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कोयला घोटाला: धन शोधन के आरोप में ACL और निदेशक आरोपमुक्त

राऊज एवेन्यू कोर्ट ने ACL और उसके निदेशकों को धन शोधन के मामले में आरोपमुक्त करते हुए कहा कि अनुचित लाभ की आशंका या आय अर्जित करने का प्रयास धन शोधन की परिभाषा में नहीं आता. न्यायालय ने प्रवर्तन निदेशालय के आरोपों को केवल अनुमान बताया.

Rouse Avenue Court

राउज एवेन्यू कोर्ट (फोटो- सोशल मीडिया)

राऊज एवेन्यु कोर्ट ने कोयला घोटाला से जुड़े धन शोधन के मामले में आधुनिक कॉरपोरेशन लिमिटेड (ACL) एवं उसके दो निदेशकों के खिलाफ दाखिल आरोपपत्र पर संज्ञान लेने से इनकार कर दिया है. उसने कहा कि अपराध से धन अर्जित करने या अनुचित लाभ की आशंका को धन शोधन नहीं कहा जा सकता है.

राऊज एवेन्यू कोर्ट के विशेष न्यायाधीश अरुण भारद्वाज ने इस मामले में एसीएल एवं उसके तत्कालीन निदेशक महेश कुमार अग्रवाल व निर्मल कुमार अग्रवाल को ओडिशा की न्यू पात्रा पारा कोयला ब्लॉक आवंटन मामले में आरोपमुक्त कर दिया. इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कहा था कि आरोपियों के परिवार के सदस्यों एवं समूह कंपनियों ने एसीएल में शेयर पूंजी की आड़ में 50.37 करोड़ रुपए की धनराशि डाली थी. इससे एसीएल को अपराध से अनुचित लाभ प्राप्त होने की आशंका है. इस वजह से ही कोयला ब्लॉक का आवंटन हुआ था.

न्यायाधीश ने कहा कि ईडी के अनुसार एसीएल में होल्डिंग कंपनी के जरिए पूंजी/निवेश का प्रवाह, अनुसूचित अपराध से संबंधित आपराधिक गतिविधि की वजह से एसीएल को हुए लाभ आशंका है. उसके ही अनुसार यह आशंका है, क्योंकि ईडी के अनुसार लाभ नहीं हुआ है. लाभ होने की बात केवल अनुमान है.

न्यायाधीश ने यह भी कहा कि ईडी के अनुसार आरोपी अपराध की आय अर्जित करने का प्रयास कर रहे थे. वे अनुचित लाभ की उम्मीद में थे. इसका मतलब यह हुआ कि अपराध की आय अभी अस्तित्व में नहीं आई थी. इसलिए अपराध की आय अर्जित करने या अनुचित लाभ की आशंका करने के प्रयास को धन शोधन के अंतर्गत नहीं माना जा सकता है, क्योंकि प्रयास के चरण या अनुचित लाभ की आशंका के चरण तक अपराध की कोई आय अस्तित्व में नहीं होती है. शोधन के लिए कोई धन उपलब्ध नहीं है.


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मालूम हो कि इससे पहले सीबीआई की ओर से दर्ज मामले में आरोपियों को दोषी ठहराया गया था. यह मामला तथ्यों को गलत तरीके से पेश करने एवं जाली दस्तावेजों को असली रूप में इस्तेमाल कर कोयला ब्लॉक के आवंटन में सरकार के साथ धोखा करने से जुड़ा था. इस मामले में उन्हें चार साल की सजा मिली थी. इस सजा पर फिलहाल हाईकोर्ट ने रोक लगा रखी है.

-भारत एक्सप्रेस



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