मुंबई स्थित SEEPZ-SEZ कार्यालय में भ्रष्टाचार के मामले में बड़ी कार्रवाई
सीबीआई ने मुंबई स्थित SEEPZ-SEZ कार्यालय में भ्रष्टाचार के मामले में बड़ी कार्रवाई करते हुए 7 सरकारी अधिकारियों को गिरफ्तार किया है. इनमें संयुक्त विकास आयुक्त (JDC), उप विकास आयुक्त (DDC), दो सहायक विकास आयुक्त (ADC), एक सहायक, एक अधिकृत अधिकारी और एक उच्च श्रेणी लिपिक शामिल हैं.
सीबीआई ने आरोपियों के घरों और कार्यालयों पर छापेमारी की, जिसमें 27 संपत्तियों के दस्तावेज, तीन लग्जरी गाड़ियां और बड़ी मात्रा में नकदी बरामद की गई. एक सहायक विकास आयुक्त के घर से ₹47 लाख नकद मिले, जबकि अन्य स्थानों से ₹61.5 लाख नकद और कई आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद हुए.
रिश्वतखोरी में लिप्त थे SEEPZ-SEZ के अधिकारी
सीबीआई द्वारा दर्ज मामले में यह आरोप लगाया गया है कि SEEPZ-SEZ के अधिकारी रिश्वतखोरी में लिप्त थे. ये अधिकारी जगह आवंटन, आयातित माल के निपटान, ड्यूटी-फ्री आयातित सामान को खुले बाजार में बेचने और सिविल ठेकेदारों को अनुचित लाभ देने के बदले रिश्वत लेते थे.
जांच में यह भी सामने आया कि एक निजी बिचौलिया अधिकारियों के लिए रिश्वत वसूलता था. उसके कार्यालय से करीब ₹60 लाख नकद मिले, जो अलग-अलग लिफाफों में रखे थे. इन लिफाफों पर रिश्वत देने वालों और लेने वाले अधिकारियों के नाम लिखे थे.
12 दिसंबर को बिचौलिए ने ₹15 लाख रिश्वत ली
सीबीआई के अनुसार, 12 दिसंबर को बिचौलिए ने एक निजी व्यक्ति से ₹15 लाख रिश्वत ली, जिसमें से ₹7 लाख संयुक्त विकास आयुक्त ने अपने पास रखे और ₹8 लाख अन्य अधिकारियों में बांट दिए. छापेमारी के दौरान इस राशि में से ₹4 लाख बरामद हुए.
गिरफ्तार सभी आरोपियों से पूछताछ की जा रही है, और इस मामले में आगे भी बड़े खुलासे होने की संभावना है.
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