बाबरी विध्वंस को लेकर महाराष्ट्र में इंडिया गठबंधन में फूट पड़ गई है.
कांग्रेस की अगुवाई वाले I.N.D.I.A. गठबंधन में फूट पड़ने लगी है. आज सपा के नेता अबू आजमी ने महाराष्ट्र में शिवसेना (UBT) की विचारधारा से खफा होकर MVA (महा विकास अघाड़ी) से अलग होने का ऐलान कर दिया.
अबू आजमी ने यह भी कहा कि शिवसेना (UBT) और भाजपा में कोई फर्क नहीं है. हमें ऐसे दलों के साथ नहीं रहना.
समाजवादी पार्टी को महाराष्ट्र में अकेले चलना गवारा है लेकिन माविकास अघाड़ी में रहते हुए शिवसेना UBT की सांप्रदायिक विचारधारा का हिस्सा बनना हरगिज़ गवारा नहीं!#SamajwadiParty #MahaVikasAghadi #Maharashtra pic.twitter.com/dblr3fIynB
— Abu Asim Azmi (@abuasimazmi) December 7, 2024
बता दें कि एक दिन पहले ही उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना ने अखबार में विज्ञापन देकर बाबरी मस्जिद ढहाने वालों को बधाई दी थी. इसके साथ ही उद्धव ठाकरे के करीबी मिलिंद नार्वेकर ने इसे लेकर X पर पोस्ट भी किया था. यह पोस्ट देखकर MVA (महा विकास अघाड़ी) में शामिल शिवसेना (UBT) की सहयोगी समाजवादी पार्टी (सपा) के लोग खफा हो गए.
— Milind Narvekar (@NarvekarMilind_) December 5, 2024
‘हमें सांप्रदायिक विचारधारा का हिस्सा बनना गवारा नहीं’
सपा के प्रदेश अध्यक्ष और विधायक अबू आसिम आजमी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “समाजवादी पार्टी को महाराष्ट्र में अकेले चलना गवारा है, लेकिन महा विकास अघाड़ी में रहते हुए शिवसेना यूबीटी की सांप्रदायिक विचारधारा का हिस्सा बनना हरगिज गवारा नहीं.”
उन्होंने मीडियाकर्मियों से बात करते हुए कहा कि चुनावों या सीट बंटवारे की प्रक्रिया के दौरान एमवीए में बिल्कुल भी समन्वय नहीं था. उन्होंने हमें कभी बैठकों या संयुक्त रैलियों के लिए नहीं बुलाया. वे एक-दूसरे के मंचों को साझा करने से बचते थे और इसका नतीजा यह हुआ कि विधानसभा चुनावों में एमवीए की भारी हार हुई.
आजमी का शिवसेना UBT अध्यक्ष उद्धव ठाकरे पर निशाना
शिवसेना (यूबीटी) के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे पर निशाना साधते हुए उन्होंने दावा किया कि पार्टी की आंतरिक बैठक में ठाकरे ने कथित तौर पर अपने नेताओं और पार्टी कार्यकर्ताओं को राज्य में आगामी निकाय चुनावों से पहले एक बार फिर हिंदुत्व के एजेंडे को आक्रामक तरीके से आगे बढ़ाने के लिए प्रेरित किया.
अबू आजमी ने कहा, “कल 6 दिसंबर को शिवसेना (यूबीटी) के एक नेता ने सोशल मीडिया पर एक संदेश पोस्ट किया, जिसमें बाबरी मस्जिद विध्वंस (1993) के लिए पार्टी को श्रेय देने का दावा किया गया. हम इसे कैसे बर्दाश्त कर सकते हैं. सपा धर्मनिरपेक्ष मूल्यों, लोकतंत्र और संविधान की रक्षा के पक्ष में है और इसलिए वह सांप्रदायिक दृष्टिकोण अपनाने वाली किसी भी पार्टी का साथ नहीं देगी.”
‘ये एकता, धर्मनिरपेक्षता और समुदायों के सम्मान के खिलाफ’
आजमी ने सख्त लहजे में कहा, “उन्हें यह समझना चाहिए कि इस तरह की पोस्ट से भावनाएं आहत होती हैं और ये एकता, धर्मनिरपेक्षता और सभी समुदायों के सम्मान के खिलाफ हैं. हम यहां सभी वर्गों के बीच सद्भाव को बढ़ावा देने के लिए हैं, लोगों को विभाजित करने के लिए नहीं.”
इस तरह की अन्य खबरें पढ़ने के लिए भारत एक्सप्रेस न्यूज़ ऐप डाउनलोड करें.