पी चिदंबरम (फाइल फोटो)
दिल्ली हाई कोर्ट ने आईएनएक्स मीडिया मामले में आरोपों पर बहस स्थगित करने की मांग संबंधी पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम द्वारा दायर याचिका पर सीबीआई से जवाब मांगा है. चिदंबरम का तर्क है कि अगर सीबीआई का यह दावा कि जांच पूरी हो गई है स्वीकार कर लिया जाता है, तो आरोपी उन दस्तावेजों का निरीक्षण करने के हकदार होंगे जिन्हें पहले रोक लिया गया था लेकिन जिन पर भरोसा नहीं किया गया था. हालांकि, सीबीआई ने इस अनुरोध का विरोध किया है.
न्यायमूर्ति मनोज कुमार ओहरी ने दलीलें सुनने के बाद मामले की अगली सुनवाई 29 नवंबर को तय की है. चिदंबरम ने 26 अक्टूबर 2024 के ट्रायल कोर्ट के आदेश को चुनौती देते हुए दिल्ली उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया, जिसमें आईएनएक्स मीडिया मामले में 5 मार्च, 2021 के आदेश के अनुसार बिना भरोसा किए दस्तावेजों के निरीक्षण के संबंध में सीबीआई से स्पष्टीकरण मांगने वाली उनकी याचिका को खारिज कर दिया गया था.
आगे की जांच पूरी हो चुकी है
याचिका में कहा गया है कि 12 जनवरी, 2024 की सीबीआई की स्थिति रिपोर्ट के अनुसार अन्य पहलुओं पर आगे की जांच पूरी हो चुकी है. सीबीआई ने अपने निवेदन में कहा है कि वह इस बात की पुष्टि नहीं कर सकती है कि यूनाइटेड किंगडम, स्विटजरलैंड और सिंगापुर से लेटर्स रोगेटरी (एलआर) से संबंधित निष्पादन रिपोर्टों के माध्यम से प्राप्त जानकारी को चार्जशीट में भरोसेमंद या बिना भरोसा किए दस्तावेजों के रूप में शामिल किया जा सकता है या नहीं. सीबीआई का कहना है कि यह निर्णय इन रिपोर्टों को उन एलआर के साथ सहसंबंधित करने के बाद ही लिया जा सकता है जो अभी भी प्राप्त होने के लिए लंबित हैं.
अनियमितताओं का आरोप
2022 में दिल्ली उच्च न्यायालय ने आईएनएक्स मीडिया भ्रष्टाचार मामले में चिदंबरम सहित आरोपी व्यक्तियों और उनके वकीलों को मालखाना कक्ष में रखे दस्तावेजों का निरीक्षण करने की अनुमति देने के ट्रायल कोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली सीबीआई की याचिका को खारिज कर दिया था. सीबीआई ने 15 मई, 2017 को मामला दर्ज किया था, जिसमें 2007 में केंद्रीय वित्त मंत्री के रूप में चिदंबरम के कार्यकाल के दौरान आईएनएक्स मीडिया समूह को 305 करोड़ रुपये विदेशी फंड प्राप्त करने के लिए विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआईपीबी) की मंजूरी में अनियमितताओं का आरोप लगाया गया था.
–भारत एक्सप्रेस