Bharat Express Uttarakhand Conclave: शुक्रवार को देहरादून में भारत एक्सप्रेस की ओर से ‘नये भारत की बात, उत्तराखंड के साथ’ नामक कॉन्क्लेव हुआ, जिसमें राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी शामिल हुए. इस दौरान भारत एक्सप्रेस न्यूज नेटवर्क के चेयरमैन, एमडी और एडिटर-इन-चीफ उपेंद्र राय ने यूनिफॉर्म सिविल कोड समेत विभिन्न मुद्दों पर उनसे सवाल-जवाब किया.
समान नागरिक संहिता या यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) लागू करने वाला उत्तराखंड पहला राज्य है, इसे लागू करना कितना चुनौतीपूर्ण रहा, इस सवाल के जवाब में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा, ‘देश की आजादी के बाद हमारी पार्टी का ये संकल्प था कि देश के अंदर यूनिफॉर्म सिविल कोड होना चाहिए और भारत के संविधान के अनुच्छेद 44 में इसका प्रावधान किया गया है. बाबा साहब भीमराव अंबेडकर समेत सभी लोग जब संविधान का निर्माण कर रहे थे, तब प्रावधान किया गया था कि राज्य इसको अपने यहां लागू कर सकते हैं.’
यूनिफॉर्म सिविल कोड
उन्होंने कहा, ‘2022 में जब उत्तराखंड विधानसभा का चुनाव था, हम माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व और मार्गदर्शन में इसमें शामिल हुए और उत्तराखंड की देवतुल्य जनता के सामने हमने ये संकल्प रखा था कि नई सरकार का गठन होते ही हम यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू करने की कार्रवाई शुरू करेंगे. इसके बाद हमने कमेटी बनाई. कमेटी ने 2 लाख 35 हजार लोगों से संवाद किया. इसके बाद कमेटी ने ड्राफ्ट का निर्माण कर हमें सौंपा. उसके बाद सबकी जो भावना थी, जो सुझाव थे, उसके अनुरूप विधानसभा में विधेयक हमने पारित किया. माननीय राष्ट्रपति महोदय को भेजा और उन्होंने हमें इसकी स्वीकृति दी.’
जनता को दिया श्रेय
मुख्यमंत्री धामी ने कहा, ‘सच बताऊं तो देश की आजादी के बाद उत्तराखंड में यूनिफॉर्म सिविल कोड लाने का जो श्रेय जाता है, वो यहां की देवतुल्य जनता को जाता है. उत्तराखंड में एक मिथक था कि हर पांच साल पर चुनाव होते हैं और सरकार बदल जाती है, क्योंकि राज्य स्थापना के 22वें साल में चुनाव हो रहा था, इससे पहले चार चुनाव हो चुके थे और पहली बार यहां की जनता में मिथक तोड़ा और इतिहास बदल दिया.’
शीतकालीन चार धाम यात्रा
आपने शीतकालीन चार धाम यात्रा की शुरुआत की है, इसके दो धाम बद्रीनाथ और केदारनाथ को लेकर क्या प्लानिंग की जा रही है, इसके जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा, ‘हमारे राज्य में शीलकाल में भी लोग प्रवास पर आते हैं, लेकिन बहुतायत संख्या में तब आते हैं, जब चारों धामों के कपाट खुलते हैं. भगवान बद्री विशाल का शीतकालीन प्रवास या तो जोशीमठ में होता है या पांडुकेश्वर में होता है. इन दोनों ही स्थानों पर पहले से ही पूजा-अर्चना होती रही है. भगवान केदारनाथ का जो शीतकालीन प्रवास है, वो ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ में है. इसी तरह यमुनोत्री का कसाली में और यमुनोत्री का हर्षिल में है. ये ऐसे स्थान हैं, जहां सालभर पूजा-अर्चना लगातार चलती है.’
उत्तराखंड लगातार आ रहे हैं श्रद्धालु
उन्होंने कहा, ‘हमारे चार धाम आज तेजी से लोगों के आस्था और श्रद्धा के केंद्र बन गए हैं और इस वर्ष 35 दिन की आपदा के बाद भी 45 लाख लोगों ने चार धामों के दर्शन किए हैं. पिछले साल हमारी यात्रा थोड़ा पहले प्रारंभ हो गई थी तो 56 लाख लोग आए थे. देश-दुनिया के श्रद्धालु-पर्यटक लगातार आ रहे हैं. इसी प्रकार हमारा जो मानस खंड है. वहां 16 मंदिर हैं. हमने इस विधानसभा चुनाव में मानस खंड मंदिर माला मिशन के अंतर्गत पौराणिक मंदिरों का सौंदरीकरण है, उनका नवनिर्माण का काम हमने प्रारंभ किया. यह भी हमारा चुनाव का एक संकल्प था जो हमने पूरा किया.’
केंद्र से हमेशा मिला सहयोग
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हर साल कम से कम दो बार उत्तराखंड आते हैं. उनकी धार्मिक यात्राओं से आपको राज्य के कोष के अलावा अलग से बजट मिला, ताकि इन क्षेत्रों का विकास किया जा सके, इसके जवाब में सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा, ‘देखिए स्वदेश दर्शन योजना में हमको लगातार हमारे जो पौराणिक मंदिर हैं, उनके नवनिर्माण के लिए, सीमावर्ती क्षेत्र के विकास के लिए निश्चित रूप से भारत सरकार के सहयोग मिला है. जो भी योजनाएं हम भारत सरकार को प्रस्तावित करते हैं उन सभी योजनाओं में हमको स्वीकृति मिल रही है.’
उत्तराखंड में बढ़ रहा निवेश
मुख्यमंत्री लोगों के बीच में उत्तराखंड को कैसे शोकेस करने वाले हैं, ताकि यहां और निवेश आए, इसके जवाब में पुष्कर सिंह धामी ने कहा, ‘पिछले साल हमने देहरादून में माननीय प्रधानमंत्री के नेतृत्व में इनवेस्टर समिट का आयोजन किया था. हमने कई जगह पर रोड शो भी किए थे. 30 से अधिक नीतियां बनाई, जो पहले से चली आ रही नीतियां थीं, उनका सरलीकरण भी किया. उसका परिणाम हुआ कि हमने सोचा था कि हमारे साथ 2 लाख करोड़ रुपये के एमओयू (Memorandum of Understanding/समझौता पत्र) हो जाएंगे, हालांकि 3 लाख 54 हजार करोड़ के एमओयू साइन किए गए. हमने कहा है कि जो भी यहां निवेश करना चाहते हैं, होटल, रिजॉर्ट बनाना चाहते हैं, पर्यटन के किसी अन्य क्षेत्र में काम करना चाहते हैं, कोई इंडस्ट्री लगाना, कोई संस्थान बनाना चाहते हैं तो उन सबका स्वागत है.’
ड्रग्स के खिलाफ जागरूकता जरूरी
देहरादून, नैनीताल जैसे जिले एजुकेशन के हब हैं और पिछले दिनों यहां के स्कूलों के पास से ड्रग पेडलर्स की गिरफ्तारियां भी हुई हैं. चाइल्ड ट्रैफिकिंग की घटनाएं भी सामने आ रही हैं. इस दिशा में आपकी पुलिस ने आपको क्या ब्रीफ किया है, इसके जवाब में सीएम धामी ने कहा, ‘उपेंद्र जी आपने ये बहुत ही अच्छा प्रश्न किया है और यह हमारे लिए बहुत बड़ी चुनौती है. हमने 2025 में ‘ड्रग्स फ्री देवभूमि’ बनाने का संकल्प लिया है और उस दिशा में हम काम कर रहे हैं. यह सब चीजें जो हावी हो रही हैं, उस काम को सरकारी तंत्र या सरकारी विभाग अकेले नहीं कर सकते, इसके लिए जागरूकता जरूरी है. जन सहयोग बहुत जरूरी है. माता-पिता और स्कूल के शिक्षकों को इसमें शामिल होना होगा.’
सिविल जनता का इलाज करेंगे आईटीबीपी डॉक्टर
उत्तराखंड सामरिक दृष्टि महत्वपूर्ण राज्य है, इसकी सीमाएं नेपाल और चीन के साथ लगती हैं. इस कारण आपकी पुलिस किस तरह की चुनौती महसूस करती है, इसके जवाब में उन्होंने कहा, ‘देखिए हमारा प्रदेश सैनिक बाहुल्य प्रदेश है. फौज में जाना यहां लोगों की प्राथमिकता होती थी. यह देवभूमि के साथ ही वीर भूमि है. भारत तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) अनेक स्थानों पर काम कर रही है. देश में आईटीबीपी एक ऐसी फोर्स है, जिसमें डॉक्टरों की संख्या बहुत है. आईटीबीपी से हमने सुझाव दिया था कि और हम जैसा चाहते थे उन्होंने उस पर सहमति दी. जहां-जहां भी उनकी फोर्स है, वहां उनके डॉक्टरों के द्वारा ही अन्य सिविल जनता का इलाज किया जाएगा. उन्होंने कहा था कि हमारे पास सीमित रूप से दवाइयां आती हैं तो राज्य सरकार की तरफ से उसकी व्यवस्था की जा रही हैं. तो यह हमारा उनको सहयोग है और उनका हमको सहयोग है.
उत्तराखंड के 25 साल
उत्तराखंड के 25 साल को आप किस तरह से देखते हैं, इस सवाल पर सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा, ‘ये जो 25 साल है, ये देश और हमारे राज्य के लिए बहुत महत्वपूर्ण है. हमारे प्रधानमंत्री जी ने इसको अमृत काल की संज्ञा दी है. हमारा राज्य इन 25 सालों में पूर्णत: यौवन को प्राप्त हो चुका है. 25 साल में हमको उत्तराखंड को हर दृष्टि से उस दिशा में ले जाना है कि उत्तराखंड हिंदुस्तान के प्रमुख राज्यों में एक हो जाए. हिंदुस्तान के सबसे तेज गति से विकास करने वाले राज्यों में हो जाए. हमारे प्रधानमंत्री जी ने लगातार इस दिशा में प्रेरित भी किया है और हम उस दिशा में काम कर रहे हैं.’
आपदाओं का प्रबंधन
उत्तराखंड के प्राकृतिक आपदा आने और उससे निपटने के सवाल पर पुष्कर सिंह धामी ने कहा, ‘हमको प्रत्येक वर्ष किसी न किसी रूप में आपदाओं का सामना करना पड़ता है. कहीं बादल फट गया, कहीं सड़क धंस गई, भूस्खलन हो गया, कहीं अतिवृष्टि के कारण बाढ़ आ गई. पिछले साल कई अरब का नुकसान हुआ है. हम आपदा को रोक तो नहीं सकते, लेकिन उसका न्यूनीकरण, उसका प्रभाव जिनता कम से कम हो जाए, ये प्रयास करते हैं. एनडीआरएफ, एसटीआरएफ ये सब आपस में कोऑर्डिनेशन के साथ काम करती हैं. हमारी आपदा प्रबंधन डिजास्टर मैनेजमेंट टीम काम करती है.’
भारत एक्सप्रेस के उत्तराखंड कॉन्क्लेव का वीडियो यहां देखें:
-भारत एक्सप्रेस
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