(प्रतीकात्मक तस्वीर: Pixabay)
23 राज्यों में फैली 3,295 करोड़ रुपये से अधिक की 40 परियोजनाओं को केंद्र से मंजूरी मिल गई है. इन परियोजनाओं का उद्देश्य कम प्रसिद्ध स्थलों को प्रतिष्ठित स्थलों के रूप में विकसित करना और देश भर में पर्यटकों के अधिक संतुलित वितरण को बढ़ावा देना है.
अधिकारियों ने बताया कि व्यय विभाग के निर्देशों के अनुसार, पर्यटन मंत्रालय ने प्रतिष्ठित पर्यटन केंद्रों के विकास के लिए पूंजी निवेश के लिए राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को विशेष सहायता (SASCI) के लिए परिचालन दिशा-निर्देश जारी किए हैं.
राज्य सरकारों को भेजा दिशा निर्देश
उन्होंने बताया कि पर्यटन मंत्रालय ने राज्य सरकारों को SASCI दिशानिर्देश भेजे हैं, जिसमें उनसे अनुरोध किया गया है कि वे परियोजना प्रस्ताव तैयार करके मंत्रालय को सौंपें, जो प्रकृति में प्रतिष्ठित हों और प्रभावशाली गंतव्य बना सकें.
मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि प्रस्ताव जमा करने की अंतिम तिथि 15 अक्टूबर, 2024 तक 8,000 करोड़ रुपये से अधिक लागत के कुल 87 परियोजना प्रस्ताव प्राप्त हुए.
40 परियोजनाओं को चुना
अधिकारी ने बताया कि इसके बाद पर्यटन मंत्रालय ने दिशा-निर्देशों और प्रक्रिया या मानदंडों के अनुसार 23 राज्यों में 3295.76 करोड़ रुपये की लागत से 40 परियोजनाओं को चुना, जिन्हें अब व्यय विभाग द्वारा मंजूरी दे दी गई है. चयनित स्थलों में रंग घर, शिवसागर (असम), मत्स्यगंधा झील, सहरसा (बिहार), प्रस्तावित टाउन स्क्वायर, पोरवोरिम (गोवा) और ओरछा (मध्य प्रदेश) शामिल हैं.
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रोजगार के अवसर
मंत्रालय ने कहा कि इस योजना का उद्देश्य देश में प्रतिष्ठित पर्यटन केंद्रों को व्यापक रूप से विकसित करने और वैश्विक स्तर पर उनकी ब्रांडिंग और मार्केटिंग करने के लिए राज्यों को 50 वर्षों के लिए दीर्घकालिक ब्याज मुक्त ऋण प्रदान करना है. परियोजनाओं के रूप में पूंजी निवेश को बढ़ावा देकर, यह योजना स्थानीय अर्थव्यवस्था के विकास और स्थायी पर्यटन परियोजनाओं के माध्यम से रोजगार के अवसरों के सृजन की परिकल्पना करती है.
स्थानीय अर्थव्यवस्था का विकास
परियोजनाओं के रूप में पूंजी निवेश को बढ़ावा देकर, इस योजना में स्थानीय अर्थव्यवस्था के विकास और स्थायी पर्यटन परियोजनाओं के माध्यम से रोजगार के अवसरों के सृजन की परिकल्पना की गई है. इस पहल का उद्देश्य उच्च यातायात स्थलों पर दबाव को कम करना और देश भर में पर्यटकों के अधिक संतुलित वितरण को बढ़ावा देना है.
इतने साल का दिया वक्त
मंत्रालय ने कहा, ‘इस पहल का उद्देश्य उच्च यातायात स्थलों पर दबाव को कम करना और देश भर में पर्यटकों के अधिक संतुलित वितरण को बढ़ावा देना है. कम ज्ञात स्थलों पर ध्यान केंद्रित करके, मंत्रालय समग्र पर्यटन अनुभव को बढ़ाने, स्थानीय अर्थव्यवस्थाओं को बढ़ावा देने और नई परियोजना चयन के लिए रणनीतिक दृष्टिकोण के माध्यम से क्षेत्र में सतत विकास सुनिश्चित करने की उम्मीद करता है.’ राज्यों को परियोजनाओं को पूरा करने के लिए दो साल का समय दिया गया है, जबकि धनराशि मार्च 2026 से पहले जारी की जाएगी.
-भारत एक्सप्रेस
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