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पुस्तक विमोचन कार्यक्रम में पहुंचे भारत एक्सप्रेस के CMD उपेंद्र राय ने इनकम टैक्स वालों को लेकर सुनाया दिलचस्प किस्सा

इनकम टैक्स पर सीए मनोज के पटवारी की किताब के वि​मोचन पर पहुंचे भारत एक्सप्रेस के चेयरमैन, एमडी और एडिटर-इन-चीफ उपेंद्र राय ने उन दिनों को याद किया जब वे मुंबई में राष्ट्रीय सहारा के ब्यूरो चीफ हुआ करते थे.

इनकम टैक्स पर एक किताब के विमोचन कार्यक्रम में शामिल हुए सीएमडी उपेंद्र राय.

राजधानी दिल्ली के प्रगति मैदान इलाके में स्थित भारत मंडपम में सोमवार (18 नवंबर) को सीए मनोज के. पटवारी की किताब इनकम टैक्स सर्च एंड सिजर्स का विमोचन किया है. कार्यक्रम में केंद्रीय कानून और न्याय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल बतौर मुख्य अ​तिथि शामिल हुए.

कार्यक्रम में शामिल अतिथियों में भारत एक्सप्रेस न्यूज नेटवर्क चेयरमैन, एमडी और एडिटर-इन-चीफ उपेंद्र राय भी शामिल हुए. इस दौरान उन्होंने इनकम टैक्स विभाग के अधिकारियों से जुड़ा एक दिलचस्प किस्सा सुनाया.

इनकम टैक्स: ​नीरस या सरस

अपने वकतव्य में सीएमडी उपेंद्र राय ने कहा, ‘इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की बात हो रही है तो ये बहुत ही ​नीरस विषय है, लेकिन मेरे लिए बहुत सरस रहा है. ऐसा इसलिए क्योंकि जब मैं 6 दिसंबर 1999 को राष्ट्रीय सहारा अखबार का ब्यूरो चीफ बनकर बॉम्बे पहुंचा तो अटलांटा बिल्डिंग में नौकरी जॉइन करने के बाद पहले किसी दफ्तर पहुंचा तो वह इनकम टैक्स विभाग था.’

मुंबई आयकर विभाग

वे कहते हैं, ‘दफ्तर में घुसा तो एक बोर्ड लगा था, जिस पर अधिकारियों के नाम लिखे थे. मैं जिनसे मिलने गया था वह इनकम टैक्स डिपार्टमेंट में काम नहीं करते थे. वह राजभाषा अधिकारी थे, डीजीएसएनडी (आपूर्ति और निपटान महानिदेशालय) में, लेकिन उनका दफ्तर आयकर भवन में ही सेकेंड फ्लोर पर था.’

मानवता से भरा काम

सीएमडी उपेंद्र राय ने कहा, ‘इनकम टैक्स की कठिन बातों से तो लोगों का परिचय जरूर होगा, लेकिन इस विभाग में भी कुछ अच्छे लोग भी रहे हैं और जिन्होंने बहुत अच्छा और मानवता से भरा काम किया है. एक काम मेरे साथ हुआ, जिसका जीता जागता प्रमाण मैं आपके सामने खड़ा हूं. 24 साल की उम्र में मैंने शादी की और मेरी शादी उस वक्त इनकम टैक्स विभाग में वीके बरनवाल ने करवाई, जो ​तब चीफ कमिश्नर बनने वाले थे. वह 69 बैच के आईआरएस अधिकारी थे, हालांकि अब वे नहीं रहे.’

अंग्रेजी के अखबार हुए मजबूर

उन्होंने उस दौर में विभाग में कार्यरत रहे कुछ अधिकारियों का नाम लेते हुए कहा, ‘मैं इनकम टैक्स कवर करता थे और इसे बहुत शानदार ​बीट बनाया मैंने. मुझे सारे अधिकारी खबरें बताते थे और मैं उन्हें बहुत अच्छी तरह से पेश करता था. धीरे-धीरे मैंने टाइम्स ऑफ इंडिया और इकोनॉमिक टाइम्स जैसे तमाम अंग्रेजी अखबारों को, तब उन लोगों ने इस विभाग को कवर करने के लिए 2-2 रिपोर्टर रखे.’

जुहू सेंटूर होटल से रिसेप्शन

उन्होंने बताया, ‘मेरी शादी होने की जानकारी मिलने के बाद बरनवाल साहब ने एक मीटिंग बुलाई. उन्होंने मुझसे कहा कि हम अपने बच्चों की शादी 5 स्टार होटल में नहीं करा सके, लेकिन तुम्हारी शादी 5 स्टार होटल से कराएंगे. मुझे आज तक ये नहीं पता चला कि शादी की व्यवस्था कैसे हुई. जुहू सेंटूर होटल में मेरी रिंग सेरेमनी 10 अप्रैल 2004 को हुई. यहीं से शादी का रिसेप्शन भी 10 जुलाई 2004 ​को हुआ. उन्होंने मुझसे पूछा था कि कोई और इच्छा है तो मैंने कहा कि बचपन में मैंने शांतिकुंज वालों की शादी होते देखी थी. शादी का मंत्र पंडित जी मन में बुदबुदाते हुए पढ़ देते हैं, वहीं शांति कुंज वाले उसका असली अर्थ समझाते हैं, चाहता हूं कि मैं फेरे वहां लूं.’

शांतिकुंज हरिद्वार से शादी

सीएमडी उपेंद्र राय आगे कहते हैं, ‘इसके बाद इनटैक्स वि​भाग ने शांतिकुंज ​हरिद्वार में इसकी व्यवस्था कराई. दिल्ली के लोगों ने भी सहयोग किया. करीब 29 गाड़ियों के साथ हमारी बारात हरिद्वार गई और खूब धूमधाम से मेरी शादी हुई. ये तो लोग जानते हैं कि इनटैक्स वाले थप्पड़ मार देते हैं, घर में घुस जाते हैं, लेकिन उन लोगों ने मेरी शादी करवाई. उस वक्त मुंबई में 13 ​चीफ कमिश्नर हुआ करते थे, उनकी फोटो आज भी मेरी शा​दी के एलबम में है.’

उन्होंने कहा, ‘हां ये जरूर है कि इनमें से कुछ लोग अब नहीं रहे, जिन्हें याद करता हूं तो मन बड़ा दुखी होता है. जैसे कि बरनवाल जी थे, उन्होंने मुझे बेटे जैसा प्यार दिया. दुखद ये रहा कि उनकी मौत के कुछ समय बाद उनके बेटे का भी निधन हो गया था.’

माइक से दोस्ती

अपनी बात खत्म करते हुए सीएमडी उपेंद्र राय ने कहा, ‘इनकम टैक्स के बारे में अगर मैं बोलना चाहूं तो मुझे लगता है कि मेरे पास ​इस विभाग को लेकर इतना ज्ञान है कि बहुत कुछ बोला जा सकता है, लेकिन समय कम है और मुझे अपनी बात खत्म करने का रिमाइंडर मिल चुका है, जो मुझे अक्सर ये मिल जाता हूं क्योंकि जब मैं माइक पकड़ता हूं तो माइक और मेरी पता नहीं क्या दोस्ती है कि वो छूटता ही नहीं. तो धन्यवाद… जय हिंद, जय भारत.’


§§§ कार्यक्रम की झलकियां §§§


-भारत एक्सप्रेस



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