आप नेता मनीष सिसोदिया
Manish Sisodia: दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया को 8 घंटों की पूछताछ के बाद गुरुवार को ईडी ने गिरफ्तार कर लिया. मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी ने सिसोदिया को गिरफ्तार किया है. वहीं ईडी की गिरफ्तारी के बाद मनीष सिसोदिया ने तिहाड़ जेल से एक पत्र लिखा है. सिसोदिया ने पत्र में लिखा है कि बीजेपी लोगों को जेल में डालने की राजनीति कर रही है और हम बच्चों को पढ़ाने की राजनीति कर रहे हैं.
अपने पत्र में सिसोदिया ने लिखा है कि सीएम अरविंद केजरीवाल का गुनाह इतना है कि उन्होंने वैकल्पिक राजनीति खड़ी कर दी. इसलिए आज केजरीवाल सरकार के दो मंत्री जेल में हैं. सिसोदिया ने अपने पत्र में लिखा है कि वर्तमान में जेल की राजनीति भले ही सफल होते दिख रही है, लेकिन भारत का भविष्य स्कूल की राजनीति में है. अगर पूरे देश की राजनीति तन-मन-धन से शिक्षा के काम में जुट गई होती तो आज देश में हर बच्चे के लिए विकसित देशों की तरह अच्छे स्कूल बन गए होते.
सत्ता के खिलाफ उठने वाली हर आवाज को जेल भेजा जा रहा
मनीष सिसोदिया ने पत्र के माध्यम से कहा, “जेल के अंदर से देख पा रहा हूं कि जब राजनीति में सफलता जेल चलाने से मिल जा रही है तो स्कूल चलाने की राजनीति की भला कोई जरूरत क्यों महसूस करेगा. सत्ता के खिलाफ उठने वाली हर आवाज को जेल भेजना, बच्चों के लिए शानदार स्कूल-कॉलेज खोलने से कहीं ज्यादा आसान है. एक बार शिक्षा की राजनीति राष्ट्रीय फलक पर आ गई तो जेल की राजनीति हाशिए पर ही नहीं जाएगी, बल्कि जेलें भी बंद होने लगेंगी?”
इस खुले खत में सिसोदिया ने लिखा है, “दिल्ली के शिक्षा मंत्री के रूप में काम करते हुए बहुत बार यह सवाल मन में उठता रहा कि देश और राज्य की सत्ता तक पहुंचे नेताओं ने देश के हर बच्चे के लिए शानदार स्कूल और कॉलेज का इंतजाम क्यों नहीं किया. एक बार अगर पूरे देश में पूरी राजनीति तन, मन और धन से शिक्षा के काम में जुट गई होती तो आज हमारे देश में हर बच्चे के लिए विकसित देशों की तरह अच्छे से अच्छे स्कूल होते. फिर क्यों शिक्षा को सफल राजनीति ने हमेशा हाशिए पर रखा.”
केंद्र पर साधा जमकर निशाना
बता दें कि मनीष सिसोदिया ने गिरफ्तारी के बाद डिप्टी सीएम के पद से इस्तीफा दे दिया था, जिसके बाद आतिशी और शिक्षा विभाग की जिम्मेदारी सौंपी गई है. ईडी की गिरफ्तारी के बाद अपने पत्र में सिसोदिया ने लिखा है, “सत्ता के खिलाफ उठने वाली हर आवाज को जेल भेजकर या जेल भेजने की धमकी देकर सत्ता चलाना, देश के हरेक बच्चे के लिए शानदार स्कूल-कॉलेज खोलने और चलाने से कहीं ज्यादा आसान है.”
नेहा सिंह राठौर को नोटिस भेजे जाने का भी किया जिक्र
आप नेता ने आगे लिखा, “यूपी के हुक्मरानों को एक लोकगायिका का लोकगीत अपने खिलाफ लगा तो पुलिस का नोटिस भेज उसे जेल जाने की धमकी भिजवा दी. वहीं कांग्रेस के एक प्रवक्ता को दो राज्यों की पुलिस ने एक खूंखार अपराधी की तरह फिल्मी अंदाज में जाकर दबोचा. तस्वीर एकदम साफ दिख रही है. जेल की राजनीति सत्ता में बैठे नेता को और बड़ा व ताकतवर बना रही है.”
-भारत एक्सप्रेस
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