकार और संबंधित एजेंसियां प्रदूषण को नियंत्रित करने में पूरी तरह विफल रही है.