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Lucknow: यूपी वाले गर्मी में बिजली के बिल के झटके खाने के लिए तैयार हो जाएं, क्योंकि प्रदेश में बिजली महंगी होने जा रही है. उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष व राज्य सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा ने बताया कि निजी घराने के कॉकस के चलते 11 रुपए तक बिजली खरीदी जाएगी, जिसका सीधा असर उपभोक्ता की जेब पर पड़ेगा. अगर सरकार हमारी मांगों को नहीं मानती तो हम न केवल प्रदेश, बल्कि पूरे देश में आंदोलन करेंगे. इसके लिए देश भर के उपभोक्ता फोरम से बात की जा रही है.
अवधेश कुमार वर्मा ने बताया कि, “केंद्र सरकार की पारदर्शी नीति के आभाव में सभी राज्यों को महंगी बिजली खरीदनी पड़ रही है. इस गर्मी में उपभोक्ताओं को सुचारू बिजली देने के लिए उत्तर प्रदेश को दीप पोर्टल के माध्यम से बिडिंग रूट के तहत भी अडानी पावर सहित रायपुर एनर्जी लिमिटेड व टाटा ग्रुप की प्रयागराज से रुपया 11 प्रति यूनिट तक की दर पर बिजली खरीदनी पड़ेगी. उपभोक्ता परिषद ने केंद्र सरकार से दीप पोर्टल पर भी सीलिंग लगाने की मांग उठाई है, ताकि उपभोक्ताओं को महंगी बिजली से बचाया जा सके.
राज्यों को न चाहकर भी खरीदनी पड़ेगी महंगी बिजली
अवधेश कुमार वर्मा ने यह भी बताया कि 6 प्रतिशत विदेशी कोयले की खरीद की बाध्यता के चलते पूरे देश के निजी घरानों ने कॉकस बना लिया है. इसलिए राज्यों को ना चाह कर भी गर्मी में महंगी बिजली खरीदनी पड़ रही है. अपने उपभोक्ताओं के लिए महंगी बिजली उपभोक्ता परिषद ने पावर एक्सचेंज पर रुपया 12 की जगह रुपया 6 प्रति यूनिट सीलिंग लगाने की मांग उठाई है.
उपभोक्ता फोरम का आरोप, ऊर्जा मंत्रालय की है कुछ गलत नीतियां
अवधेश कुमार वर्मा ने बताया कि उत्तर प्रदेश में अप्रैल 2023 से सितंबर के बीच 28000 मेगावाट की डिमांड जा सकती है. ऐसे में उत्तर प्रदेश अपने उपभोक्ताओं को सुचारु बिजली देने के लिए अभी से इंतजाम कर रहा है, जिसमें निजी घरानों के कॉकस के चलते महंगी बिजली खरीदने को भी मजबूर है. इस पूरे मामले को लेकर उपभोक्ता परिषद ने उच्च स्तरीय जांच की मांग उठाई है. इसी के साथ कहा है कि, केंद्र सरकार ऊर्जा मंत्रालय की कुछ गलत नीतियों की वजह से महंगी बिजली खरीदने के लिए राज्यों को मजबूर कर रही है.
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कोयले की नहीं है कमी-कोल इंडिया
अवधेश वर्मा ने दावा किया कि जहां एक तरफ कोल इंडिया लगातार कह रहा है कि कोयले की कोई कमी नहीं है तो वहीं भारत सरकार ऊर्जा मंत्रालय द्वारा सभी राज्यों के लिए 6 प्रतिशत विदेशी कोयला खरीदने की बाध्यता का आदेश जनवरी माह में ही जारी कर चुकी है. लंबी लड़ाई के बाद जहां पावर एक्सचेंज पर बिकने वाली रुपया 20 प्रति यूनिट की बिजली को उपभोक्ता परिषद ने विगत वर्ष रुपया 12 प्रति यूनिट पर सीलिंग लगवाई थी, तो वहीं अब देश के बड़े निजी घराने और कुछ राज्य लगातार देश में बिजली की डिमांड बढ़ने के नाम पर कालाबाजरी में जुटे हैं.
वर्तमान में पावर एक्सचेंज पर रुपया 12 प्रति यूनिट तक बिजली बिक रही है जबकि अभी गर्मी शुरू भी नहीं हुई है, उसका एक मुख्य कारण यह भी है, क्योंकि केंद्र सरकार लगातार विदेशी कोयला खरीदने का दबाव बना रहा है और यह फोरकास्ट कर रहा है कि डिमांड बहुत बढने वाली है, कोयले की कमी हो सकती है, इसको देखते हुए मार्केट पर देश के बडे़ निजी घराने जो विदेशी कोयला पर उत्पादन इकाइयां चला रहे हैं. उन लोगों ने पूरा गठजोड़ बना लिया है और उसी का नतीजा है कि वर्तमान में कोई भी राज्य भारत सरकार के दीप पोर्टल पर बिडिंग के माध्यम से भी सस्ती बिजली का इंतजाम नहीं कर पा रहा है. उपभोक्ता परिषद् ने केंद्र सरकार दीप पोर्टल पर भी रुपया 6 प्रति यूनिट की सीलिंग लगाने की मांग उठाई है.
महंगी बिजली खरीदने के लिए यूपी है विवश
अवधेश कुमार वर्मा ने ये भी दावा किया कि जहां इस गर्मी में उत्तर प्रदेश में अधिकतम डिमांड 28000 मेगा वाट तक जाने की उम्मीद है, तो वहीं इसी के मद्देनजर उत्तर प्रदेश जैसे राज्य को दीप पोर्टल के माध्यम से अपने उपभोक्ताओं को सुचार बिजली उपलब्ध कराने के लिए रुपया 11 प्रति यूनिट से लेकर रुपए 11.10 प्रति यूनिट तक बिजली खरीदने के लिए विवश होना पड़ रहा है. अवधेश वर्मा ने बताया कि उत्तर प्रदेश जैसे राज्य को जब अप्रैल मई-जून जुलाई-अगस्त, सितंबर 2023 के लिए अलग-अलग माह में जब दीप पोर्टल के माध्यम से बिडिंग रुट से बिजली खरीदनी पड़ेगी तो इन्हीं निजी घरानों के कॉकस के चलते उत्तर प्रदेश को रायपुर एनर्जी लिमिटेड से अप्रैल -मई के लिए रुपया 11 प्रति यूनिट तक केवल 250 मेगा वाट बिजली ही मिल पाएगी. वहीं अदानी पावर मुंद्रा लिमिटेड से जून से सितंबर के बीच केवल 250 मेगा वाट बिजली ही रुपया 9.59 प्रति यूनिट से रुपया 11.10 प्रति यूनिट तक खरीदने के लिए विवश होना पड़ेगा.
प्रयागराज पावर जेनरेशन कंपनी लिमिटेड जो टाटा ग्रुप की कंपनी है, उससे भी रुपया 11 प्रति यूनिट तक बिजली खरीदने के लिए विवश होना पड़ेगा. अर्थात यह कहना उचित होगा कि भले ही राज्य विदेशी कोयला खरीद से बच जाएंगे, लेकिन उन्हें दीप पोर्टल पर भी विदेशी कोयला आधारित उत्पादन इकाइयों से महंगी बिजली खरीदने के लिए विवश होना पड़ेगा.
उपभोक्ता परिषद की ये है मांग
उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष ने केंद्र सरकार से देश भर के उपभोक्ताओं के व्यापक हित में एक बार फिर पुरजोर मांग उठाई है कि पावर एक्सचेंज पर बिकने वाली बिजली पर अविलंब रूप या 12 प्रति मिनट की जगह केंद्र सरकार रुपया 6 प्रति यूनिट की सीलिंग अविलम्ब लगाने पर विचार करें. इसी के साथ विदेशी कोयला खरीदने की बाध्यता को भी खत्म करे. साथ ही पूरे मामले की उच्चस्तरीय जांच कराई जाए. क्योंकि पिछले 3 वर्षों से बिजली की दरों में इतना ज्यादा बढ़ोत्तरी हो रही है कि आम जनता बिजली बिल से परेशान है. इसी के साथ उपभोक्ता परिषद् ने केंद्र सरकार दीप पोर्टल पर भी रुपया 6 प्रति यूनिट की सीलिंग लगाने की मांग उठाई है.
-भारत एक्सप्रेस