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PM मोदी की थाईलैंड यात्रा के दौरान दिए गए ऐसे अमूल्य उपहार, दोनों देशों के संबंधों में आई और गर्माहट

पीएम मोदी ने थाईलैंड यात्रा के दौरान थाई राजा-रानी, वहां की महिला पीएम और उनके जीवनसाथी को भारतीय सांस्कृतिक विरासत के प्रतीक भेंट किए. इनमें सारनाथ की बुद्ध प्रतिमा, ब्रोकेड शॉल और डोक्रा कला प्रमुख थे.

Pm modi Thailand Visit

पीएम मोदी की थाईलैंड यात्रा के दौरान दिए गए उपहार.

Vijay Ram Edited by Vijay Ram

रिपोर्ट: महिमा कटारिया (भारत एक्सप्रेस)


PM Modi’s Thailand Visit: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो दिवसीय यात्रा पर दक्षिण-पूर्वी एशियाई देश थाईलैंड गए. वहां उन्होंने थाईलैंड की पीएम पाइतोंग्तार्न शिनवात्रा (38) से द्विपक्षीय मुलाकात की. इस दौरान दोनों देशों के अधिकारियों ने व्यापारिक संबंधों पर चर्चा की.

पीएम मोदी ने थाईलैंड की पीएम पाइतोंग्तार्न शिनवात्रा (Paetongtarn Shinawatra) के साथ जॉइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया. वे दुनिया की सबसे कम उम्र की प्रधानमंत्री हैं. उन्होंने भारत और थाईलैंड के धार्मिक और सांस्कृतिक संबंधों पर बातचीत की.

अपनी यात्रा के दौरान पीएम मोदी ने कहा कि सदियों पुराने संबंध हमारी गहरी सांस्कृतिक और आध्यात्मिक कड़ियों से जुड़े हैं. बौद्ध धर्म के प्रसार ने हमारे लोगों को जोड़ा है. रामायण की कहानियां थाई लोगों के जीवन का अभिन्न हिस्सा हैं.

थाईलैंड के राजा-रानी से पीएम की मुलाकात

आज पीएम मोदी ने बैंकॉक स्थित दुसित पैलेस में थाईलैंड के राजा महामहिम महा वजिरालोंगकोर्न फ्रा वजिराक्लाओचायुहुआ और रानी महोदया सुथिदा बज्रासुधाभिमालाक्षणा के साथ शाही मुलाकात की.

इस मुलाकात के दौरान दोनों पक्षों ने भारत और थाईलैंड के बीच साझा सांस्कृतिक विरासत पर विचारों का आदान-प्रदान किया. इस संदर्भ में उन्होंने पिछले वर्ष थाईलैंड भेजे गए भगवान बुद्ध के अवशेषों पर चर्चा की और इस पहल के माध्यम से दोनों देशों के बीच जन-जन के संबंधों को सुदृढ़ करने में सकारात्मक प्रभाव को स्वीकार किया. इसके अतिरिक्त, दोनों पक्षों ने द्विपक्षीय संबंधों को और भी अधिक मजबूत करने के विभिन्न तरीकों पर भी चर्चा की.

राजा को भेंट की ब्रास सारनाथ बुद्ध की प्रतिमा

सारनाथ बुद्ध की ब्रास प्रतिमा, ध्यान मुद्रा में, बौद्ध आध्यात्मिकता और भारतीय शिल्पकला का शानदार प्रतिनिधित्व है, जो सारनाथ शैली से प्रेरित है. बिहार से उत्पन्न इस प्रतिमा में गुप्त और पाल कला परंपराओं का सुंदर समावेश है, जिसमें शांत भाव, बारीकियों से सजी वस्त्र और प्रतीकात्मक कमल के आधार की बारीक डिज़ाइन प्रमुख हैं.

ध्यान मुद्रा की यह मुद्रा गहरी साधना और आंतरिक शांति का प्रतीक है, जिसमें बुद्ध पद्मासन में बैठकर ज्ञान और करुणा का प्रसार कर रहे हैं. प्राभावली (पृष्ठभूमि) पर स्वर्गीय प्राणियों और पुष्प आकृतियों से सुसज्जित है, जो दिव्य आभा का प्रतिनिधित्व करती है और प्रतिमा को एक आध्यात्मिक मंडल में परिवर्तित करती है. सुंदर कमल के आधार पर धर्मचक्र और शुभ प्रतीकों की सजावट शुद्धता और आध्यात्मिक जागरण का प्रतीक है.

पीतल से निर्मित यह प्रतिमा दृढ़ता और धर्म के अनंत स्वरूप को दर्शाती है, जिससे यह ध्यान स्थलों, मठों या घरों में आध्यात्मिक शांति और ज्ञान का प्रतीक बन जाती है.

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थाईलैंड की रानी को गिफ्ट: सिल्क ब्रोकेड शॉल

उत्तर प्रदेश, विशेष रूप से बनारस (वाराणसी) की ब्रोकेड सिल्क शॉल, भारत की समृद्ध बुनाई परंपरा का एक उत्कृष्ट नमूना है. सर्वोत्तम रेशम से निर्मित इस शॉल में गांव के जीवन, दिव्य उत्सवों और प्रकृति के अद्भुत दृश्यों के जटिल मोटिफ्स हैं, जो भारतीय लघु चित्रकला और पिचवाई कला से प्रेरित हैं.

इस शॉल के जीवंत रंगों—लाल, नीला, हरा और पीला—का संयोजन आनंद और शुभता का प्रतीक है, जबकि गहरे गुलाबी, मैजेंटा और सुनहरे रंग की चौड़ी सजावटी किनारी इसे राजसी आकर्षण प्रदान करती है. यह शॉल न केवल दृश्य रूप से शानदार है, बल्कि नरम, गर्म और विलासितापूर्ण बनावट के साथ, प्रत्येक टुकड़े को बनाने में कारीगरों द्वारा हफ्तों की मेहनत लगती है.

थाईलैंड की पीएम को गिफ्ट: ब्रास डोक्रा मोर थीम वाली नाव

छत्तीसगढ़ की आदिवासी समुदायों से उत्पन्न डोक्रा ब्रास मोर थीम वाली नाव, पारंपरिक भारतीय धातु शिल्प का एक शानदार उदाहरण है. प्राचीन खोए मोम की कास्टिंग तकनीक का उपयोग करके बनाई गई यह कृति पूरी तरह से हस्तनिर्मित है और प्रत्येक टुकड़ा अद्वितीय है.

इस मूर्ति में मोर के आकार की नाव है, जो सुंदरता और सांस्कृतिक कल्पना का प्रतीक है, साथ ही एक आदिवासी नाविक भी है जो शांतिपूर्वक नाव चला रहा है, जो मनुष्य और प्रकृति के बीच सामंजस्य का प्रतिनिधित्व करता है. पीतल से निर्मित यह कला समय के साथ एक सुंदर पटिना विकसित करती है, जिससे इसकी प्राचीन आकर्षण और भी बढ़ जाती है.

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थाईलैंड की पीएम के जीवनसाथी को गिफ्ट: सिल्वर-गोल्ड कफलिंक्स

सुनहरे-प्लेटेड बाघ के मोटिफ वाले कफलिंक्स, जिनमें मोती जड़े हुए हैं, परंपरा, कला और आधुनिक परिष्कृतता का उत्कृष्ट संयोजन हैं. बाघ के शानदार चेहरे का डिज़ाइन साहस, नेतृत्व और राजसी भावना का प्रतीक है. राजस्थान और गुजरात की विरासत कला मीणाकारी से सुसज्जित यह कफलिंक्स भारतीय आभूषण परंपरा की सुंदरता को दर्शाते हैं.

मोती की सीमा इस बोल्ड डिज़ाइन को एक सुंदर संतुलन प्रदान करती है, जिससे यह न केवल एक आभूषण है बल्कि एक विरासत का जीवंत प्रतीक भी बनता है.

थाकसिन शिनावात्रा को गिफ्ट: मोर और दीया (दीपक) के साथ पीतल का उरली

आंध्र प्रदेश की पारंपरिक पीतल से बनी मोर और दीया (दीपक) वाली उरली, पवित्रता, सकारात्मकता और प्रचुरता का प्रतीक है. इसे आमतौर पर अनुष्ठानों और त्योहारों की सजावट के लिए उपयोग किया जाता है और यह जल, फूलों या तैरते दीपों से भरी जा सकती है, जिससे इसकी आध्यात्मिक महत्ता और भी बढ़ जाती है.

इस उरली की बारीक नक़्क़ाशी और उत्कृष्ट फिनिशिंग आंध्र प्रदेश की समृद्ध धातु शिल्प परंपरा को दर्शाती है. इसकी चमकदार पीतल की परत इसे शाही आकर्षण प्रदान करती है, जिससे यह पारंपरिक और आधुनिक दोनों प्रकार के आंतरिक सज्जा में एक टाइमलेस जोड़ बन जाती है.

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