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बदहाल पाकिस्तान को मिली बड़ी खुशखबरी, पंजाब प्रांत में मिला सोने का विशाल भंडार

पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के अटोक जिले में सिंधु नदी के पास 32.6 मीट्रिक टन सोने का भंडार मिला है, जिसकी कीमत लगभग 600 अरब पाकिस्तानी रुपये आंकी गई है. यह खोज पाकिस्तान के लिए एक बड़ी आर्थिक उम्मीद है.

Pakistan Gold reserve

पाकिस्तान इन दिनों गंभीर आर्थिक संकट और महंगाई की मार झेल रहा है. चीन जैसे मित्र देशों की मदद के बावजूद उसकी स्थिति में सुधार नहीं हो रहा. देश में राजनीतिक अस्थिरता और आतंकवाद ने हालात और खराब कर दिए हैं. इन मुश्किलों के बीच पाकिस्तान को हाल ही में एक बड़ी खुशखबरी मिली है. बताया जा रहा है कि पाकिस्तान में सोने का बड़ा भंडार खोजा गया है.

पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के अटोक जिले में सिंधु नदी के पास सोने का बड़ा भंडार मिला है. जियोलॉजिकल सर्वे की रिपोर्ट के अनुसार, यहां 32.6 मीट्रिक टन सोना पाया गया है. इस सोने की कीमत लगभग 600 अरब पाकिस्तानी रुपये आंकी गई है. यह भंडार लगभग 32 किलोमीटर के क्षेत्र में फैला हुआ है.

सिंधु नदी में सोना कैसे पहुंचता है?

विशेषज्ञों के मुताबिक, हिमालय के पहाड़ों से सोने के कण बहकर सिंधु नदी तक पहुंचते हैं. यह प्रक्रिया लाखों सालों से चल रही है. जब हिमालय का निर्माण हुआ था, तब वहां मौजूद खनिज और धातु तेज बहाव के साथ नदियों में आ गए. यही सोने के कण पानी के साथ सिंधु नदी की तलहटी में जमा हो जाते हैं.

सर्दियों में, जब नदी का पानी कम हो जाता है, तो सोने के कण तलहटी में दिखने लगते हैं. इस प्रक्रिया को प्लेसर डिपॉजिट कहा जाता है. लोग इन्हें हाथों से या मशीनों की मदद से निकालने की कोशिश करते हैं.

अवैध खनन की समस्या

सोने की खोज के बाद इस क्षेत्र में अवैध खनन की समस्या तेजी से बढ़ी है. स्थानीय लोग रेत और बजरी से सोने के कण निकालने के लिए बड़े पैमाने पर मशीनों का इस्तेमाल कर रहे हैं. इस खनन से सरकार को भारी नुकसान हो रहा है.

अवैध खनन को रोकने के लिए सरकार ने अटोक और आसपास के क्षेत्रों में धारा 144 लागू कर दी है. लेकिन इसके बावजूद लोग चोरी-छिपे खनन कर रहे हैं. यह स्थिति न केवल आर्थिक बल्कि पर्यावरणीय नुकसान का कारण भी बन रही है.

सरकार के फैसले पर विवाद

सोने के भंडार को लेकर अब सरकार के भीतर ही विवाद पैदा हो गया है. पंजाब प्रांत के खनन मंत्री इब्राहिम हसन मुराद ने इसे 600 अरब पाकिस्तानी रुपये का सोना बताया था. वहीं, कुछ अधिकारी इसे खनन के बजाय अन्य खनिजों के लिए उपयोग में देना चाहते हैं. इस फैसले को लेकर चर्चा और विवाद जारी है.

-भारत एक्सप्रेस



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