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Economy of India: डिजिटल ट्रांसफोर्मेशन से भारत की आर्थिक वृद्धि को मिल रहा बढ़ावा, इसी साल दुनिया में चौथे नंबर पर आएगा

भारत में डिजिटल परिवर्तन से आर्थिक वृद्धि और समावेशन को बढ़ावा मिल रहा है. Visa, AI और वित्तीय साक्षरता के माध्यम से भारत की डिजिटल अर्थव्यवस्था को सुरक्षित और सशक्त बना रहा है.

Indian Economy

सांकेतिक तस्वीर.

वर्ष 2025 में भारत की अर्थव्यवस्था विश्व में चौथे स्थान पर पहुंचने की संभावना है. वैश्विक चुनौतियों के बावजूद, भारत की अर्थव्यवस्था लचीली बनी हुई है, जो देश को वैश्विक नेतृत्व की दिशा में एक नया अवसर प्रदान कर रही है.

भारत का डिजिटल परिवर्तन लाखों लोगों को सशक्त बना रहा है. इंडिया स्टैक जैसे डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर के माध्यम से डेटा, पहचान और भुगतान को लोकतांत्रिक बनाया गया है. यह परिवर्तन आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा दे रहा है, लेकिन इसे तेज़ करने के लिए समग्र प्रयास की आवश्यकता है. 2047 तक 30 ट्रिलियन डॉलर के ‘विकसित भारत’ लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए प्रमुख कारकों पर ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए.

जनसांख्यिकीय लाभ का उपयोग

भारत में 15-64 वर्ष की आयु के 65% से अधिक लोग कामकाजी जीवन में प्रवेश करने वाले हैं. ऐसे में ‘स्किलिंग’ यानी कौशल विकास को प्रमुख विकास ड्राइवर के रूप में देखा जा रहा है. सरकार के साथ सार्वजनिक-निजी साझेदारी, जैसे कि पर्यटन क्षेत्र में कौशल विकास, युवा पीढ़ी के लिए रोजगार के अवसर पैदा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है.

कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) और आर्थिक प्रगति

भारत में एआई का व्यापक उपयोग, विशेष रूप से भुगतान और सुरक्षा के क्षेत्र में, देश की अर्थव्यवस्था को नई दिशा दे सकता है. Visa ने पहले ही 30 वर्षों से भुगतान क्षेत्र में एआई का उपयोग किया है और देश के बढ़ते डिजिटल अर्थव्यवस्था के लिए सुरक्षित और सहज अनुभव प्रदान करने में योगदान कर रहा है.

आर्थिक समावेशन और डिजिटल भुगतान

भारत में डिजिटल भुगतान प्रणाली का तेजी से विस्तार हो रहा है. प्रधानमंत्री की नेतृत्व में डिजिटल लेन-देन में इजाफा हो रहा है, और UPI जैसी प्रणाली ने इसे वैश्विक स्तर पर मान्यता प्राप्त करवाई है. Visa की साझेदारी में, देश के ग्रामीण क्षेत्रों में डिजिटल वित्तीय साक्षरता का प्रसार हो रहा है, जिससे लाखों लोगों को फायदा हो रहा है.

SMBs को सशक्त बनाना

भारत में छोटे और मझोले व्यवसायों का योगदान GDP में लगभग 30% है, लेकिन इन व्यवसायों को पूंजी की कमी और डिजिटल ज्ञान की कमी जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है. Visa और Visa Foundation ने महिला उद्यमियों के लिए वित्तीय साक्षरता और कौशल विकास को बढ़ावा देने के लिए कई पहल की हैं.

निवेश और कनेक्टिविटी

भारत के बुनियादी ढांचे में निवेश, जैसे कि हाईवे, रेलवे, और एयरपोर्ट के माध्यम से कनेक्टिविटी में वृद्धि हो रही है. यह पर्यटन और स्थानीय अर्थव्यवस्थाओं के लिए लाभकारी साबित हो रहा है. Visa ने कई देशों में कॉन्टैक्टलेस पब्लिक ट्रांसपोर्ट प्रोजेक्ट्स को सफलतापूर्वक लागू किया है, और भारत में भी इसी तरह के प्रयास किए जाएंगे.

Visa का उद्देश्य डिजिटल समावेशन, वित्तीय सशक्तिकरण, और साइबर सुरक्षा को बढ़ावा देना है. भारत की विकास यात्रा को साकार करने के लिए सरकार, निजी क्षेत्र और नागरिक समाज के सहयोग से हम एक मजबूत वैश्विक आर्थिक नेतृत्व स्थापित कर सकते हैं.



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