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Hockey WC: भारतीय हॉकी का ‘तारणहार’, जानें देश के पिछड़े राज्यों में शुमार ओडिशा कैसे बना FIH की पहली पसंद?

हॉकी इंडिया के अध्यक्ष और इंडिया के पूर्व हॉकी खिलाड़ी दिलीप तिर्की के अनुसार, भारत की कोई राज्य सरकार ओडिशा की तरह हॉकी को सपोर्ट नहीं करती.

Men's Hockey World Cup in 2023

Men's Hockey World Cup in 2023 (Photo- ANI)

Hockey World Cup: हॉकी वर्ल्ड कप 2023 का आयोजन ओडिशा में हो रहा है. पिछले 10 सालों में हॉकी का ये 12 वां बड़ा टूर्नामेंट है जिसका आयोजन ओडिशा में हो रहा है. सवाल ये है कि देश के पिछड़े राज्यों में शुमार ओडिशा आखिर कैसे लगातार हॉकी की विश्व स्तरिय टूर्नामेंट का आयोजन सफलता पूर्वक कर पा रहा है. इस प्रश्न का जवाब ढूंढना तो थोड़ा मुश्किल है. लेकिन ये समझना बड़ा आसान है आखिर ओडिशा ये काम इतनी आसानी से कैसे कर पा रहा है. दरअसल इसकी वजह ये है कि ओडिशा की सरकार ने देश के राष्ट्रीय खेल हॉकी को, जो कुछ वर्ष पहले लगभग देश में खत्म हो चुका था. उसे नया जीवन दिया है और इस खेल में इंडिया को उसकी पुरानी बादशाहत दिलाने की जैसे कसम खा ली है.

ओडिशा बना भारतीय हॉकी का ‘तारणहार’

ओडिशा ने 2018 में हॉकी इंडिया के साथ अगले 5 वर्षों के तक 100 करोड़ रुपये में हॉकी का स्पोंसर बनने का करार किया था जिसे बाद में राज्य सरकार ने बढ़ा कर 150 करोड़ रुपये कर दिया है. और बीते ओलंपिक में शानदार प्रदर्शन के बाद अगले 10 साल तक टीम का समर्थन करने की बात भी कही है. राज्य सरकार साल दर साल हॉकी से जुड़ी जरुरी इंफ्रास्ट्रक्चर को और भी मजबूत करती जा रही है जिस वजह से ओडिशा अब इंडिया में हॉकी की राजधानी के रुप में मशहूर होने लगा है.

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भुवनेश्वर हॉकी के लिए क्यों फेवरेट वेन्यू?

हॉकी के किसी भी बड़े टूर्नामेंट के लिए FIH किसी ऐसे एक ही वेन्यू का चयन करता है जहां स्टेडियम के साथ साथ खिलाड़ियों के रहने की बेहतर सुविधा उपलब्ध हो. साथ ही वहां लोग खेलों के फैंस हों. भुवनेश्वर FIH के इन सभी जरुरतों को पूरा करता है. भुवनेश्वर में खिलाड़ियों को ठहराने के लिए कई होटल और हॉस्टल हैं. खिलाड़ियों के इंजर्ड होने की स्थिति में शहर में अच्छे हॉस्पिटल भी मौजूद हैं.

मैच के दौरान फैंस भी स्टेडियम में बड़ी संख्या में आते हैं. भुवनेश्वर के मल्टिपर्पस कलिंगा इंटरनेशनल स्टेडियम 2010 में हुआ था. यहां के हॉकी एस्ट्रोटर्फ की गिनती दुनिया के सर्वश्रेष्ठ सिंथैटिक टर्फ में से एक के तौर पर होती है. हॉकी के अलावा यहां एथलेटिक्स ट्रैक, फुटबॉल अरिना, टेनिस कोर्ट, बास्केटबॉल कोर्ट, टेबल-टेनिस, स्विमिंग और रग्बी फील्ड भी हैं. जानकारों के मुताबिक अगर भविष्य में कभी इंडिया में ओलंपिक होंगे तो हॉकी के मैच भुवनेश्वर में ही खेले जाएंगे.

राउरकेला में भी स्टेडियम का निर्माण

भुवनेश्वर के अलावा राउर केला में भी राज्य सरकार ने बिरसा मुंडा स्टेडियम का निर्माण कराया है. जहां हॉकी विश्व कप के मुकाबले खेले जा रहे हैं. 46 एकड़ में फैला ये स्टेडियम भी विश्व स्तरीय सुविधाओं से लैस है. इस स्टेडियम में स्विमिंग पूल, आधुनिक मशीनों से लैस जिम और खिलाड़ियों के लिए हॉस्टल भी है. फाइव स्टार होटल के साथ यहां टीमों की प्रैक्टिस के लिए 5 एस्ट्रोटर्फ मौजूद हैं. इसमें 20,000 दर्शकों की क्षमता है. साथ ही एयरपोर्ट भी स्टेडियम से जुड़ा हुआ है.

ओडिशा जितना सपोर्ट कोई सरकार नहीं करती

हॉकी इंडिया के अध्यक्ष और इंडिया के पूर्व हॉकी खिलाड़ी दिलीप तिर्की के अनुसार, भारत की कोई राज्य सरकार ओडिशा की तरह हॉकी को सपोर्ट नहीं करती. उन्होंने कहा कि, राज्य सरकार के प्रयासों का ही परिणाम है कि यहां भुवनेश्वर के बाद राउरकेला में भी एक विश्वस्तरीय स्टेडियम तैयार हो गया है. हॉकी इंडिया को स्पोंसर कर रही राज्य सरकार विश्व कप को भी स्पोंसर कर रही है. ये राज्य सरकार द्वारा दी जाने वाली सुविधाओं का ही असर है कि अब हॉकी का कोई मैच दिल्ली नहीं बल्कि ओडिशा में होता है. तिर्की ने कहा कि हॉकी में नेशनल और इंटरनेशनल लेवल पर अच्छा प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों को ओडिशा सरकार नौकरी भी देती है.

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