सपा प्रंमुख अखिलेश यादव और बाबा रामदेव
Akhilesh Yadav: समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने योगगुरु बाबा रामदेव के एक बयान को लेकर उन पर तीखा हमला बोला है. अखिलेश यादव ने कहा कि योगगुरु के रूप में उनका सम्मान है लेकिन उनका बयान संविधान विरोधी है. बाबा रामदेव ने इस्लाम और ईसाई धर्म को लेकर बयान दिया था, जिसपर सियासत गरमाई हुई है.
रामदेव के बयान पर मचा बवाल
बाड़मेर में संतों की एक सभा में रामदेव ने कहा था कि दोनों धर्म इस्लाम व ईसाई पर धर्मांतरण का जुनून सवार था, जबकि हिंदू धर्म अपने अनुयायियों को अच्छा जीवन जीना सिखाता है. रामदेव ने कहा,”अब कोई मुसलमान से पूछे कि आपका धर्म क्या कहता है. वह कहेगा कि बस पांच बार नमाज पढ़ो फिर जो मन में आए वह करो. चाहे हिंदुओं की लड़कियों को उठाकर लाओ… चाहे जो भी पाप करना है करो …वो इस्लाम का मतलब नमाज समझते हैं.” रामदेव के इसी बयान को लेकर अखिलेश यादव ने उन पर निशाना साधा और कहा कि वे (रामदेव) अब व्यापार कर रहे हैं.
वहीं सपा अध्यक्ष ने विधान परिषद चुनावों में भाजपा की जीत पर तंज कसते हुए कहा कि भाजपा बेईमानी कर ले और बेईमानी के लिए एक दूसरे को बधाई दे. इस दौरान अखिलेश यादव ने बसपा सुप्रीमो मायावती पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि भाजपा जिस बात का जवाब नहीं देना चाहती उसके लिए कभी-कभी दूसरे दलों को आगे कर देती है.
हरदोई के हरपालपुर में एक निजी कार्यक्रम में पहुंचे सपा प्रमुख ने पत्रकारों से बातचीत में विधान परिषद चुनावों में भाजपा की जीत पर कहा कि बीजेपी बेईमानी कर ले और बेईमानी के लिए एक दूसरे को बधाई दे, यह कोई पहला चुनाव उत्तर प्रदेश नहीं देख रहा है, इससे पहले भी आपने चुनाव देखे हैं.
उन्होंने पूर्व में हुए जिला पंचायत और ब्लॉक प्रमुख के चुनावों में भाजपा पर सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग करने का आरोप लगाते हुए कहा कि चुनाव जो हुए हैं, जो परिणाम आया है उसमें कुछ नहीं कहना है, भाजपा की सरकार है उसका काम करने का यही तरीका है. अखिलेश यादव ने कहा कि जो मतदान अपनी इच्छा से करना चाहेगा वह भी मत नहीं डाल पाएगा.
-भारत एक्सप्रेस
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