प्रतीकात्मक चित्र
भारत के टूरिज्म और हॉस्पिटैलिटी सेक्टर में अगले कुछ सालों में बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर पैदा होने की उम्मीद है. एक रिपोर्ट के मुताबिक, 2034 तक इस क्षेत्र में 61 लाख से ज्यादा नई नौकरियां मिल सकती हैं. यह रिपोर्ट कॉन्फेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री (CII) और ईवाई ने 18वें वार्षिक सीआईआई पर्यटन शिखर सम्मेलन के दौरान जारी की.
घरेलू पर्यटन ने दी मजबूती
रिपोर्ट में बताया गया है कि कोविड-19 महामारी के बाद भी घरेलू पर्यटन के कारण यह सेक्टर मजबूती से उभर रहा है. फिलहाल टूरिज्म सेक्टर भारत में कुल रोजगार का करीब 8% हिस्सा है.
खर्च और रोजगार में बढ़ोतरी
2034 तक टूरिज्म सेक्टर में खर्च में 1.2 गुना बढ़ोतरी की उम्मीद है. इस वजह से इस क्षेत्र को 61 लाख से ज्यादा कर्मचारियों की जरूरत होगी. इसमें से 46 लाख पुरुष और 15 लाख महिलाएं होंगी.
रिपोर्ट के अनुसार, बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए डिजिटल मार्केटिंग, ग्राहक सेवा और पर्यटन से जुड़ी नई स्किल्स की जरूरत होगी.
महिलाओं की भागीदारी पर जोर
रिपोर्ट में कहा गया कि महिलाओं और हाशिए पर रह रहे समुदायों को कौशल प्रशिक्षण देकर उनकी भागीदारी बढ़ाने पर ध्यान देना होगा. ऐसा करने से रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और आर्थिक विकास को बल मिलेगा.
सिफारिशें
- कौशल विकास के लिए गेमीफाइड लर्निंग मैनेजमेंट सिस्टम (LMS) बनाना.
- रोजगार के बेहतर अवसरों के लिए कैरियर प्लान तैयार करना.
- पर्यटन मंत्रालय के तहत एक टास्क फोर्स बनाना, जो स्किल और शिक्षा को बेहतर बनाने में मदद करे.
चिकित्सा पर्यटन में संभावना
चिकित्सा पर्यटन (मेडिकल टूरिज्म) के बढ़ते अवसरों पर रिपोर्ट ने खास जोर दिया है. इसमें महिलाओं की भागीदारी को और बढ़ाने पर भी ध्यान दिया गया है. रिपोर्ट के मुताबिक, अगर सही दिशा में कदम उठाए जाएं, तो यह सेक्टर भारत में रोजगार और आर्थिक विकास का बड़ा जरिया बन सकता है.
(आईएएनएस इनपुट के आधार पर)
-भारत एक्सप्रेस
इस तरह की अन्य खबरें पढ़ने के लिए भारत एक्सप्रेस न्यूज़ ऐप डाउनलोड करें.