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विश्वकर्मा योजना के तहत बैंकों ने दिया 1,751 करोड़ का Loan, 31 अक्तूबर तक खातों की संख्या पहुंची दो लाख के पार

पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों को ‘विश्वकर्मा’ कहा जाता है और ये लोहार, सुनार, कुम्हार, बढ़ई, मूर्तिकार आदि जैसे व्यवसायों में लगे हुए हैं.

PM Vishwakarma scheme

पीएम विश्वकर्मा योजना.

PM Vishwakarma scheme: प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के तहत बैंकों ने 31 अक्तूबर 2024 तक एक हजार 751 करोड़ रुपये का लोन दिया है. एक सवाल के लिखित जवाब में इस बात की जानकारी वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने राज्यसभा में दी.

सरकार ने उठाए हैं जरूरी कदम

इसके साथ ही उन्होंने बताया कि सरकार ने ग्रामीण इलाकों में लोगों के सामने आने वाली चुनौतियों को दूर करने के साथ ही आबादी की जरूरतों को पूरा करने के लिए लोन के प्रवाह को सुलभ बनाने के तमाम कदम उठाए हैं.

2 लाख से ज्यादा खाते खोले गए

वित्त राज्य मंत्री की ओर से दिए गए आंकड़ों के मुताबिक, पीएम विश्वकर्मा योजना के तहत 2.02 लाख से अधिक खाते खोले गए हैं, जिनमें 1,751.20 करोड़ रुपये की स्वीकृत ऋण राशि है. सरकार ने अपने हाथों और औजारों से काम करने वाले कारीगरों और शिल्पकारों को संपूर्ण सहायता प्रदान करने के लिए 17 सितंबर, 2023 को पीएम विश्वकर्मा की शुरुआत की.

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किन लोगों के लिए है विश्वकर्मा योजना?

बता दें कि इन पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों को ‘विश्वकर्मा’ कहा जाता है और ये लोहार, सुनार, कुम्हार, बढ़ई, मूर्तिकार आदि जैसे व्यवसायों में लगे हुए हैं. वित्त वर्ष 2023-2024 से वित्त वर्ष 2027-28 तक इस योजना के लिए वित्तीय परिव्यय 13,000 करोड़ रुपये है.

-भारत एक्सप्रेस



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